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स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 एसबीएम (शहरी) 2.0 के अंतर्गत प्रारंभ किया गया

स्वच्छ सर्वेक्षण 2023- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां  एवं  अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 चर्चा में

  • हाल ही में, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (मिनिस्ट्री आफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स/MoHUA) के सचिव ने स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 के तहत स्वच्छ सर्वेक्षण (SS) – स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के आठवें संस्करण को एक आभासी कार्यक्रम में विमोचित किया है।

 

स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के बारे में महत्वपूर्ण बिंदु

  • स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के बारे में: स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 अपशिष्ट से मूल्य पुनर्प्राप्ति के विशाल दायरे का दोहन करते हुए अपशिष्ट प्रबंधन में एक चक्रीय अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने की प्रतिबद्धता को दोहराता है।
  • थीम: स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 की थीम ‘अपशिष्ट से धन’ (वेस्ट टू वेल्थ) इसके प्रेरक दर्शन के रूप में है।
  • महत्व: स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 अपशिष्ट प्रबंधन में वृत्तपरकता प्राप्त करने की दिशा में क्यूरेट किया गया है।
    • स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 सर्वेक्षण 3Rs के सिद्धांत –  अल्पीकरण, पुनर्चक्रण  तथा पुन: उपयोग (रिड्यूस रिसाइकल एंड रियूज़) को प्राथमिकता देगा।
  • मूल्यांकन प्रक्रिया: स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में, पूर्ववर्ती संस्करणों में 3 चरणों के स्थान पर 4 चरणों में मूल्यांकन किया जाएगा तथा चरण 4 के अतिरिक्त, नागरिक सत्यापन एवं उपचारण सुविधाओं के क्षेत्र मूल्यांकन को चरण 3 में भी प्रारंभ किया जा रहा है।
    • ऐसा इसलिए है, क्योंकि यह देखा गया है कि जब भी स्वच्छ सर्वेक्षण प्रारंभ होता है, तो शहरों द्वारासंपादित किए जाने वाले क्रियाकलापों का एक बढ़ा हुआ स्तर होता है एवं सर्वेक्षण किए जाने के महीनों के दौरान शहर स्पष्ट रूप से साफ होते हैं।
  • प्रमुख विशेषताएं:
    • स्रोत पृथक्करण:  स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में, कचरे के स्रोत पृथक्करण, अपशिष्ट उत्पादन से मेल खाने के लिए शहरों की अपशिष्ट प्रसंस्करण क्षमता में वृद्धि तथा डंपसाइट में जाने वाले कचरे को कम करने के लिए अतिरिक्त भारण दिया गया है।
    • प्लास्टिक प्रदूषण: प्लास्टिक को चरणबद्ध रूप से कम करने, प्लास्टिक कचरे के प्रसंस्करण, कचरे को वंडर पार्कों में बढ़ावा देने तथा शून्य अपशिष्ट घटनाओं पर बल देने पर अतिरिक्त भारण के साथ संकेतक प्रस्तुत किए गए हैं।
    • स्वच्छतम वार्ड: स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के माध्यम से शहरों के भीतर वार्डों की रैंकिंग को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है। शहरों के मेयरों को रैंकिंग में भाग लेने तथा सर्वाधिक स्वच्छ वार्डों को सम्मानित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
    • शहरों को ‘खुले में मूत्र त्याग’ (येलो स्पॉट) तथा ‘खुले में थूकने’ (रेड स्पॉट) के मुद्दों पर समर्पित संकेतकों पर शहरों का मूल्यांकन किया जाएगा।
    • इसके अतिरिक्त, इस वर्ष एमओएचयूए आवासीय एवं वाणिज्यिक क्षेत्रों की पार्श्व (अंदरूनी) गलियों की सफाई को भी बढ़ावा दे रहा है।

स्वच्छ सर्वेक्षण के बारे में

  • स्वच्छ सर्वेक्षण के बारे में: व्यापक स्तर पर नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करते हुए शहरों को शहरी स्वच्छता की स्थिति में सुधार करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु 2016 में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण की शुरुआत की गई थी।
  • कार्यान्वयन मंत्रालय: स्वच्छ सर्वेक्षण आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा अपने व्यापक कार्यक्रम- एसबीएम (शहरी) योजना के तहत कार्यान्वित किया जा रहा है।
  • महत्व: विगत वर्षों से स्वच्छ सर्वेक्षण शहरों में मिशन को गति देने में सहायक रहा है।
  • स्वच्छ सर्वेक्षण ने स्वच्छता मानकों पर अपने प्रदर्शन में सुधार करने के लिए शहरों के मध्य एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को जन्म दिया है जिससे नागरिकों को स्वच्छता सेवाओं के वितरण में सुधार हुआ है।
  • प्रदर्शन: स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 की शुरुआत 2016 में हुई, जिसमें 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले मात्र 73 शहरों में स्वच्छ सर्वेक्षण में कई गुना वृद्धि हुई है, जिसमें-
    • 2017 में 434 शहर
    • 2018 में 4,203 शहर
    • 2019 में 4,237 शहर,
    • स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में 4,242 शहर,
    • स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में 4,320 शहर,  एवं
    • स्वच्छ सर्वेक्षण (एसएस) 2022 में 4,355 शहर, जिसमें 62 छावनी बोर्ड सम्मिलित हैं।

 

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