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वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व दिशा निर्देश 2022

एसएसआर यूपीएससी: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास  तथा उनके अनुप्रयोग एवं दैनिक जीवन में उनके प्रभाव।

वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व यूपीएससी: प्रसंग

  • हाल ही में, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सामाजिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में वैज्ञानिक समुदाय की क्षमता का दोहन करने के लिए वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व (साइंटिफिक सोशल रिस्पांसिबिलिटी/SSR) दिशानिर्देश जारी किए हैं।

 

वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व: प्रमुख बिंदु

  • वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व, नैगमिक सामाजिक उत्तरदायित्व (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी/सीएसआर) की भावना के अनुरूप है।
  • एसएसआर का उद्देश्य समाज के वंचित एवं शोषित वर्गों की क्षमता तथा सामर्थ्य में वृद्धि कर उन्हें सशक्त बनाने के उद्देश्य से मौजूदा परिसंपत्तियों के इष्टतम उपयोग के लिए एक प्रभावी पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित करना है।
  • सभी केंद्रीय मंत्रालयों एवं राज्य सरकारों को अपने संबंधित अधिदेश के अनुसार अपने वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व की योजना तथा रणनीति बनाने की आवश्यकता है।

 

वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व डीएसटी: दिशा-निर्देशों के प्रमुख प्रावधान

  • देश के प्रत्येक वैज्ञानिक से वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व की दिशा में वर्ष में कम से कम 10 दिन योगदान देने की अपेक्षा की जाती है।
  • इस तरह की स्वैच्छिक गतिविधियां उनके नियमित कार्यों के अतिरिक्त होंगी तथा उनके वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन में विधिवत रूप से इन्हें मान्यता प्रदान किया जाएगा।
  • मंत्रालय ने 17 विस्तृत गतिविधियों को सूचीबद्ध किया है जिन्हें विज्ञान तथा समाज के मध्य की खाई को पाटने के लिए वैज्ञानिकों द्वारा अपने एसएसआर के हिस्से के रूप में प्रारंभ किया जा सकता है।
  • क्रियाकलापों में सम्मिलित हैं:
    • छात्रों को विज्ञान में करियर बनाने के लिए प्रेरित करने हेतु विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में वैज्ञानिकों द्वारा व्याख्यान;
    • विद्यालयी छात्रों को उनकी नवाचार परियोजनाओं में परामर्श प्रदान करना;
    • प्रशिक्षण  तथा कार्यशालाओं के माध्यम से तारामंडल, प्रयोगशालाओं, विज्ञान केंद्रों, कौशल विकास के दौरों का आयोजन;
    • कृत्रिम प्रज्ञान (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) जैसे लोकप्रिय विषयों पर सरल भाषा में वैज्ञानिक वार्ता करना।
  • दिशानिर्देश सार्वजनिक तथा निजी ज्ञान संस्थानों, सरकारी मंत्रालयों  एवं विभागों  तथा संबद्ध स्वायत्त एजेंसियों में कार्य करने वाले वैज्ञानिकों पर लागू होंगे।
  • दिशानिर्देशों के अनुसार, सरकार द्वारा बजटीय सहायता से व्यक्तिगत एवं संस्थागत एसएसआर गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व (SSR) गतिविधियों को आउटसोर्स या उप-संविदा (सब-कॉन्ट्रैक्ट) करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व एसईआरबी: SSR के लाभ

  • विज्ञान के कार्य-क्षेत्र तथा इसके लाभों का समुदाय तक विस्तार करना। विज्ञान में छात्रों को प्रोत्साहित करना एवं उनकी रुचि का पोषण करना।
  • विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में अन्य शोधकर्ताओं के साथ प्रयोगशालाओं में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संसाधनों के सहयोग तथा साझाकरण का अवसर सृजित करना।
  • कौशल विकास और वैज्ञानिक ज्ञान के उन्नयन के लिए प्रशिक्षण प्रदान करना।
  • एमएसएमई, स्टार्ट-अप एवं अनौपचारिक क्षेत्र के उद्यमों को उनकी समग्र उत्पादकता बढ़ाने में सहायता प्रदान करना
  • ग्रामीण नवाचार में वैज्ञानिक अंतःक्षेप को सुगम बनाना।
  • वैज्ञानिक अंतःक्षेप के माध्यम से महिलाओं, वंचितों एवं समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाना
  • जल, पारिस्थितिकी, स्वास्थ्य एवं आजीविका जैसे देश के प्रौद्योगिकी विजन 2035 विशेषाधिकारों तथा सतत विकास लक्ष्यों (सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स/एसडीजी) को संबोधित करने की दिशा में कार्यों को सुविधाजनक बनाना।

 

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