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सूर्य के ऊपर घटित होने वाले प्लाज्मा के जेट || व्याख्यायित ||

सूर्य के ऊपर घटित होने वाले प्लाज्मा के जेट: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास  तथा उनके अनुप्रयोग एवं दैनिक जीवन में उनके प्रभाव।

सूर्य के ऊपर घटित होने वाले प्लाज्मा के जेट: संदर्भ

  • हाल ही में, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ( डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी/डीएसटी) के एक स्वायत्त संस्थान, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स में खगोलविदों के नेतृत्व में वैज्ञानिकों ने प्लाज्मा के जेट के पीछे के विज्ञान को उजागर किया है जो सूर्य के क्रोमोस्फीयर में लगभग प्रत्येक स्थान पर घटित होता है।

 

सूर्य के ऊपर घटित होने वाले प्लाज्मा के जेट: मूल बातें पहले

  • प्लाज्मा का जेट क्या है: यह विद्युत आवेशित कणों से युक्त पदार्थ की चौथी अवस्था है।
  • सूर्य का वर्ण मंडल (क्रोमोस्फीयर) क्या है: यह सूर्य की दृश्य सतह के ठीक ऊपर की वायुमंडलीय परत है।
  • प्रकाश मंडल (फोटोस्फीयर) क्या है: फोटोस्फीयर सूर्य की सर्वाधिक गहनतम परत है जिसे हम प्रत्यक्ष रूप से अवलोकन कर सकते हैं।

क्रेडिट: नासा

 

प्लाज्मा के जेट के बारे में

  • प्लाज्मा जेट, या स्पिक्यूल्स, पतली घास जैसी प्लाज्मा संरचनाओं के रूप में दिखाई देते हैं जो लगातार सतह से ऊपर उठते हैं तथा फिर गुरुत्वाकर्षण द्वारा नीचे लाए जाते हैं।
  • इन स्पिक्यूल्स में जितनी ऊर्जा एवं गति हो सकती है वह सौर तथा प्लाज्मा खगोल भौतिकी में मौलिक रुचि का विषय है।
  • जिन प्रक्रियाओं से सौर पवन को प्लाज्मा की आपूर्ति की जाती है तथा सौर वातावरण को एक मिलियन डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया जाता है, अभी भी एक पहेली बनी हुई है।

 

सूर्य के ऊपर होने घटित वाले प्लाज्मा के जेट: प्रयोग

  • स्पिक्यूल डायनेमिक्स के अंतर्निहित भौतिकी का अन्वेषण करने के प्रयास में, टीम ने एक ऑडियो स्पीकर की ओर रुख किया।
  • एक बास स्पीकर फिल्मों में सुनाई देने वाली गड़गड़ाहट की आवाज की तरह कम आवृत्तियों पर उद्दीपन के लिए प्रतिक्रिया देता है।
  • जब ऐसे स्पीकर के ऊपर एक तरल पदार्थ को रखा जाता है एवं संगीत को चालू किया जाता है, तो तरल की मुक्त सतह एक विशेष आवृत्ति से परे अस्थिर हो जाती है एवं कंपन करना प्रारंभ कर देती है।
  • प्रकृति में देखे गएफैराडे उद्दीपनका एक सुंदर उदाहरण है, जब संभोग प्रदर्शन के दौरान आंशिक रूप से जलमग्न नर मगरमच्छ की पीठ पर जल की बूंदें गिरती हैं।
  • यद्यपि, पेंट या शैम्पू जैसा तरल पदार्थ स्पीकर पर उत्तेजित होने पर अखंडित जेट में परिणत होगा क्योंकि इसकी लंबी बहुलक श्रृंखला इसे दिशात्मकता प्रदान करती है।
  • लेख के लेखकों ने अनुभव किया कि इन पेंट जेट में अंतर्निहित भौतिकी सौर प्लाज्मा जेट के अनुरूप होना चाहिए।

 

सूर्य के ऊपर घटित होने वाले प्लाज्मा के जेट: मुख्य निष्कर्ष

  • वैज्ञानिकों ने पाया कि एक स्पीकर पर उत्तेजित होने पर पेंट जेट में अंतर्निहित भौतिकी सौर प्लाज्मा जेट के समान होती है
  • वैज्ञानिकों ने विस्तार से बताया कि दृश्यमान सौर सतह (फोटोस्फीयर) के ठीक नीचे का प्लाज्मा, बिल्कुल तल पर गर्म किए गए बर्तन में उबलते जल की भांति सदैव संवहन की स्थिति में होता है।
  • यह अंततः गर्म-सघन अंतस्थ क्षेत्र (कोर) में मुक्त परमाणु ऊर्जा द्वारा संचालित होता है।
  • संवहन सौर क्रोमोस्फीयर, दृश्यमान सौर चक्र के ठीक ऊपर उथली अर्ध-पारदर्शी परत में प्लाज्मा के लिए लगभग आवधिक किंतु सशक्त प्रक्षेप (किक) प्रदान करता है।
  • क्रोमोस्फीयर, फोटोस्फीयर में प्लाज्मा की तुलना में 500 गुना हल्का है।
  • अतः, नीचे से ये सशक्त प्रक्षेप, मगरमच्छ के आर्तनाद के विपरीत नहीं, पतले स्तंभों या स्पिक्यूल्स के रूप में पराध्वनिक (अल्ट्रासोनिक) गति से क्रोमोस्फेरिक प्लाज्मा को बाहर की ओर शूट करते हैं।

 

सूर्य के ऊपर घटित होने वाले प्लाज्मा के जेट: महत्व

  • स्पिक्यूल्स सभी आकारों एवं गति में पाए जाते हैं। सौर समुदाय में मौजूदा सर्वसम्मति यह रही है कि छोटे स्पिक्यूल्स के पीछे  की भौतिकी लम्बे और तेज़ स्पिक्यूल्स से अलग है।
  • अध्ययन इस व्यापक मान्यता को चुनौती देता है कि सौर संवहन स्वयं में सभी प्रकार के जेट- छोटे एवं साथ ही लंबे जेट निर्मित कर सकता है ।

 

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