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भारत के उपराष्ट्रपति (अनुच्छेद 63-73)

भारत के उपराष्ट्रपति- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, उद्विकास, विशेषताएं, संशोधन, महत्वपूर्ण प्रावधान एवं आधारिक संरचना।

भारत के उपराष्ट्रपति

  • संवैधानिक प्रावधान: भारत के उपराष्ट्रपति के पद का उल्लेख भारत के संविधान के भाग V में अध्याय I ( कार्यपालिका) के  अंतर्गत किया गया है।
    • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 63 में उपराष्ट्रपति के पद का उल्लेख है।
    • संविधान के अनुच्छेद 63-73 भारत के उपराष्ट्रपति की अर्हता, निर्वाचन तथा पदच्युति से संबंधित हैं।
  • संवैधानिक स्थिति: भारत के उपराष्ट्रपति  का पद देश का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद है।
  • वर्तमान उपराष्ट्रपति: मुप्पवरपु वेंकैया नायडू भारत के वर्तमान उपराष्ट्रपति तथा राज्यसभा के सभापति हैं।

 

उपराष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए योग्यताएं

  • उपराष्ट्रपति संसद के किसी सदन या किसी राज्य के विधानमंडल के किसी सदन का सदस्य नहीं होगा।
    • यदि संसद के किसी सदन या किसी राज्य के विधानमंडल के किसी सदन का कोई सदस्य उपराष्ट्रपति निर्वाचित हो जाता है, तो यह समझा जाएगा कि उसने उस सदन में अपना स्थान उस तिथि को रिक्त कर दिया है जिस दिन वह उपराष्ट्रपति के रूप में अपना पद ग्रहण करता है।
  • कोई भी व्यक्ति उपराष्ट्रपति के पद पर निर्वाचन हेतु तब तक पात्र नहीं होगा जब तक कि वह-
    • भारत का नागरिक हो;
    • पैंतीस वर्ष की आयु पूर्ण कर ली हो; तथा
    • राज्यसभा (राज्यों की परिषद) के सदस्य के रूप में निर्वाचन हेतु अर्ह है।
  • एक व्यक्ति उपराष्ट्रपति के रूप में निर्वाचन हेतु पात्र नहीं होगा यदि वह निम्नलिखित के अधीन लाभ का कोई पद धारण करता है-
    • भारत सरकार या
    • किसी भी राज्य की सरकार या
    • उक्त सरकारों में से किसी के नियंत्रण के अधीन कोई भी स्थानीय या अन्य प्राधिकरण।
  • टिप्पणी: इस अनुच्छेद के प्रयोजनों के लिए, किसी व्यक्ति को केवल इस कारण से लाभ का कोई पद धारण करने वाला नहीं माना जाएगा कि वह संघ का राष्ट्रपति या उपाध्यक्ष या किसी राज्य का राज्यपाल है या संघ या किसी राज्य का मंत्री है ।

 

भारत के उपराष्ट्रपति का निर्वाचन

  • अर्ह मतदाता: उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों  से निर्मित निर्वाचक मंडल के सदस्यों द्वारा किया जाएगा।
    • टिप्पणी: संसद के निर्वाचित तथा मनोनीत दोनों सदस्य (लोकसभा एवं राज्यसभा) उपराष्ट्रपति के निर्वाचन में भाग लेते हैं।
  • निर्वाचन की रीति: भारत के उपराष्ट्रपति का निर्वाचन आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से होता है।
    • भारत के उपराष्ट्रपति के निर्वाचन में मतदान गुप्त मतदान की प्रक्रिया द्वारा होगा।

भारत के उपराष्ट्रपति से संबंधित संवैधानिक अनुच्छेद

 

भारत के उपराष्ट्रपति [अनुच्छेद 63 से अनुच्छेद 71]
अनुच्छेद 63 भारत का एक उपराष्ट्रपति होगा।
अनुच्छेद 64 उपराष्ट्रपति राज्यसभा (राज्यों की परिषद) का पदेन अध्यक्ष होगा  एवं कोई अन्य लाभ का पद धारण नहीं करेगा।
अनुच्छेद 65 उपराष्ट्रपति को कार्यालय में आकस्मिक रिक्तियों के दौरान या राष्ट्रपति की अनुपस्थिति के दौरान राष्ट्रपति के रूप में कार्य करना या उनके कार्यों का निर्वहन करना होगा।
अनुच्छेद 66 उपराष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से निर्मित निर्वाचक मंडल के सदस्यों द्वारा किया जाएगा। उपराष्ट्रपति संसद के किसी सदन या किसी राज्य के विधानमंडल के किसी सदन का सदस्य नहीं होगा।
अनुच्छेद 67 उपराष्ट्रपति अपनी नियुक्ति की तिथि से पांच वर्ष की अवधि के लिए पद धारण करेगा।
अनुच्छेद 68 उपराष्ट्रपति के पद का कार्यकाल पूर्ण होने के कारण सृजित रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन उपराष्ट्रपति के कार्यकाल की समाप्ति से पूर्व संपन्न कर लिया जाएगा।

उपराष्ट्रपति की मृत्यु, त्यागपत्र या पद से हटाए जाने के कारण उत्पन्न हुई रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन यथाशीघ्र आयोजित कराया जाएगा।

अनुच्छेद 69 प्रत्येक उप-राष्ट्रपति राष्ट्रपति अथवा उनके द्वारा इस निमित्त नियुक्त किसी व्यक्ति के समक्ष अपना पद ग्रहण करने पर शपथ या प्रतिज्ञान करेगा।
अनुच्छेद 70 अन्‍य आकस्मिकताओं में राष्ट्रपति के कार्यों का निर्वहन।
अनुच्छेद 71 राष्ट्रपति या उपाध्यक्ष के निर्वाचन से संबंधित या उससे  संबंधित मामले।

 

भारत के राष्ट्रपति (अनुच्छेद 52-62): भारत के राष्ट्रपति के संवैधानिक प्रावधान, योग्यता एवं निर्वाचन 

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