Home   »   National Commission for Safai Karamcharis   »   Manual Scavenging in India

भारत में हाथ से मैला ढोने की प्रथा 

भारत में मैनुअल स्कैवेंजिंग- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- केंद्र एवं राज्यों द्वारा आबादी के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं तथा इन योजनाओं का प्रदर्शन।

भारत में हाथ से मैला ढोने की प्रथा _3.1

समाचारों में भारत में मैनुअल स्कैवेंजिंग 

  • मुंबई में कथित तौर पर हाथ से मैला ढोने के लिए कार्य पर रखे गए तीन मजदूरों की हाल ही में एक सेप्टिक टैंक में जहरीले धुएं के कारण मौत हो गई।

 

मैनुअल स्कैवेंजिंग क्या है?

  • मैनुअल स्कैवेंजिंग सीवर या सेप्टिक टैंक से हाथ से मानव मल को शारीरिक रूप से हटाने की प्रथा है। यह अमानवीय प्रथा अधिकांशतः दलित समुदाय के सदस्यों द्वारा की जाती है, जो भारत की जाति व्यवस्था में   सर्वाधिक निचले पायदान पर हैं।
  • PEMSR 2013 अधिनियम के अनुसार, सेप्टिक टैंक, नालों अथवा रेलवे ट्रैक को साफ करने के लिए नियोजित लोगों को सम्मिलित करने हेतु हाथ से मैला ढोने वालों (मैन्युअल स्कैवेंजर्स) की परिभाषा को विस्तार प्रदान किया गया था।

 

भारत में हाथ से मैला ढोने की प्रथा पर प्रतिबंध 

  • मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में नियोजन का निषेध तथा उनका पुनर्वास अधिनियम ( प्रोहिबिशन ऑफ एम्प्लॉयमेंट एज मैन्युअल स्कैवेंजर्स एंड रिहैबिलिटेशन एक्ट), 2013 के तहत, भारत में मैनुअल स्कैवेंजिंग की प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
  • मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में नियोजन का निषेध तथा उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013 हाथ से मैला ढोने वालों के रोजगार, बिना सुरक्षात्मक उपकरणों के सीवरों एवं सेप्टिक टैंकों की शारीरिक रूप से सफाई को प्रतिबंधित करता है।
    • यह अस्वच्छ शौचालयों के निर्माण पर भी प्रतिबंध लगाता है।

राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग

मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में नियोजन के निषेध तथा उनके पुनर्वास अधिनियम, 2013 की प्रमुख विशेषताएं

  • निषेध: अधिनियम हाथ से मैला ढोने वालों के नियोजन, बिना सुरक्षात्मक उपकरणों के सीवरों एवं सेप्टिक टैंकों की शारीरिक रूप से से सफाई तथा अस्वच्छ शौचालयों के निर्माण पर प्रतिबंध लगाता है।
  • पुनर्वास: यह हाथ से मैला ढोने वालों का पुनर्वास करने एवं उन्हें वैकल्पिक रोजगार प्रदान करने का प्रयास करता है।
  • स्वच्छ शौचालयों की निगरानी एवं निर्माण: प्रत्येक स्थानीय प्राधिकरण, छावनी बोर्ड  तथा रेलवे प्राधिकरण अपने अधिकार क्षेत्र में अस्वच्छ शौचालयों के सर्वेक्षण हेतु उत्तरदायी है।
    • वे कई स्वच्छता सामुदायिक शौचालयों का भी निर्माण करेंगे।
  • लोगों की जिम्मेदारी: अस्वच्छ शौचालयों का प्रत्येक अधिभोगी अपने खर्च पर शौचालय को परिवर्तित करने अथवा उसे ध्वस्त करने  हेतु उत्तरदायी होगा।
    • यदि वह ऐसा करने में विफल रहता है, तो स्थानीय प्राधिकारी शौचालय को परिवर्तित करेगा तथा उससे लागत वसूल करेगा।
  • कार्यान्वयन प्राधिकारी: जिला मजिस्ट्रेट एवं स्थानीय प्राधिकारी कार्यान्वयन प्राधिकारी होंगे।
  • उल्लंघन हेतु दंड: अधिनियम के तहत अपराध संज्ञेय एवं गैर-जमानती होंगे एवं संभवतः अविलंब अभियोग चलाया जाएगा।

भारत में हाथ से मैला ढोने की प्रथा _4.1

भारत में मैनुअल स्कैवेंजिंग अभी भी प्रचलित क्यों है?

  • खराब कार्यान्वयन: PEMSR 2013 अधिनियम को वास्तविक स्तर पर खराब तरीके से क्रियान्वित किया गया है। इसका परिणाम उन निर्धनों का शोषण है जो इस तरह की घिनौनी प्रथाओं से अपनी रक्षा करने में असमर्थ हैं।
  • सस्ते श्रम की उपलब्धता: इसका प्रायः ठेकेदारों द्वारा शोषण किया जाता है क्योंकि उनके पास बहुत सस्ते, अकुशल श्रमिक उपलब्ध होते हैं।
    • इसलिए, ठेकेदार उन्हें अत्यंत अपर्याप्त दैनिक वेतन पर अवैध रूप से नियुक्त करते हैं। भ्रष्टाचार तथा अधिनियम के खराब कार्यान्वयन के कारण वे प्रायः इससे बच निकलते हैं।
  • जागरूकता का अभाव: सरकार भी आम लोगों के मध्य पर्याप्त जागरूकता सृजित करने हेतु, विशेष रूप से मैनुअल स्कैवेंजिंग के पीड़ितों के मध्य ऐसी प्रथाओं के विभिन्न हानिकारक स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में  पर्याप्त  उपाय नहीं कर रही है।

 

संपादकीय विश्लेषण: एक उप क्षेत्रीय समूह जिसे मार्ग पर वापस आना चाहिए ग्रेट बैरियर रीफ में व्यापक पैमाने पर विरंजन तेजस स्किलिंग प्रोजेक्ट सूक्ष्म वित्त संस्थान (माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस/एमएफआई)
ग्राम न्यायालय | ग्राम न्यायालय अधिनियम 2008 सागरमाला कार्यक्रम के सात वर्ष संपादकीय विश्लेषण: हर्टेनिंग माइलस्टोन नीति आयोग ने निर्यात तत्परता सूचकांक 2021 जारी किया
भारत में राष्ट्रीय जलमार्गों की सूची अंतर्राष्ट्रीय चुनाव आगंतुक कार्यक्रम 2022 भारत के राष्ट्रपति | राष्ट्रपति के प्रमुख कार्य एवं शक्तियां भारत के राष्ट्रपति (अनुच्छेद 52-62): भारत के राष्ट्रपति के संवैधानिक प्रावधान, योग्यता एवं निर्वाचन 

Sharing is caring!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *