Categories: हिंदी

संपादकीय विश्लेषण- केयर इनफॉर्म्ड बाय डेटा

केयर इनफॉर्म्ड बाय डेटा- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां  एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

कोविड-19 के कारण अनाथ बच्चे: संदर्भ

  • कोविड-19  के कारण अनाथ होने के हालिया लैंसेट अनुमानों ने कोविड-19 के परिणामस्वरूप अनाथ हुए बच्चों की संख्या 19 लाख से अधिक बताई है।
    • इसने भारत एवं उसके अनाथ बच्चों के भविष्य के लिए चिंताएं बढ़ा दी हैं।
  • भारत ने 19 लाख के अनुमान पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की है, इसे “नागरिकों में दहशत पैदा करने के इरादे से परिष्कृत चालबाजी” करार दिया है।
    • राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा एकत्र किए गए एवं बाल स्वराज पोर्टल पर एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोविड-19 के दौरान अनाथ बच्चों की संख्या 1.53 लाख थी।

 

कोविड-19 के कारण अनाथ बच्चे- लैंसेट स्टडी

  • वैश्विक परिदृश्य: वैश्विक स्तर पर यह अनुमान लगाया गया है कि महामारी के कारण 52 लाख बच्चे अनाथ हो गए थे।
  • लैंसेट स्टडी कोविड-19 के कारण अनाथ को परिभाषित करता है: अनाथ अवस्था को एक या दोनों माता-पिता (अभिभावकों) की मृत्यु के रूप में परिभाषित किया गया था; या एक या दोनों संरक्षक दादा-दादी की मृत्यु।
  • लैंसेट के निष्कर्षों से ज्ञात होता है कि महामारी के आरंभिक 14 महीनों के बाद के आंकड़ों की तुलना में  कोविड-19 द्वारा अनाथ बच्चों की संख्या छह महीनों में लगभग दोगुनी हो गई थी।

 

कोविड-19 के कारण अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदम

  • भारत सरकार ने कोविड-19 के कारण अनाथ होने को बाध्य हुए बच्चों के लिए सहायता की एक व्यापक योजना की घोषणा की।
  • अनेक राज्यों ने पुनर्वास योजनाओं की घोषणा की, जिसमें दत्तक ग्रहण (गोद लेने), प्रतिपालक देखभाल, शिक्षा एवं स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के प्रावधान सम्मिलित हैं।

 

कोविड-19 के कारण अनाथ बच्चे- आगे की राह

  • COVID-19 प्रबंधन में चाइल्डकैअर को शामिल करें: दुनिया भर की सरकारों को शिशु देखभाल (चाइल्डकैअर) को किसी भी कोविड-19 प्रबंधन कार्यक्रम में पूर्ण तात्कालिकता के साथ शामिल करना चाहिए।
    • राज्य को ऐसे बच्चों को कई प्रतिकूलताओं – निर्धनता, हिंसा, अभाव एवं शिक्षा  तथा स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक पहुंच की कमी से बचाने के लिए देखभाल के प्रछत्र में सक्रिय रूप से सम्मिलित करना चाहिए।
  • मौजूदा कार्यक्रमों को अद्यतन करें: भारत को कोविड प्रभावित अनाथ बच्चों की देखभाल के कार्यक्रमों की स्थिति को अपडेट करना चाहिए।
    • भारत को उन मामलों की संख्या के बारे में भी सूचनाओं को अद्यतन करना चाहिए जहां हस्तक्षेप हुआ है,  तथा जहां यह लंबित है, जिसे सार्वजनिक दायरे में रखा जाना चाहिए।

निष्कर्ष

  • सरकार को समय-समय पर ‘संपूर्ण जीवन’ देखभाल प्रतिमान एवं नवीनतम डेटा द्वारा बच्चों को सूचित करने हेतु अंतःक्षेप की अनुमति प्रदान करनी चाहिए।
  • यह महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से एक महामारी में जो न केवल तेजी से विकसित हो रही है, बल्कि सभी दृष्टियों से, कहीं भी निकट भविष्य में समाप्त नहीं हो रही है।

 

प्रवासियों एवं देश-प्रत्यावर्तितों के राहत तथा पुनर्वास हेतु प्रछत्र योजना बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन रूस-यूक्रेन युद्ध के मध्य क्वाड शिखर सम्मेलन भारतीय अर्थव्यवस्था पर रूस यूक्रेन युद्ध का प्रभाव
तृतीय आंग्ल-मराठा युद्ध संपादकीय विश्लेषण: लाइन्स एंड रोल्स एनडीआरएफ ने यूक्रेन को राहत सामग्री भेजी “सागर परिक्रमा” कार्यक्रम
स्त्री मनोरक्षा परियोजना सिम्बा: एशियाई सिंह की पहचान हेतु सॉफ्टवेयर लैंगिक भूमिकाओं पर प्यू स्टडी द्वितीय आंग्ल-मराठा युद्ध
manish

Recent Posts

India Mountain Passes: State Wise, Facts and Highest Pass

India Mountain Passes as a crucial route through mountainous terrain, acting as a gateway to…

5 hours ago

Himalayas Longitudinal Division- Insight, Facts, Explanation

The Himalayas Longitudinal Division encompasses three main divisions: the Kashmir/Punjab/Himachal Himalayas, the Kumaun Himalayas, and…

6 hours ago

India’s Varied Rock Systems: Archaean, Purana, Dravidian, and Aryan Explained

The subcontinent's geological past can be derived from the dynamic and complex process of classifying…

7 hours ago

National Council for Transgender Persons- Function, Composition

Established under the Transgender Persons Protection of Rights Act 2019 by the Ministry of Social…

10 hours ago

What is Article 370 of the Indian Constitution?, History

Last year on December 11, the Supreme Court ruled on the 2019 amendment to Article…

11 hours ago

Chhattisgarh Judiciary Previous Year Question Papers PDF

Accessing previous year question papers from the Chhattisgarh Judiciary provides invaluable insights and preparation opportunities…

11 hours ago