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प्रवासियों एवं देश-प्रत्यावर्तितों के राहत तथा पुनर्वास हेतु प्रछत्र योजना 

प्रवासियों एवं देश-प्रत्यावर्तितों के राहत तथा पुनर्वास हेतु प्रछत्र योजना: प्रासंगिकता

  • जीएस 2: केंद्र  एवं राज्यों द्वारा आबादी के कमजोर वर्गों के लिए कल्याण योजनाएं तथा इन योजनाओं का प्रदर्शन।

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प्रवासियों एवं देश-प्रत्यावर्तितों के राहत तथा पुनर्वास हेतु प्रछत्र योजना: संदर्भ

  • हाल ही में गृह मंत्रालय ने अम्ब्रेला योजना “प्रवासियों और प्रत्यावर्तियों की राहत तथा पुनर्वास” के अंतर्गत सात मौजूदा उप योजनाओं को जारी रखने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।

 

प्रवासियों एवं देश-प्रत्यावर्तितों के राहत तथा पुनर्वास हेतु प्रछत्र योजना: प्रमुख बिंदु

  • योजना को 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए अनुमोदित किया गया है।
  • योजना का कुल परिव्यय 1,452 करोड़ रुपये होगा।
  • यह योजना उन प्रवासियों एवं प्रत्यावर्तियों को, जो विस्थापन के कारण पीड़ित हैं, एक उचित आय अर्जित करने तथा मुख्यधारा की आर्थिक गतिविधियों में उनके समावेश को सुविधाजनक बनाने हेतु सक्षम बनाती है।
  • अनुमोदन से यह सुनिश्चित होगा कि अम्ब्रेला योजना के अंतर्गत सहायता गृह मंत्रालय के माध्यम से लाभार्थियों तक पहुंचती रहेगी।

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प्रवासियों एवं देश-प्रत्यावर्तितों के राहत तथा पुनर्वास हेतु प्रछत्र योजना: 7 योजनाएं

  • जम्मू-कश्मीर कथा छंब के पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्रों के विस्थापित परिवारों के लिए राहत एवं पुनर्वास,
  • श्रीलंकाई तमिल शरणार्थियों को राहत सहायता,
  • त्रिपुरा में राहत शिविरों में बंद ब्रू को राहत सहायता,
  • 1984 के सिख विरोधी दंगा पीड़ितों को वर्धित राहत,
  • उग्रवाद, विद्रोहियों, सांप्रदायिक/वामपंथी उग्रवाद हिंसा और सीमा पार से गोलीबारी  तथा भारतीय क्षेत्र में  बारूदी सुरंग/आईईडी विस्फोटों के पीड़ितों सहित आतंकवादी हिंसा के प्रभावित नागरिक पीड़ितों के परिवारों को वित्तीय सहायता एवं अन्य सुविधाएं,
  • केंद्रीय तिब्बती राहत समिति (सेंट्रल तिब्बतन रिलीफ कमेटी/सीटीआरसी) को सहायता अनुदान,
  • सरकार पश्चिम बंगाल सरकार को कूचबिहार जिले में स्थित भारत में 51 पूर्व बांग्लादेशी अंतस्थ क्षेत्रों (एन्क्लेव) में आधारिक अवसंरचना के विकास के लिए  एवं बांग्लादेश में पूर्ववर्ती भारतीय अंतस्थ क्षेत्रों से 922 स्वदेश वापस लौटने वालों के पुनर्वास के लिए सहायता अनुदान भी प्रदान कर रही है।

 

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