Categories: हिंदी

शिपिंग क्षेत्र पर रूस-यूक्रेन संघर्ष का प्रभाव

रूस यूक्रेन युद्ध- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों एवं राजनीति का प्रभाव।

रूस यूक्रेन युद्ध- खबरों में क्यों है

  • रूस यूक्रेन युद्ध तब प्रारंभ हुआ जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ‘यूक्रेन में सैन्य अभियानों’ की घोषणा की।
  • रूस यूक्रेन संघर्ष ने संपूर्ण विश्व में अनेक रणनीतिक, राजनीतिक तथा आर्थिक परिणाम दिए हैं।
  • मास्को द्वारा भूमि, वायु तथा समुद्र द्वारा यूक्रेन पर चौतरफा आक्रमण आरंभ करने के पश्चात यूक्रेन ने रूस के साथ राजनयिक संबंध तोड़ लिए हैं।
  • जारी रूस-यूक्रेन तनाव ने वैश्विक व्यापार को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है।

 

पोत परिवहन क्षेत्र पर रूस-यूक्रेन संघर्ष का प्रभाव

  • संपूर्ण विश्व में आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई है तथा विशेषज्ञों का मत है कि इस तरह के व्यवधानों के कारण शिपिंग क्षेत्र सहित भारतीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
  • रूस तथा यूक्रेन के मध्य संघर्ष के कारण, शिपिंग कंपनियों को निम्नलिखित मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है-
    • उत्तरी काला सागर में नौवहन गतिविधियां बंद हैं
    • पी एंड आई द्वारा बीमा कवर वापस ले लिया गया है।
    • यूक्रेन तथा रूस के लिए भेजे जाने वाले कंटेनर विभिन्न ट्रांसशिपमेंट बंदरगाहों पर पड़े हैं।
    • रूस में स्विफ्ट के अवरुद्ध होने के कारण भुगतान प्रभावित हुआ है।
    • पड़ोसी बंदरगाहों  तथा पोतांतरण बंदरगाहों पर भीड़भाड़ हो गई है।
    • रूस एवं सीआईएस देशों के लिए व्यापार प्रभावित हुआ है  तथा शिपिंग लाइनें रूसी बंदरगाहों के लिए माल स्वीकार नहीं कर रही हैं।
  • भारतीय शिपिंग कंपनियों को इस संकट के प्रतिकूल प्रभाव से सुरक्षित करने हेतु निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं-
    • स्थिति की समीक्षा के लिए सभी हितधारकों के साथ नियमित अंतराल पर बैठकें आयोजित की जा रही हैं।
    • स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रमंडल ( कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेंडेंट स्टेट्स/सीआईएस)/रूसी कार्गो के लिए वैकल्पिक मार्गों का पता लगाने के लिए शिपिंग लाइनों से अनुरोध किया गया है।
    • आयात निर्यात करने वाले व्यापारियों (एक्जिम ट्रेडर्स) को सूचित किया गया था कि मेसर्स वन शिपिंग कंटेनरों को व्लादिवोस्तोक ले जा रही है।

रूस यूक्रेन युद्ध- भारत की कूटनीतिक दुविधा

संयुक्त राष्ट्र में भारत के वक्तव्य में यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा का अभाव था। भारत की कूटनीतिक दुविधा के पांच कारणों पर नीचे चर्चा की गई है-

  • दोहरा मानदंड: पश्चिमी देश भारत के बयान को रूस के कार्यों की निंदा करने तथा दोहरे मानकों को लागू करने के रूप में देखता है, जबकि यह चीन की बात करते समय “क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता” का मुद्दा उठाता है।
  • रूस के साथ भारत के सामरिक संबंध: सैन्य आपूर्ति के लिए रूस पर भारत की निर्भरता – भारत के सैन्य हार्डवेयर का 60 से 70 प्रतिशत रूसी मूल का है।
    • यह ऐसे समय में अत्यंत महत्वपूर्ण है जब भारत का चीन के साथ सीमा गतिरोध जारी है।
  • संयुक्त राष्ट्र बैठक में भारत: भारत ने कहा कि रूस के साथ यूक्रेन की सीमा पर तनाव का बढ़ना गंभीर चिंता का विषय है।
    • यह पुतिन के रूस को सावधान करने हेतु नई दिल्ली की अब तक की निकटतम चेतावनी है कि रूस को जोखिम भरा व्यवहार नहीं करना चाहिए जिससे स्थितियां और गंभीर हों।
    • भारत के लिए रूस से ऐसा कहना एक मृदु उक्ति है: ऐसा मत करो (डोंट डू इट)।
  • भारतीय नागरिकों की सुरक्षा: भारत की चिंता उसके 20,000 भारतीय छात्रों एवं नागरिकों की बनी हुई है, जिनमें से अनेक यूक्रेन-रूस सीमा के नजदीक रहते हैं।
    • इनमें से  अनेक छात्र यूक्रेन के  चिकित्सा महाविद्यालयों (मेडिकल कॉलेजों) में नामांकित हैं।
    • भारत ने इस बात पर भी बल दिया है कि वह नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है।
  • राजनयिक चैनलों के माध्यम से शांतिपूर्ण वार्ता: भारत ने “सभी पक्षों” से जल्द से जल्द एक सौहार्दपूर्ण समाधान तक पहुंचने के लिए राजनयिक प्रयासों को और गहन करने के लिए कहा है।
    • यह पुनः भारत की एक समय-परीक्षित रेखा है, जहां यह सहयोगात्मक न होने के लिए एक पक्ष या दूसरे को दोष नहीं देता है।
    • पश्चिमी देशों ने तनाव को प्रारंभ करने के लिए रूस को दोषी ठहराया है तथा गेंद को पुतिन के पाले में डाल दिया है, जबकि रूसी राष्ट्रपति ने नाटो के पूर्वी विस्तार को खतरे के रूप में दोषी ठहराया है।

अन्य संबंधित आलेख

रूस यूक्रेन युद्ध पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद संकल्प 

रूस-यूक्रेन युद्ध के मध्य क्वाड शिखर सम्मेलन

भारतीय अर्थव्यवस्था पर रूस यूक्रेन युद्ध का प्रभाव

एनडीआरएफ ने यूक्रेन को राहत सामग्री भेजी 

रूस यूक्रेन युद्ध पर यूएनजीए की बैठक 

रूस पर स्विफ्ट प्रतिबंध | रूस यूक्रेन युद्ध

संपादकीय विश्लेषण- रूस की नाटो समस्या

रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भारत का रुख

मिन्स्क समझौते तथा रूस-यूक्रेन संघर्ष

रूस-यूक्रेन तनाव | यूक्रेन मुद्दे पर यूएनएससी की बैठक

लोकसभा अध्यक्षों की सूची लामित्ये 2022 अभ्यास| भारत- सेशेल्स संयुक्त सैन्य अभ्यास आईएमईएक्स 22: आईओएनएस सामुद्रिक अभ्यास 2022 जीनोम संपादन तथा क्रिस्पर-कैस9: परिभाषा | कार्यकरण |  लाभ | चुनौतियां
संपादकीय विश्लेषण- सामंजस्य, सहयोग सर्वोच्च न्यायालय ने टीएन वन्नियार कोटा को निरस्त किया आनुवंशिक रूप से संशोधित कुछ पौधों एवं जीवों के लिए नियमों में छूट भारत के उपराष्ट्रपति की पदावधि एवं पदच्युति
नेत्रा परियोजना तथा अंतरिक्ष मलबे ‘एमएसएमई प्रदर्शन को उन्नत एवं त्वरित करना’ योजना प्रधानमंत्री योग पुरस्कार 2022 5वां बिम्सटेक शिखर सम्मेलन
manish

Recent Posts

Unemployment Rate in India 2024, Last 10 Year State Report

The 'India Employment Report 2024,' a joint project between the Institute for Human Development (IHD)…

3 hours ago

Bhakti Movement and Sufi Movement Importance and Difference

The Bhakti and Sufi Movements are important for UPSC exam preparation as they form an…

3 hours ago

BPSC 70th Notification 2024, Exam Dates and Application Form

Annually, the Bihar Public Service Commission conducts the Service Examination in Bihar to fill the…

5 hours ago

List of Chief Election Commissioner of India (1950-2024)

The role of the Chief Election Commissioner of India holds significant constitutional authority, making it…

6 hours ago

Odisha Judicial Service Notification 2024, Check Exam Schedule

The Odisha Public Service Commission (OPSC) has announced the Odisha Judicial Service Examination 2024 through…

6 hours ago

HPPSC HPAS Syllabus 2024, Prelims and Mains Download PDF

Candidates preparing for the HPPSC examination can greatly benefit from reviewing the comprehensive HPPSC HPAS…

6 hours ago