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8वीं ब्रिक्स पर्यावरण मंत्रियों की बैठक

8वीं ब्रिक्स पर्यावरण मंत्रियों की बैठक- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े एवं/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।

8वीं ब्रिक्स पर्यावरण मंत्रियों की बैठक

  • हाल ही में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री, श्री भूपेंद्र यादव ने 8वीं ब्रिक्स पर्यावरण मंत्रियों की बैठक में भाग लिया।

 

8वीं ब्रिक्स पर्यावरण मंत्रियों की बैठक

  • 8वीं ब्रिक्स पर्यावरण मंत्रियों की बैठक के बारे में: 8 वीं ब्रिक्स पर्यावरण मंत्रियों की बैठक वस्तुतः चीन जनवादी गणराज्य की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी।
  • थीम: बैठक विषय वस्तु “उच्च गुणवत्ता वाले ब्रिक्स साझेदारी को बढ़ावा देना, वैश्विक विकास के लिए एक नए युग की शुरुआत” था।
  • भागीदारी: 8 वें ब्रिक्स पर्यावरण मंत्रियों में ब्राजील, रूस तथा दक्षिण अफ्रीका के मंत्रियों एवं प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।

 

8वीं ब्रिक्स पर्यावरण मंत्रियों की बैठक में भारत

  • ब्रिक्स राष्ट्रों की भूमिका: भारतीय मंत्री ने वैश्विक पर्यावरण तथा जलवायु परिवर्तन चुनौतियों का मुकाबला करने में ब्रिक्स राष्ट्रों के महत्व एवं महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया।
    • उन्होंने कहा कि ब्रिक्स के नेतृत्व वाली पहल राष्ट्र- प्रेरित एवं दृष्टिकोण में स्वैच्छिक होनी चाहिए तथा उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और बहुपक्षवाद की आवश्यकता को रेखांकित किया।
  • विकसित देशों की जिम्मेदारी: उन्होंने निम्नलिखित हेतु विकसित देशों की ऐतिहासिक जिम्मेदारी पर प्रकाश डाला-
    • कार्बन बजट की खपत;
    • जलवायु कार्रवाई तथा सतत विकास में सभी स्तरों पर समानता;
    • जलवायु परिवर्तन का शमन करने में जीवन शैली तथा सतत उपभोग पर अंकुश लगाना;
    • सामान्य किंतु विभेदित उत्तरदायित्व एवं संबंधित क्षमताएं (सीबीडीआर-आरसी);
    • राष्ट्रीय परिस्थितियाँ एवं प्राथमिकताएँ;
    • जलवायु न्याय; एवं
    • जलवायु वित्त एवं प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण पर विकसित देशों द्वारा की गई प्रतिबद्धताओं को पूरा करना।

ब्रिक्स समूह के बारे में

  • ब्रिक्स विश्व की प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं, जैसे ब्राजील, रूस, भारत, चीन  तथा दक्षिण अफ्रीका के समूह के लिए एक संक्षिप्त शब्द है।
  • पृष्ठभूमि: 2001 में, गोल्डमैन सैक्स के जिम ओ’नील ने “बिल्डिंग बेटर ग्लोबल इकोनॉमिक ब्रिक्स” नामक एक शोध पत्र लिखा था, जिसमें बताया गया था कि विश्व में भविष्य की जीडीपी वृद्धि चीन, भारत, रूस  तथा ब्राजील से आएगी।
    • यद्यपि शोध पत्र ने किसी औपचारिक समूह की सिफारिश नहीं की, किंतु इसने कहा कि ब्रिक अर्थव्यवस्थाएं संयुक्त रूप से 2039 से  पूर्व पश्चिमी प्रभुत्व वाली विश्व व्यवस्था को पीछे छोड़ देंगी।
  • ब्रिक्स का गठन: 2006 में, ब्रिक्स देशों के नेताओं ने सेंट पीटर्सबर्ग, रूस में जी-8 (जिसे अब जी-7 कहा जाता है) शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की एवं उस वर्ष ब्रिक को औपचारिक रूप दिया गया।
    • कुछ ही समय बाद, सितंबर 2006 में, ब्रिक विदेश मंत्रियों की पहली बैठक के दौरान समूह को ब्रिक के रूप में औपचारिक रूप प्रदान किया गया, जो न्यूयॉर्क शहर में संयुक्त राष्ट्र महासभा की आम बहस के दौरान हुई थी।
    • पहला औपचारिक शिखर सम्मेलन: 2009 में रूसी संघ में आयोजित हुआ तथा वैश्विक वित्तीय वास्तुकला में सुधार जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया।
    • दिसंबर 2010 में दक्षिण अफ्रीका को BRIC में सम्मिलित होने हेतु आमंत्रित किया गया था, जिसके बाद समूह ने BRICS का संक्षिप्त नाम अपनाया।
    • बाद में दक्षिण अफ्रीका ने 2011 में सान्या, चीन में तीसरे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया।
  • ब्रिक्स का मुख्यालय: BRICS का कोई मुख्यालय नहीं है, बल्कि BRICS के सभी देशों के अपने-अपने देश में BRICS को समर्पित कार्यालय हैं।
  • ब्रिक्स की संरचना: ब्रिक्स संगठन के रूप में अस्तित्व में नहीं है, किंतु यह पांच देशों के सर्वोच्च नेताओं के  मध्य एक वार्षिक शिखर सम्मेलन है।
  • ब्रिक्स की अध्यक्षता: फोरम की अध्यक्षता को संक्षिप्त रूप से बी-आर-आई-सी-एस के अनुसार सदस्यों के  मध्य वार्षिक रूप से क्रमावर्तित किया जाता है।
    • भारत  के पास जनवरी 2021 से ब्रिक्स की अध्यक्षता थी।
    • वर्तमान में ब्रिक्स की अध्यक्षता, चीन के पास है।

 

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