समाचार पत्र पढ़ते समय यूपीएससी के उम्मीदवारों को प्रायः एफटीए, पीटीए, सीईपीए इत्यादि जैसे शब्द अकस्मात सामने दिख जाते हैं। ये समान-ध्वनि वाले शब्द प्रायः उम्मीदवारों को भ्रमित करते हैं एवं इसलिए यह लेख आपकी तैयारी में आपकी सहायता करने तथा यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 को उत्तीर्ण करने के आपके लक्ष्य को प्राप्त करने में आपकी सहायता करने के निमित्त है।
व्यापार समझौते दो या दो से अधिक देशों के मध्य व्यापार, वाणिज्य, पारगमन अथवा निवेश की विशिष्ट शर्तों के लिए एक समझौता है। इनमें अधिकांशतः व्यापारिक एवं गैर-व्यापारिक रियायतों सहित पारस्परिक रूप से लाभकारी रियायतें भी सम्मिलित हैं।
प्रतिभागी (भाग लेने वाले) निकायों द्वारा सहमत शर्तों एवं रियायतों के आधार पर कतिपय प्रकार के व्यापारिक समझौते होते हैं।
फ्रेमवर्क समझौता मुख्य रूप से व्यापारिक भागीदारों के मध्य संभावित समझौते के उन्मुखीकरण के दायरे एवं प्रावधानों को परिभाषित करता है।
फ्रेमवर्क समझौता चर्चा के कुछ नए क्षेत्रों हेतु प्रावधान करता है एवं भविष्य के उदारीकरण की अवधि निर्धारित करता है।
भारत ने पूर्व समय में आसियान, जापान इत्यादि देशों के साथ फ्रेमवर्क समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
अर्ली हार्वेस्ट स्कीम (ईएचएस) दो व्यापारिक भागीदारों के मध्य एफटीए/सीईसीए/सीईपीए का पूर्ववर्ती है।
उदाहरण के लिए: आरसीईपी के लिए एक अर्ली हार्वेस्ट योजना आरंभ की गई है। इस स्तर पर, समझौता वार्ता करने वाले देश वास्तविक एफटीए वार्ता के समापन तक प्रशुल्क (टैरिफ) उदारीकरण के लिए कुछ उत्पादों का अभिनिर्धारण करते हैं।
इस प्रकार एक अर्ली हार्वेस्ट योजना संवर्धित जुड़ाव एवं विश्वास निर्माण की दिशा में एक कदम है।
पीटीए एक प्रकार का समझौता है जिसमें दो या दो से अधिक भागीदार कुछ उत्पादों में प्रवेश का अधिमान्य अधिकार प्रदान करते हैं। यह प्रशुल्क( टैरिफ) लाइनों की एक सहमत संख्या पर प्रशुल्कों को कम करके किया जाता है।
इस व्यापार समझौते में, एक सकारात्मक सूची अनुरक्षित की जाती है, अर्थात उन उत्पादों की सूची, जिन पर दोनों भागीदारों ने अधिमान्य/तरजीही पहुंच प्रदान करने हेतु सहमति व्यक्त की है।
यहां तक कि एक अधिमान्य व्यापार समझौते में भी कुछ उत्पादों हेतु प्रशुल्क घटाकर शून्य किया जा सकता है।
उदाहरण के लिए: भारत ने अफगानिस्तान के साथ एक अधिमान्य व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए।
एक मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) एक ऐसा समझौता है जहां दो या दो से अधिक देश भागीदार देश को अधिमान्य व्यापार शर्तें, प्रशुल्क रियायतें इत्यादि प्रदान करने हेतु सहमत होते हैं।
इस समझौते में, समझौता करने वाले देशों द्वारा उत्पादों एवं सेवाओं की एक नकारात्मक अनुरक्षित की जाती है, जिन पर एफटीए की शर्तें लागू नहीं होती हैं, अतः यह अधिमान्य व्यापार समझौते की तुलना में अधिक व्यापक है।
भारत ने आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ) जैसे कुछ व्यापारिक समूहों (ब्लॉकों) के साथ अनेक देशों जैसे श्रीलंका के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर किए हैं।
साझेदारी समझौता अथवा सहयोग समझौता मुक्त व्यापार समझौते की तुलना में अधिक व्यापक है।
सीईसीए/सीईपीए व्यापार के नियामक पहलू की भी जांच पड़ताल करता है एवं नियामक मुद्दों को सम्मिलित करने वाले एक समझौते को शामिल करता है।
सीईसीए का आच्छादन (कवरेज) व्यापक है। सीईपीए सेवाओं एवं निवेश तथा आर्थिक साझेदारी के अन्य क्षेत्रों में व्यापार पर समझौते को शामिल करता है।
सीईपीए व्यापार सुविधा एवं सीमा शुल्क सहयोग, प्रतिस्पर्धा तथा आईपीआर (बौद्धिक संपदा अधिकार) जैसे क्षेत्रों से संबंधित समझौते पर भी विचार कर सकता है।
उदाहरण के लिए: भारत ने दक्षिण कोरिया एवं जापान के साथ सीईपीए पर हस्ताक्षर किए हैं।
सीईसीए आम तौर पर केवल व्यापार शुल्क एवं टीक्यूआर दरों पर समझौतों को सम्मिलित करता है। याद, यह सीईपीए जितना व्यापक नहीं है। भारत ने मलेशिया के साथ सीईसीए पर हस्ताक्षर किए हैं।
एक सीमा शुल्क संघ दो या दो से अधिक देशों के मध्य व्यापार बाधाओं को दूर करने एवं प्रशुल्कों को कम अथवा समाप्त करने हेतु एक समझौता है। एक सीमा शुल्क संघ के सदस्य आम तौर पर गैर-सदस्य देशों से आयात पर एक सामान्य बाह्य प्रशुल्क आरोपित करते हैं।
एक आर्थिक संघ दो या दो से अधिक देशों के मध्य वस्तुओं, सेवाओं, मुद्रा एवं श्रमिकों को स्वतंत्र रूप से सीमाओं के पार जाने की अनुमति प्रदान करने हेतु एक समझौता है।
संबंधित देश इस उभयनिष्ठ बाजार का समर्थन करने के लिए सामाजिक एवं वित्तीय नीतियों का समन्वय भी कर सकते हैं। यूरोपीय संघ (ईयू) आर्थिक संघ का एक उदाहरण है।
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