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हरित हाइड्रोजन: प्रासंगिकता
- जीएस 3: आधारिक अवसंरचना: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़कें, हवाई अड्डे, रेलवे इत्यादि।
हरित हाइड्रोजन: प्रसंग
- हाल ही में, सरकार ने कहा है कि वह घरेलू, वाणिज्यिक एवं औद्योगिक खपत के लिए पाइप्ड प्राकृतिक गैस के साथ 15% हरित हाइड्रोजन को सम्मिश्रित करने की योजना बना रही है।
पीएनजी के साथ हाइड्रोजन के सम्मिश्रण के बारे में
- यह पहल 2070 तक हरितगृह गैस उत्सर्जन को कम करने एवं कार्बन न्यूट्रल बनने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के अनुरूप होगी।
- यह सरकार के राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन का एक भाग होगा, जिसका उद्देश्य हरित ऊर्जा स्रोतों से हाइड्रोजन उत्पादित करना है।
- सरकार हरित हाइड्रोजन के निर्माण के लिए बोलियां आमंत्रित करने की योजना बना रही है, जिसकी आपूर्ति उर्वरक इकाइयों एवं पेट्रोलियम शोधन शालाओं की जाएगी।
- इसी तरह, पीएनजी के लिए हरित हाइड्रोजन की आपूर्ति करने की भी योजना है। नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) के मामले में सरकार इसके लिए निशुल्क ट्रांसमिशन (विद्युत का) प्रदान करेगी।
- इसका उद्देश्य 15 प्रतिशत हरित हाइड्रोजन को पीएनजी के साथ सम्मिश्रित करना है, क्योंकि यह तकनीकी रूप से व्यवहार्य है।
हरित हाइड्रोजन: पूर्व की पहल
- सरकार ने घोषणा की है कि वह हरित हाइड्रोजन को नवीकरणीय क्रय दायित्व (आरपीओ) के अंतर्गत लाएगी।
- नवीकरणीय क्रय दायित्व: इसका तात्पर्य है कि थोक क्रेताओं (खरीदारों) जैसे कि डिस्कॉम्स एवं कैप्टिव उपयोगकर्ताओं को उनकी कुल उर्जा आवश्यकता में से नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) का एक निश्चित अनुपात क्रय करना होगा।
- सरकार ने कहा है कि हाइड्रोजन के लिए एक समान तंत्र निर्मित किया जाएगा एवं इसे हाइड्रोजन क्रय दायित्व (एचपीओ) कहा जाएगा।
हाइड्रोजन क्रय दायित्व (एचपीओ)
- एचपीओ तेल शोधन शालाओं एवं उर्वरक संयंत्रों जैसे उद्योगों को आच्छादित करेगा, जो ग्रे हाइड्रोजन का उपयोग करते हैं।
- विचार हरित हाइड्रोजन की मांग सृजित करना है। एचपीओ के 2023 से अस्तित्व में आने की संभावना है।
जल ऊर्जा के लाभ
- हाइड्रोजन एक लोचशील ऊर्जा वाहक है एवं इसका उपयोग अनेक ऊर्जा अनुप्रयोगों जैसे नवीकरणीय ऊर्जा तथा परिवहन के एकीकरण हेतु किया जा सकता है।
- स्वच्छ ऊर्जा: जल को विखंडित करने हेतु आरई एवं विद्युत अपघटन (इलेक्ट्रोलिसिस) का उपयोग करके हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाता है एवं यह ग्रे हाइड्रोजन से अलग होता है, जो मीथेन से उत्पन्न होता है एवं हरितगृह गैसों को मुक्त करता है।
- ऊर्जा को हाइड्रोजन से दहन के माध्यम से या ईंधन कोशिकाओं के माध्यम से निष्कर्षित किया जा सकता है, जो उप-उत्पाद के रूप में मात्र जल का उत्सर्जन करते हैं।
हाइड्रोजन के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयास
- यूरोप एवं उत्तरी अमेरिका हरित हाइड्रोजन को पीएनजी के साथ सम्मिश्रित करने की योजना बना रहे हैं।
- ब्रिटेन (यूके) में, ऊर्जा कंपनियां विद्युत संयंत्रों, औद्योगिक अनुप्रयोगों एवं घरों को सेवा प्रदान करने हेतु हाइड्रोजन को पाइपलाइनों में सम्मिश्रित कर रही हैं। कुछ नेटवर्क में सम्मिश्रण लगभग 15-20% है।
- इसके अतिरिक्त, नीदरलैंड, जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और जापान जैसे देशों में पीएनजी के साथ हाइड्रोजन सम्मिश्रण पर विभिन्न प्रायोगिक परियोजनाओं का परीक्षण किया जा रहा है।
हाइड्रोजन सम्मिश्रण के नुकसान
- 2013 में अमेरिकी ऊर्जा विभाग की राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा प्रयोगशाला/ नेशनल रिन्यूएबल एनर्जी लैबोरेट्री (एनआरईएल) द्वारा किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि, यह ज्ञात नहीं है कि हाइड्रोजन उन पाइपलाइनों एवं इसका उपयोग करने वाले उपकरणों को किस प्रकार प्रभावित करेगा।
- पाइपलाइन के मोर्चे पर, हाइड्रोजन भंगुरता धातु या पॉलीइथाइलीन पाइप को कमजोर कर सकता है एवं विशेष रूप से उच्च दबाव वाले पाइपों में रिसाव के जोखिम को बढ़ा सकता है।
- हाइड्रोजन की भंगुरता तब घटित होती है जब सामग्री में हाइड्रोजन के विसरण के कारण धातु (पाइपलाइन) भंगुर हो जाती है।
भारत में हरित हाइड्रोजन उत्पादन: क्षारीय इलेक्ट्रोलाइजर प्रौद्योगिकी का आमाप वर्धन