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ईडब्ल्यूएस कोटा- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस कोटा)- संदर्भ
- हाल ही में केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया है कि उसने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) नियतांश (कोटा) पर तीन सदस्यीय पैनल की संस्तुति को स्वीकार करने का निर्णय लिया है।
ईडब्ल्यूएस कोटा पर समिति- प्रमुख बिंदु
- ईडब्ल्यूएस कोटा पर समिति के बारे में: केंद्र ने विगत वर्ष नवंबर में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था, जो शीर्ष न्यायालय को ईडब्ल्यूएस के निर्धारण के मानदंडों पर पुनर्विचार करने के लिए दिए गए आश्वासन के अनुसार थी।
- सदस्य: समिति में तीन सदस्य थे जिनमें शामिल थे-
- अजय भूषण पांडेय, पूर्व वित्त सचिव,
- वी. के. मल्होत्रा, सदस्य सचिव, आईसीएसएसआर, एवं
- संजीव सान्याल, केंद्र के प्रधान आर्थिक सलाहकार,
- मुख्य सिफारिशें: तीन सदस्यीय पैनल की सिफारिशों में कहा गया है कि ईडब्ल्यूएस को परिभाषित करने एवं समान स्थिति में पारिवारिक आय एक “व्यवहार्य मानदंड” है।
ईडब्ल्यूएस कोटा मानदंड- पैनल की प्रमुख सिफारिशें
- आय मानदंड: ईडब्ल्यूएस कोटा से संबंधित पैनल ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए वर्तमान सकल वार्षिक पारिवारिक आय सीमा को 8 लाख रुपये अथवा उससे कम रखने की सिफारिश की। पैनल ने कहा कि-
- मात्र वे परिवार जिनकी वार्षिक आय 8 लाख रुपये तक है, वे ही ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ पाने के पात्र होंगे।
- 8 लाख रुपये की वार्षिक पारिवारिक आय की वर्तमान सीमा अति-समावेशी नहीं लगती है क्योंकि वास्तविक परिणामों पर उपलब्ध आंकड़े अधिक समावेशन का संकेत नहीं देते हैं।
- यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि आय में वेतन एवं साथ ही कृषि भी सम्मिलित है।
- ईडब्ल्यूएस के लिए आय मानदंड ओबीसी क्रीमी लेयर की तुलना में “अधिक कठोर” था।
- कृषि भूमि: पैनल ने सिफारिश की कि ईडब्ल्यूएस, आय पर विचार किए बिना, उस व्यक्ति को अपवर्जित कर सकता है, जिसके परिवार के पास पांच एकड़ अथवा उससे अधिक की कृषि भूमि है।
- आवासीय मानदंड का निष्कासन: पैनल ने सिफारिश की कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) को परिभाषित करने हेतु आवासीय परिसंपत्ति मानदंड को पूर्ण रूप से हटाया जा सकता है।
- वर्तमान प्रणाली को जारी रखना: ईडब्ल्यूएस कोटा पैनल ने इस वर्ष भी वर्तमान प्रणाली को जारी रखने का सुझाव दिया जिसका उपयोग 2019 से किया जा रहा है।
- पैनल ने कहा कि समिति की रिपोर्ट पर नवीन मानदंड के आकस्मिक अंगीकरण से विलंब होगा एवं स्वीकारोक्ति पर सोपानी (व्यापक) प्रभाव पड़ेगा।
- प्रौद्योगिकी का उपयोग: पैनल ने सिफारिश की कि ईडब्ल्यूएस कोटा के लिए आय एवं संपत्ति को सत्यापित करने हेतु डेटा विनिमय एवं सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक सक्रिय रूप से उपयोग किया जाना चाहिए।
- प्रतिपुष्टि तंत्र: इसने यह भी सिफारिश की कि इन मानदंडों के वास्तविक परिणामों के अनुश्रवण हेतु तीन वर्ष के फीडबैक लूप चक्र का उपयोग किया जा सकता है एवं पुनः भविष्य में उन्हें समायोजित करने हेतु उपयोग किया जा सकता है।