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नीति आयोग ने यूएनडब्ल्यूएफपी के साथ एक स्टेटमेंट ऑफ इंटेंट पर हस्ताक्षर किए- जलवायु प्रतिस्कंदी कृषि का सुदृढ़ीकरण

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नीति आयोग ने यूएनडब्ल्यूएफपी के साथ एक स्टेटमेंट ऑफ इंटेंट पर हस्ताक्षर किए-  यूपीएससी परीक्षा  हेतु प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

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नीति आयोग ने यूएनडब्ल्यूएफपी के साथ एक स्टेटमेंट ऑफ इंटेंट पर हस्ताक्षर किए – संदर्भ 

  • हाल ही में, नीति आयोग ने भारत में बाजरा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के साथ एक स्टेटमेंट ऑफ इंटेंट पर हस्ताक्षर किए।
  • स्टेटमेंट ऑफ इंटेंट (एसओआई) भारत में जलवायु अनुकूल कृषि को सुदृढ़ करने हेतु नीति आयोग एवं यूएनडब्ल्यूएफपी के मध्य रणनीतिक एवं तकनीकी सहयोग पर केंद्रित है।

 

नीति आयोग ने यूएनडब्ल्यूएफपी के साथ एक स्टेटमेंट ऑफ इंटेंट पर हस्ताक्षर किए- प्रमुख बिंदु

  • यह साझेदारी बाजरे को मुख्यधारा में लाने एवं भारत को बाजरा के अंतरराष्ट्रीय वर्ष के रूप में 2023 के अवसर का उपयोग करते हुए ज्ञान के आदान-प्रदान में विश्व स्तर पर नेतृत्व करने पर केंद्रित है।
  • इसके अतिरिक्त, साझेदारी का उद्देश्य छोटे भू-धारक किसानों के लिए प्रतिस्कंदी आजीविका का निर्माण करना एवं जलवायु परिवर्तन के लिए अनुकूलन क्षमताओं तथा खाद्य प्रणालियों को रूपांतरित करना होगा।
  • नीति आयोग एवं यूएनडब्ल्यूएफपी साझेदारी का उद्देश्य भारत में वर्धित खाद्य एवं पोषण सुरक्षा हेतु जलवायु अनुकूल कृषि को सुदृढ़ करना भी है।

 

नीति आयोग ने यूएनडब्ल्यूएफपी के साथ एक स्टेटमेंट ऑफ इंटेंट पर हस्ताक्षर किए- प्रमुख गतिविधियां एवं सहयोग

  • प्राथमिकता वाले राज्यों में बाजरा को मुख्य धारा में लाने हेतु उचित प्रथाओं के एक संग्रह का संयुक्त विकास एवं एक आमाप वर्धन (स्केलिंग अप) रणनीति का विकास।
  • राज्य सरकारों, आईआईएमआर एवं अन्य संबद्ध संस्थानों के सहयोग से चुनिंदा राज्यों में गहन जुड़ाव के माध्यम से बाजरा को मुख्यधारा में लाने हेतु तकनीकी सहायता प्रदान करना
    • संबंधित पक्ष संयुक्त रूप से भारत सरकार के संबंधित मंत्रालयों, राज्य सरकारों के संबंधित विभागों, बाजरा के क्षेत्र में कार्य करने वाले चुनिंदा शैक्षणिक संस्थानों एवं संगठनों के लिए एक राष्ट्रीय परामर्श का आयोजन करेंगे।
  • ज्ञान प्रबंधन मंचों के निर्माण एवं ज्ञान के आदान-प्रदान की सुविधा के माध्यम से बाजरा को मुख्यधारा में लाने हेतु अन्य विकासशील देशों को लाभान्वित करने के लिए भारत की विशेषज्ञता का लाभ उठाने में सहायता करना।

 

नीति आयोग ने यूएनडब्ल्यूएफपी के साथ एक स्टेटमेंट ऑफ इंटेंट पर हस्ताक्षर किए -कार्य योजना

  • इस साझेदारी का परिणाम निम्नलिखित चार चरणों में प्राप्त किया जाएगा:
  • चरण I: बाजरे को मुख्यधारा में सम्मिलित करने एवं एक आमाप वर्धन रणनीति के आसपास एक सर्वोत्तम अभ्यास संग्रह का विकास।
  • चरण II: ज्ञान साझा करने एवं चुनिंदा राज्यों के साथ गहन जुड़ाव के माध्यम से बाजरे को मुख्यधारा में लाने हेतु आमाप वर्धन का समर्थन करना
  • चरण III: बाजरा को मुख्यधारा में लाने के लिए विकासशील देशों का सहयोग करने हेतु भारत की विशेषज्ञता का लाभ उठाना
  • चरण IV: जलवायु प्रतिस्कंदी एवं अनुकूल आजीविका प्रथाओं के लिए क्षमता निर्माण पर कार्य करना

 

बाजरा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए अन्य कदम

  • बाजरा के महत्व को स्वीकार करते हुए, भारत सरकार ने बाजरा उत्पादन को प्रोत्साहित करने एवं प्रोत्साहन देने हेतु 2018 को बाजरा वर्ष के रूप में मनाया।
    • इस पहल को आगे बढ़ाते हुए, भारत सरकार ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित करने के यूएनजीए के प्रस्ताव का नेतृत्व किया।
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना, पोषक अनाज का समेकीकरण एवं अनेक राज्यों में बाजरा मिशन की स्थापना।

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नीति आयोग ने यूएनडब्ल्यूएफपी के साथ एक स्टेटमेंट ऑफ इंटेंट पर हस्ताक्षर किए- आगे की राह

  • सरकार को खाद्य वितरण कार्यक्रमों का ध्यान ‘कैलोरी रूढ़िवाद’ (कैलोरी दृढ़ अनुपालन) से हटाकर अधिक विविध खाद्य बास्केट प्रदान करना चाहिए।
  • कैलोरी युक्त भोजन के बास्केट में मोटे अनाज एवं बाजरा सम्मिलित होने चाहिए ताकि विद्यालय पूर्व (प्री-स्कूल) के बच्चों एवं प्रजनन योग्य आयु की महिलाओं की पोषण स्थिति में सुधार हो सके।
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