Home   »   ESG Funds   »   ESG Funds

ईएसजी फंड: पर्यावरण सामाजिक एवं शासन कोष

ईएसजी फंड: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: समावेशी विकास एवं इससे उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

ईएसजी फंड: पर्यावरण सामाजिक एवं शासन कोष_3.1

ईएसजी फंड: प्रसंग

  • विगत कुछ वर्षों में ईएसजी फंडों की परिसंपत्ति का आकार लगभग पांच गुना बढ़ गया है। इसके अतिरिक्त, हाल ही में, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने निगमित शासन (कॉरपोरेट गवर्नेंस) के मानकों को प्रस्तुत करने हेतु एनएसई प्राइम का विमोचन किया है।

 

एनएसई प्राइम के बारे में

  • एनएसई प्राइम एक संरचना है जो कंपनियों को कॉरपोरेट गवर्नेंस के मानकों को प्रस्तुत करने की अनुमति प्रदान करता है जो वर्तमान नियमों द्वारा अपेक्षित मानकों से अधिक हैं।
  • संरचना सेबी (सूचीबद्धता दायित्व और प्रकटीकरण आवश्यकताएं/लिस्टिंग ऑब्लिगेशंस एंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट्स) विनियमों की तुलना में अधिक सख्त है।
  • एनएसई प्राइम के लिए अर्हता प्राप्त करने हेतु कंपनियों के लिए प्रमुख अपेक्षाएं हैं:
    • न्यूनतम 40 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारिता;
    • अध्यक्ष एवं सीईओ के पदों का अनिवार्य पृथक्करण;
    • जोखिम प्रबंधन, हितधारक संबंध, नामांकन पारिश्रमिक एवं लेखा परीक्षा समितियों के अध्यक्ष के रूप में स्वतंत्र निदेशक।

 

ईएसजी फंड के बारे में

  • ईएसजी निवेश का अर्थ धारणीय निवेश अथवा सामाजिक रूप से उत्तरदायी निवेश होता है।
  • निवेश के लिए एक स्टॉक का चयन करने हेतु, ईएसजी फंड उन कंपनियों को शॉर्टलिस्ट करता है जो पर्यावरण, सामाजिक उत्तरदायित्व एवं कॉर्पोरेट प्रशासन पर उच्च स्कोर करती हैं एवं फिर वित्तीय कारकों की जांच पड़ताल करती हैं।
  • यह उन कंपनियों पर ध्यान केंद्रित करता है जिनके पास उच्च पर्यावरण-अनुकूल प्रथाएं, नैतिक व्यवसाय प्रथाएं एवं कर्मचारी-अनुकूल अभिलेख हैं।
  • ईएसजी फंड कंपनियों के ईएसजी प्रभाव का आकलन करने के लिए हरित गृह गैस एवं कार्बन उत्सर्जन तथा सृजित रोजगार जैसे मापदंडों का उपयोग करते हैं।

 

किन कंपनियों को प्राथमिकता मिलती है बनाम कौन सी कंपनियां अवसर खो देती है?

  • प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा एवं एफएमसीजी (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) स्पेस जैसी कंपनियां इन पोर्टफोलियो में अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं।
  • उच्च कार्बन फुटप्रिंट वाली कंपनियां जैसे तंबाकू निर्माता, कोयला खनिक, तेल एवं गैस कंपनियां तथा जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा उत्पादक कंपनियां ईएसजी फंड पोर्टफोलियो में अधिक स्थान नहीं पाती हैं

 

ईएसजी फंड इंडिया

  • एसबीआई मैग्नम इक्विटी, आदित्य बिड़ला सन लाइफ, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, क्वांटम इंडिया, कोटक म्यूचुअल फंड एवं एक्सिस म्यूचुअल फंड जैसे प्रतिष्ठान भारत में ईएसजी निवेश के अवसर प्रदान करते हैं।

 

क्या ईएसजी फंड रासायनिक कारखानों को बंद करने को बढ़ावा दे रहे हैं?

  • नहीं। विभिन्न कार्यों को संपादित करने हेतु रासायनिक एवं शोधन जैसी कंपनियों की आवश्यकता होती है। ईएसजी फंड इस बात का पक्ष पोषण करते हैं कि इन कंपनियों को जिम्मेदारी से कार्य करने की आवश्यकता है, उपलब्ध तकनीक का उपयोग करने, अपशिष्ट उपचार, मिट्टी, पानी या हवा में अनुपचारित अपशिष्ट का स्राव नहीं करना चाहिए एवं अपने अल्पसंख्यक शेयरधारकों तथा समाज का भी ध्यान रखना चाहिए।

ईएसजी फंड: पर्यावरण सामाजिक एवं शासन कोष_4.1

ईएसजी ग्रोथ ड्राइवर्स

  • स्वच्छता, कौशल विकास, स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसे विषयों पर अधिक ध्यान केंद्रित करना अर्थव्यवस्था के इन संवेदनशील क्षेत्रों में संभावित सार्वजनिक निवेश का संकेत देता है।
  • युवा निवेशक भी सामाजिक विकास एवं पर्यावरण पर व्यवसाय के प्रभाव के बारे में अधिक जागरूक हो गए हैं।
  • विशेषज्ञों के अनुसार, जो कंपनियां ईएसजी या एनएसई प्राइम का हिस्सा हैं, वे न केवल नियमों का पालन करेंगी एवं लंबी अवधि में इससे लाभान्वित होंगी, बल्कि उनकी प्रतिष्ठा भी बेहतर होगी एवं अंततः संभावित रूप से मूल्य निर्धारण (वैल्यूएशन) पर प्रीमियम हासिल होगा।

 

ईएसजी फंड जारी करना

  • ईएसजी फंड, स्पष्ट दिशानिर्देशों के अभाव में, ग्रीनवाशिंग की ओर अग्रसर कर सकते हैं।
  • ग्रीनवाशिंग एक “गलत धारणा या कंपनी के उत्पाद पर्यावरण की दृष्टि से बेहतर कैसे हैं, इस बारे में भ्रामक सूचना प्रदान करने” का एक कार्य है।
  • विश्व आर्थिक मंच ने यह भी टिप्पणी की है कि वैश्विक संस्थागत निवेशकों के मध्य ग्रीनवाशिंग एक प्रमुख चिंता का विषय है।
  • इसके अतिरिक्त, विशेषज्ञों ने यह भी तर्क दिया है कि कोष प्रबंधक (फंड मैनेजर) प्रायः कुछ शेयरों एवं कंपनियों को ऐसी स्थिति में अतिभार प्रदान करते हैं जहां अधिकांश वृहद निवेश-अनुकूल कंपनियां ईएसजी निवेश के लिए उपयोग किए जाने वाले गुणात्मक एवं मात्रात्मक मानकों के अनुरूप नहीं हैं।

 

संपादकीय विश्लेषण: बुजुर्ग संपत्ति हैं, आश्रित नहीं भारत में खनिज एवं खनिज उद्योगों का वितरण दुग्ध उत्पादों की अनुरूपता मूल्यांकन योजना का लोगो संपादकीय विश्लेषण-ड्राइंग ए लाइन
स्टॉकहोम कन्वेंशन ओलिव रिडले टर्टल: ओलिव रिडले टर्टल का जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जेडएसआई) द्वारा टैगिंग  बेल्ट एवं रोड पहल: निवेश क्यों घट रहे हैं? 2021 में रुपये का अवमूल्यन
संपादकीय विश्लेषण: वन अधिकार अधिनियम से परे देखना डेरिवेटिव्स: परिभाषा, अवधारणा एवं प्रकार बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक 2021- विवाह में स्वीय विधि भारतीय रेलवे पर सीएजी की रिपोर्ट

 

Sharing is caring!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *