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मिशन अमृत सरोवर

अमृत सरोवर मिशन यूपीएससी: प्रासंगिकता

  • जीएस 2: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन।

मिशन अमृत सरोवर: संदर्भ

  • हाल ही में ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मिशन अमृत सरोवर की प्रगति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की है।

 

अमृत ​​सरोवर मिशन के बारे में

अमृत सरोवर कब प्रारंभ किया गया था?

  • भविष्य के लिए जल के संरक्षण के व्यापक उद्देश्य के साथ अप्रैल 2022 में अमृत सरोवर पर मिशन प्रारंभ किया गया था।

अमृत ​​सरोवर मिशन का उद्देश्य

  • मिशन का उद्देश्य आजादी का अमृत महोत्सव के उत्सव के रूप में देश के प्रत्येक जिले में 75 जल निकायों का विकास तथा कायाकल्प करना है।
  • कुल मिलाकर, इससे लगभग एक एकड़ या उससे अधिक आकार के 50,000 जलाशयों का निर्माण होगा।
  • इनमें से प्रत्येक अमृत सरोवर का क्षेत्रफल 1 एकड़ होगा जिसमें 10,000 घन मीटर की जल धारण क्षमता होगी।

अमृत ​​सरोवर तकनीकी भागीदार

  • भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग एवं भू-सूचना विज्ञान संस्थान (बीआईएसएजी-एन) को मिशन के लिए तकनीकी भागीदार के रूप में नियुक्त किया गया है।

अन्य योजनाओं के साथ अभिसरण

  • मिशन राज्यों एवं जिलों के माध्यम से महात्मा गांधी नरेगा, 15वें वित्त आयोग अनुदान, पीएमकेएसवाई उप योजनाओं जैसे वाटरशेड विकास घटक, हर खेत को पानी के अतिरिक्त राज्यों की अपनी योजनाओं पर फिर से ध्यान केंद्रित करके कार्य करता है।

मिशन अमृत सरोवर : क्रियान्वयन

  • अमृत ​​सरोवर के स्थल को विशेष ग्राम सभा द्वारा अनुमोदित किया जाएगा, जिसका नाम पंचायत पार्टी निधि भी होगा, जो इसकी ओर से अमृत सरोवर के विकास की निगरानी करेगी।

मिशन अमृत सरोवर: जनभागीदारी

  • जनभागीदारी संपूर्ण पहल की कुंजी है, क्योंकि यह समुदाय की सामूहिक भावना को जागृत करने के लिए है।

 

मिशन अमृत सरोवर: भाग लेने वाले मंत्रालय/संगठन

  • ग्रामीण विकास मंत्रालय (ग्रामीण विकास विभाग/भूमि संसाधन विभाग)
  • जल शक्ति मंत्रालय (जल संसाधन विभाग/ पेयजल और स्वच्छता विभाग)
  • संस्कृति मंत्रालय
  • पंचायती राज मंत्रालय
  • पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
  • भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग  तथा भू-सूचना विज्ञान संस्थान (बीआईएसएजी-एन)

भूजल संसाधनों में सुधार के लिए किए गए अन्य उपाय

  • जल शक्ति अभियान (JSA): भारत में 256 जिलों के जल के अभाव वाले  प्रखंडों में भूजल की स्थिति सहित जल की उपलब्धता में सुधार के लिए 2019 में प्रारंभ किया गया।
  • जल शक्ति अभियान: कैच द रेन” (जेएसए: सीटीआर): इसे संपूर्ण देश जिले के सभी जिलों (ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों) के सभी प्रखंडों को सम्मिलित करने हेतु “कैच द रेन – व्हेयर इट फॉल्स व्हेन फॉल्स” थीम के साथ प्रारंभ किया गया है।
  • अटल भुजल योजना: यह सामुदायिक भागीदारी के साथ भूजल संसाधनों के सतत प्रबंधन के लिए 6,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।
  • भूजल के कृत्रिम पुनर्भरण के लिए मास्टर प्लान- 2020: यह केंद्रीय भूजल बोर्ड द्वारा तैयार की गई एक वृहद स्तरीय योजना है। इस योजना में देश में लगभग 1.42 करोड़ वर्षा जल संचयन  तथा कृत्रिम पुनर्भरण संरचनाओं के निर्माण की परिकल्पना की गई है।
  • राष्ट्रीय जलभृत मानचित्रण एवं प्रबंधन कार्यक्रम (NAQUIM): इसमें देश में भूजल संसाधनों के सतत प्रबंधन की सुविधा के लिए जलभृतों का मानचित्रण, उनके निरूपण एवं जलभृत प्रबंधन योजनाओं के विकास की परिकल्पना की गई है।
  • अन्य योजनाएँ: कृत्रिम भूजल पुनर्भरण / जल संचयन कार्यों को भी मनरेगा एवं प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना – वाटरशेड विकास घटक (पीएमकेएसवाई-डब्ल्यूडीसी), ‘भूतल लघु सिंचाई (एसएमआई) तथा पीएमकेएसवाई के एक घटक जल निकाय योजनाओं की मरम्मत, नवीनीकरण एवं प्रत्यावर्तन (रिपेयर, रिनोवेशन एंड रेस्टोरेशन/आरआरआर) का समर्थन किया जा रहा है।

 

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