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द लर्निंग ग्राउंड्स ऑफ यूक्रेन- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- भारत के हितों पर विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव।
द लर्निंग ग्राउंड्स ऑफ यूक्रेन
- रूस-यूक्रेन युद्ध बिना किसी निष्कर्ष के दो महीने से अधिक समय से जारी है, विशेष रूप से भारत के लिए, यह कुछ अंतरिम सबक लेने का समय है।
रूस-यूक्रेन युद्ध अद्यतन
- मारियुपोल (यूक्रेन) (अज़ोवस्तोव स्टील मिल के बिना) रूस के सैनिक बलों के अधीन आ गया है।
- यूक्रेन ने ‘घोस्ट ऑफ कीव’ लड़ाकू पायलट के अस्तित्व को आधिकारिक रूप से नकार दिया है, ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स हैं कि यूरोप रूसी ऊर्जा पर अपनी निर्भरता को पूर्ण रूप से समाप्त करने का प्रयत्न कर रहा है तथा कीव में कुछ दूतावास फिर से खुल रहे हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध से भारत के लिए सबक
- गठबंधन महत्व रखते हैं: इस परस्पर संबंधित विश्व में गठबंधन अपना महत्व रखता है चाहे कोई देश कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो।
- एक दीर्घकालिक स्थायी दृष्टिकोण जो अन्य समान विचारधारा वाले राष्ट्रों के साथ संबंधों के माध्यम से भारत के हितों पर ध्यान रखता है, इसी कारण से महत्वपूर्ण हो जाता है, विशेष रुप से जब से हमारा पड़ोसी सौम्य नहीं है।
- कठोर शक्ति का महत्व: यद्यपि यह कहना जल्दबाजी होगी कि एक छोटा यूक्रेनी राष्ट्र वह है जो संघर्ष समाप्त होने पर उभरेगा, हमने जो देखा है वह यह है कि एक देश के लिए निर्दयी/पाशविक ‘शक्ति’ महत्वपूर्ण है।
- यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है।
- आसूचना/खुफिया का महत्व: अमेरिकी खुफिया जानकारी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन से युद्ध करने के उद्देश्य के बारे में सही थी।
- उच्च-विभेदन (हाई रिज़ॉल्यूशन) उपग्रह बिम्ब विधान (इमेजरी) अब किसी भी राष्ट्र के लिए व्यावसायिक रूप से उपलब्ध है जो आधुनिक युद्ध में खेल के मैदान को थोड़ा सा समतल करने के लिए तैयार है।
- सीखना: जबकि शत्रु के स्वभाव का सामरिक ज्ञान होना महत्वपूर्ण है, जो अधिक महत्वपूर्ण है वह है विरोधी के नेतृत्व की विचार प्रक्रिया को समझना।
- सक्षम नेतृत्व का महत्व: नेतृत्व महत्वपूर्ण है एवं अच्छे नेताओं का एक अमूर्त सकारात्मक प्रभाव होता है।
- यह विकास महीनों में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की द्वारा ट्वीट किए गए दृश्यों तथा ओजस्वी भाषणों में देखा जा सकता है, क्योंकि उन्होंने यूक्रेन की सड़कों से दो महत्वपूर्ण संदेश दिए थे।
- पहला यह था कि यूक्रेनी नेतृत्व अक्षुण्ण था तथा दूसरा, उनका कार्यकारी प्रमुख युद्ध में उतना ही था जितना कि नागरिक युद्धरत थे; कि वह कभी भी एक बिजनेस सूट में नहीं दिखाई दिया एवं सदैव युद्ध की पोशाक में (विदेशी नेताओं से मिलते समय भी), उनके प्रतिष्ठा में एक आभामंडल जोड़ा है।
- इसकी तुलना अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी के पलायन से करें क्योंकि तालिबान ने काबुल में प्रवेश किया – प्रतिरोध ध्वस्त हो गया और अफगान सैनिक भाग गए।
- यह विकास महीनों में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की द्वारा ट्वीट किए गए दृश्यों तथा ओजस्वी भाषणों में देखा जा सकता है, क्योंकि उन्होंने यूक्रेन की सड़कों से दो महत्वपूर्ण संदेश दिए थे।
- व्यापक राष्ट्रीय शक्ति (कंप्रिहेंसिव नेशनल पावर/सीएनपी): सीएनपी एक राष्ट्र की प्रतिरोधक क्षमता तथा प्रतिरोध विफल होने पर लड़ने की उसकी क्षमता का एक वास्तविक मानदण्ड है, क्योंकि यह ध्यान में रखता है-
- सामाजिक तथा राजनीतिक स्थिरता,
- आर्थिक क्षमता के पहलू,
- प्राकृतिक संसाधन,
- भूगोल,
- शोध एवं विकास ( रिसर्च एंड डेवलपमेंट/आर एंड डी) क्षमता,
- विनिर्माण क्षमता तथा
- इसके राष्ट्रीय नेतृत्व की गुणवत्ता।
भारत के भू-सामरिक हितों की सुरक्षा- आगे की राह
- भारत के लिए, जो दो विरोधी देशों से घिरा हुआ है, एक वास्तविक मूल्यांकन आवश्यक है क्योंकि सरकार के सुविचारित आत्मनिर्भर अभियान को अभी भी गति प्राप्त करनी है।
- नई दिल्ली को उन आयातों के लिए उपलब्ध संसाधनों का आवंटन करना होगा जो अभी भी संपन्न होंगे (विशेषकर रक्षा क्षेत्र में) जबकि घरेलू क्षमता तथा क्षमता समानांतर में बढ़ी है।
- सामाजिक एकता सीएनपी में एक अन्य महत्वपूर्ण घटक है तथा हमारी बहुसांस्कृतिक एवं बहु-धार्मिक राजनीति में प्रत्येक समय नेतृत्व के ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
- अंतरराष्ट्रीय संबंधों के एक मंथन में होने के कारण, चीन में एक नई उभरती हुई शक्ति, रूस अपनी खोई हुई स्थिति को वापस पाने का प्रयत्न कर रहा है तथा पाकिस्तान कोई मित्रता नहीं कर रहा है, यह अनिवार्य है कि भारत के निवारक कवच में कोई कमी न हो।