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वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021: डब्ल्यूपीए 1972 में प्रस्तावित संशोधन

वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: भारतीय संसद एवं राज्य विधानमंडल – संरचना, कार्यकरण, कार्यों का संचालन, शक्तियां  एवं विशेषाधिकार तथा इनसे उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
  • जीएस पेपर 3: पर्यावरण- संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण।

समाचारों में वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021

  • हाल ही में, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन पर स्थायी समिति ने बंदी हाथियों की बिक्री तथा खरीद को प्रोत्साहित नहीं करने की सिफारिश की है।
  • संसदीय पैनल ने सरकार से वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021 में विवादास्पद खंड को हटाने का आग्रह किया है, जो मूल अधिनियम को अधिभावी (ओवरराइड) करता है, केवल दृढ़ त्वचीय प्राणी (पचीडर्म) के लिए एक अपवाद है।

 

वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021 के बारे में

  • वन्य जीव संरक्षण अधिनियम में संशोधन: वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021 वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 में संशोधन करना चाहता है।
    • अधिदेश: वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 वन्य पशुओं, पक्षियों एवं पौधों के संरक्षण को नियंत्रित करता है।
  • मुख्य उद्देश्य: वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक कानून के तहत संरक्षित प्रजातियों में वृद्धि करने तथा वन्य जीवों एवं वनस्पतियों (CITES) की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर अभिसमय के प्रावधानों को लागू करने का प्रयास करता है।
  • नीचे, वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 में प्रस्तावित संशोधनों पर विस्तार से चर्चा की गई है-

 

CITES में प्रस्तावित संशोधन

  • CITES के बारे में: वन्य जीवों एवं वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर अभिसमय (कंजर्वेशन और इंटरनेशनल ट्रेड इन एंडेंजर्ड स्पीशीज ऑफ फ्लोरा एंड फौना/CITES) सरकारों के मध्य एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है जो यह सुनिश्चित करता है कि वन्य पशुओं एवं पौधों के नमूनों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से प्रजातियों के अस्तित्व के प्रति संकट उत्पन्न न हो।
  • वर्गीकरण: सीआईटीईएस के तहत, पौधों एवं पशुओं के नमूनों को उनके विलुप्त होने के खतरे के आधार पर तीन श्रेणियों (परिशिष्ट) में वर्गीकृत किया गया है।
  • विनियमन: CITES कन्वेंशन के लिए देशों को परमिट के माध्यम से सभी सूचीबद्ध नमूनों के व्यापार को विनियमित करने की आवश्यकता होती है।
    • वन्य जीवों एवं वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) भी जीवित  पशुओं के नमूनों के स्वामित्व को विनियमित करने का प्रयास करता है।
  • प्रस्तावित संशोधन: WPA विधेयक 2021 केंद्र सरकार को निम्नलिखित को नामित करने का प्रावधान करता है-
    • प्रबंधन प्राधिकरण: यह नमूनों के व्यापार के लिए निर्यात या आयात परमिट प्रदान करता है।
      • अनुसूचित नमूने के व्यापार में संलग्न प्रत्येक व्यक्ति को लेनदेन के विवरण प्रबंधन प्राधिकरण को रिपोर्ट करना चाहिए।
      • CITES के अनुसार, प्रबंधन प्राधिकरण एक नमूने के लिए एक पहचान चिह्न का उपयोग कर सकता है।
      • वन्य जीव संरक्षण विधेयक किसी भी व्यक्ति को नमूने के पहचान चिह्न को संशोधित करने या हटाने से निवारित करता है।
      • इसके अतिरिक्त, अधिसूचित पशुओं के जीवित नमूने रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति को प्रबंधन प्राधिकरण से पंजीकरण प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा।
  • वैज्ञानिक प्राधिकरण: यह व्यापार किए जा रहे नमूनों के अस्तित्व पर प्रभाव से संबंधित पहलुओं पर परामर्श देता है।

 

जीवित हाथियों में वाणिज्यिक व्यापार पर WPA विधेयक 2021

  • वर्तमान स्थिति: वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972, धारा 43 के तहत, विशेष रूप से बंदी एवं वन्य हाथियों सहित वन्य पशुओं के व्यापार पर प्रतिबंध आरोपित करता है।
  • प्रस्तावित संशोधन: डब्ल्यूपीए विधेयक एक अपवाद का प्रावधान करता है जो वन्य जीवन अधिनियम की धारा 43 में निहित सामान्य निषेध से ‘जीवित हाथी’ को अपवर्जित करता है।
    • यदि पारित हो जाता है, तो यह वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत प्रभावी रूप से ‘जीवित हाथियों’ की व्यावसायिक बिक्री और खरीद की अनुमति प्रदान करेगा।

वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021- अधिसूचियों को युक्तिसंगत बनाना

  • वर्तमान स्थिति: वर्तमान में, WPA अधिनियम में विशेष रूप से संरक्षित पौधों (एक), विशेष रूप से संरक्षित पशुओं (चार) तथा कीटक/वर्मिन प्रजातियों (एक) के लिए छह अधिसूचियां हैं।
  • विधेयक अधिसूचियों की कुल संख्या को घटाकर चार कर देता है-
    • विशेष रूप से संरक्षित पशुओं के लिए अनुसूचियों की संख्या को घटाकर दो (अधिक सुरक्षा स्तर के लिए एक),
    • कृमि प्रजातियों के लिए अधिसूची को हटाता है तथा
    • सीआईटीईएस (अधिसूचित नमूने) के तहत परिशिष्टों में सूचीबद्ध नमूनों के लिए एक नया शेड्यूल सम्मिलित करता है।

 

वन्य जीवन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021- आक्रामक विदेशी प्रजातियां

  • वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक केंद्र सरकार को आक्रामक विदेशी प्रजातियों के आयात, व्यापार, स्वामित्व अथवा प्रसार को विनियमित अथवा प्रतिबंधित करने का अधिकार देता है।
    • आक्रामक विदेशी प्रजातियां पौधों अथवा पशुओं की प्रजातियों को संदर्भित करती हैं जो भारत के स्थानिक नहीं हैं एवं जिनके प्रवेश से वन्यजीव अथवा इसके पर्यावास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
  • केंद्र सरकार किसी अधिकारी को आक्रामक प्रजातियों को जब्त करने तथा उनका निपटान करने के लिए अधिकृत कर सकती है।

 

वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021- वन्यजीव अभ्यारण्यों से संबंधित

  • वर्तमान स्थिति: अधिनियम मुख्य वन्यजीव संरक्षक को एक राज्य में सभी अभ्यारण्यों को नियंत्रित करने, प्रबंधित करने  तथा अनुरक्षित रखने का कार्य सौंपता है।
    • मुख्य वन्यजीव संरक्षक की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जाती है।
  • प्रस्तावित संशोधन: विधेयक निर्दिष्ट करता है कि मुख्य वन्यजीव संरक्षक की कार्रवाई अभ्यारण्य के लिए प्रबंधन योजनाओं के अनुसार होनी चाहिए।
    • इन योजनाओं को केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार तथा मुख्य वन्य जीव संरक्षक द्वारा अनुमोदन के अनुसार तैयार किया जाएगा।
    • विशेष क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले अभ्यारण्यों के लिए, संबंधित ग्राम सभा के साथ समुचित परामर्श के  पश्चात प्रबंधन योजना तैयार की जानी चाहिए।
  • विशेष क्षेत्रों में अधिसूचित क्षेत्र या वे क्षेत्र सम्मिलित हैं जहां अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पारंपरिक वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 लागू है।
    • अधिसूचित क्षेत्र आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्र हैं जहां मुख्य रूप से जनजातीय आबादी है, जिसे संविधान की पांचवीं अनुसूची के तहत अधिसूचित किया गया है।

वन्य जीव संरक्षण विधेयक 2021- एक संरक्षित अभ्यारण्य को अधिसूचित करना

  • वर्तमान स्थिति: अधिनियम के तहत, राज्य सरकारें वनस्पतियों एवं पशुओं तथा उनके पर्यावास की रक्षा के लिए राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभ्यारण्यों के आस-पास के क्षेत्रों को एक संरक्षण रिजर्व के रूप में घोषित कर सकती हैं।
  • प्रस्तावित संशोधन: विधेयक केंद्र सरकार को एक संरक्षण रिजर्व को भी अधिसूचित करने का अधिकार प्रदान करता है।

 

वन्य जीव संरक्षण विधेयक 2021- बंदी पशु

  • वन्य जीव संरक्षण विधेयक किसी भी व्यक्ति को स्वेच्छा से किसी भी बंदी पशुओं अथवा पशु उत्पादों को मुख्य वन्यजीव संरक्षक को सौंपने का प्रावधान करता है।
  • ऐसी वस्तुओं को अभ्यर्पित करने वाले व्यक्ति को कोई क्षतिपूर्ति की प्रदान नहीं की जाएगी। अभ्यर्पित की गई वस्तुएं राज्य सरकार की संपत्ति बन जाती हैं।

 

वन्य जीव संरक्षण विधेयक 2021

  • वन्य जीव संरक्षण अधिनियम वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए कारावास की सजा तथा अर्थदंड निर्धारित करता है।
  • वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक 2021 इन अर्थदंडों में वृद्धि करता है।
उल्लंघन का प्रकार                1972 का अधिनियम 2021 का विधेयक
सामान्य उल्लंघन 25,000 रुपये तक 1,00,000 रुपये तक
विशेष रूप से संरक्षित पशु 10,000 रुपये तक 25,000 रुपये तक

 

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manish

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