Categories: Uncategorised

संपादकीय विश्लेषणः 9.5% विकास दर प्राप्त करने की चुनौती

9.5 प्रतिशत विकास दर प्राप्त करने की चुनौती: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: भारतीय अर्थव्यवस्था एवं आयोजना, संसाधनों का अभिनियोजन, वृद्धि, विकास एवं रोजगार से संबंधित मुद्दे।

9.5 प्रतिशत विकास दर प्राप्त करने की चुनौती: प्रसंग

  • हाल ही में, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने दूसरी तिमाही के सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) एवं सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) संख्याएं जारी की है, जिसने कोविड-19 के दो लहरों के पश्चात भारत में आर्थिक सुधार की गति का संकेत दिया है।
  • पहली एवं दूसरी तिमाही की वृद्धि काफी हद तक दृढ़ आधार प्रभाव से प्रेरित है। चूंकि 2021-22 की तीसरी एवं चौथी तिमाही में आधार प्रभाव कमजोर हुआ है, अतः यह सुनिश्चित करने के लिए एक सुदृढ़ विकास गति की आवश्यकता होगी कि इस वित्तीय वर्ष के अंत में, जीवीए एवं जीडीपी वास्तविक रूप से 2019-20  के अपने कोविड-19-पूर्व स्तरों से अधिक हो। ।

 

9.5 प्रतिशत विकास दर प्राप्त करने की चुनौती: प्रमुख बिंदु

बेहतर क्षेत्र

  • 2021-22 की पहली छमाही में, आठ जीवीए क्षेत्रों में से चार ने अपने 2019-20 के स्तर को पार कर लिया है। येहैं कृषि; विद्युत, गैस; खनन एवं उत्खनन; तथा लोक प्रशासन, रक्षा एवं अन्य सेवाएं।
  • इन क्षेत्रों में वृद्धि मुख्य रूप से केंद्र सरकार के पूंजीगत व्यय पर बल प्रदान करने के कारण है, जिसने हाल के महीनों में गति प्राप्त करना प्रारंभ कर दिया है।
  • व्यय पर सरकार द्वारा बल, निजी निवेश द्वारा संपूरित के परिणामस्वरूप सकल अचल पूंजी निर्माण (जीएफसीएफ) में संगत वर्ष 2019-20 के ऊपर 2021-22 की दूसरी तिमाही में 5% की सकारात्मक वृद्धि  प्रदर्शित की।
  • यद्यपि, इस वित्तीय वर्ष के अंत में सकारात्मक वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए, शेष दो तिमाहियों में निवेश के साथ-साथ उपभोग की मांग में प्रभावशाली वृद्धि होनी चाहिए

 

विकास अनुमान

  • भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) दोनों ने 2021-22 के लिए 5% वार्षिक वृद्धि का अनुमान लगाया है।
  • इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें 2021-22 की दूसरी छमाही में 2% की वृद्धि की आवश्यकता है।
  • इसके अतिरिक्त, यदि हम 2021-22 में 5% की विकास दर प्राप्त कर लेते हैं, तो हम आश्वस्त हो सकते हैं कि 2022-23 में 6% से 7% की वृद्धि दर देखने को मिलेगी।

 

आर्थिक सुधार: सरकारी पूंजीगत व्यय

  • सरकारी पूंजीगत व्यय, अपेक्षित सकल घरेलू उत्पाद-लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक कदमों का मूल है।
  • इसके अतिरिक्त, केंद्र के सकल कर राजस्व में 2% की अभूतपूर्व वृद्धि दर प्रदर्शित की गई है, जो सरकारी व्यय को सुगम बना सकती है।
  • यद्यपि, खाद्य एवं उर्वरक सहायिकी, मनरेगा एवं प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के विस्तार जैसे कुछ व्यय मदों में वृद्धि के कारण राजकोषीय व्यय में वृद्धि 8 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर दबाव ला सकती है।
  • इन दबावों के बावजूद, केंद्र के लिए यह उचित होगा कि वह आधारिक संरचना पर व्यय को जारी रखे।
  • अतिरिक्त ऋण सीमा के माध्यम से राज्य के पूंजीगत व्यय के केंद्र के प्रोत्साहन से भी इस संबंध में सहायता प्राप्त होगी।
  • 2019-20 की तुलना में 2021-22 में केंद्र का सकल कर राजस्व भी बढ़े हुए व्यय पर सरकार के बल का पूरक होगा।

उच्च आवृत्ति संकेतक

  • अक्टूबर 2021 में पीएमआई (परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) विनिर्माण बढ़कर 10 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया।
  • नवंबर 2021 में पीएमआई सेवाएं 1 पर उच्च स्तर पर रहीं, जो जुलाई 2011 के पश्चात से इसका दूसरा उच्चतम स्तर है।
  • सकल जीएसटी संग्रह 31 लाख करोड़ रुपए नवंबर 2021 में लगातार पांचवें महीने 1 लाख करोड़ रुपए के मानक स्तर (बेंचमार्क) से ऊपर रहा।
  • अक्टूबर 2021 में मूल आईआईपी वृद्धि (कोर आईआईपी ग्रोथ) बढ़कर 5% हो गई, जो सितंबर 2021 में 4.4% थी।
  • विगत वर्ष के तत्समान महीने की तुलना में पण्य निर्यात वृद्धि नवंबर 2021 में 5% एवं अक्टूबर 2021 में 43.0% थी।
जैविक विविधता (संशोधन) विधेयक, 2021 विश्व के घास के मैदान सोलाव रिपोर्ट 2021 नासा पार्कर सोलर प्रोब मिशन
टीबी के प्रति महिलाओं की विजय पर राष्ट्रीय सम्मेलन संपादकीय विश्लेषण- अनुपयुक्त मंच मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई: आरबीआई द्वारा एनबीएफसी को पीसीए के अंतर्गत लाया गया
पशुपालन स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज 2.0 भारत की सर्वोच्च चोटी: उन राज्यों के नाम जहाँ सर्वाधिक ऊँची चोटियाँ स्थित हैं भारत में हरित हाइड्रोजन उत्पादन: क्षारीय इलेक्ट्रोलाइजर प्रौद्योगिकी का आमाप वर्धन भारत ने जलवायु परिवर्तन के संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के विरुद्ध मतदान किया

 

 

manish

Recent Posts

UP Higher Judiciary Previous Year Papers, Download PDF

The Allahabad High Court is recruiting advocates for the Uttar Pradesh Higher Judicial Service (HJS)…

1 min ago

Crown Rule in India: Legislation and Regulatory Frameworks

The term "Crown rule in India" denotes the direct governance exercised by the British Crown…

32 mins ago

Himalayan Ranges: Exploring the Greater, Middle, and Shiwalik Ranges

The Himalayan mountain range delineates the boundary between the Indian subcontinent and the Tibetan Plateau…

18 hours ago

India’s Geographical Extent and Frontiers: A Detailed Overview

India, the seventh-largest country in the world, is distinguished from the rest of Asia by…

18 hours ago

Haryana Judiciary Eligibility Criteria 2024, Age Limit and Qualifications

The Haryana Judiciary offers a prestigious and rewarding career path for individuals aspiring to become…

21 hours ago

Rajasthan Judiciary Exam Date 2024, Check New Exam Date

In a recent notice, the Rajasthan High Court released the new exam date for the…

22 hours ago