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एमएसएमई सस्टेनेबल (जेडईडी) योजना विमोचित

एमएसएमई सस्टेनेबल स्कीम यूपीएससी: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: भारतीय अर्थव्यवस्था एवं आयोजना, संसाधनों का अभिनियोजन, वृद्धि, विकास  एवं रोजगार से संबंधित मुद्दे।

ZED योजना UPSC: संदर्भ

  • हाल ही में, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय ( माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज/MSME) ने भारत के MSMEs के लिए वैश्विक प्रतिस्पर्धा का रोडमैप प्रदान करने हेतु MSME सस्टेनेबल (ZED) प्रमाणन योजना प्रारंभ की है।

 

एमएसएमई सस्टेनेबल स्कीम: मुख्य बिंदु

  • यह योजना एमएसएमई को जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट (जेडईडी) पद्धतियों को अपनाने  एवं उन्हें जेड प्रमाणीकरण के लिए प्रेरित तथा प्रोत्साहित करने हेतु सक्षम एवं सुविधा प्रदान करने के लिए एक व्यापक अभियान है।
  • ZED प्रमाणन की यात्रा के माध्यम से, MSME काफी हद तक अपव्यय को कम कर सकते हैं, उत्पादकता में वृद्धि कर सकते हैं, पर्यावरण जागरूकता बढ़ा सकते हैं, ऊर्जा सुरक्षित कर सकते हैं, प्राकृतिक संसाधनों का इष्टतम उपयोग कर सकते हैं, अपने बाजारों का विस्तार कर सकते हैं, इत्यादि।

 

एमएसएमई सतत योजना: मुख्य विशेषताएं

  • योजना के तहत, MSME को ZED प्रमाणीकरण की लागत पर निम्नलिखित संरचना के अनुसार सब्सिडी प्राप्त होगी:
    • सूक्ष्म उद्यम: 80%
    • लघु उद्यम: 60%
    • मध्यम उद्यम: 50%
  • इसके अतिरिक्त, एनईआर/हिमालयी/एलडब्ल्यूई/द्वीप क्षेत्रों/आकांक्षी जिलों में महिलाओं/एससी/एसटी उद्यमियों या एमएसएमई के स्वामित्व वाले एमएसएमई के लिए 10% की अतिरिक्त सब्सिडी उपलब्ध होगी।
  • इसके अतिरिक्त, MSMEs के लिए 5% की अतिरिक्त सब्सिडी होगी जो स्फूर्ति (SFURTI) अथवा सूक्ष्म  एवं लघु उद्यम –  संकुल (क्लस्टर) विकास कार्यक्रम (MSE-CDP) का भी हिस्सा हैं।
  • इसके अतिरिक्त, ZED प्रतिज्ञा लेने के पश्चात प्रत्येक एमएसएमई को सीमित उद्देश्य में शामिल होने का 10,000/- रुपये का एक पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
  • जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट सॉल्यूशंस की ओर बढ़ने में सहायता  करने हेतु जेड प्रमाणीकरण के तहत एमएसएमई के लिए हैंड होल्डिंग तथा कंसल्टेंसी सपोर्ट के लिए प्रति एमएसएमई 5 लाख रुपए तक का प्रावधान उपलब्ध कराया जाएगा।

 

जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट (जेडईडी) योजना क्या है?

  • ZED एक MSME प्रमाणन है जिसे उद्योगों, विशेष रूप से MSMEs कोशून्य दोषके साथ देश में वस्तुओं (माल) को निर्मित का आग्रह करने के लिए प्रारंभ किया गया था ताकि खराब गुणवत्ता के कारण निर्यात किए गए वस्तुएं कभी वापस न हों।
  • प्रमाणित होने वाली वस्तुओं को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकाशून्य प्रभावहै, जिसका अर्थ है कि माल का पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव नहीं होना चाहिए।
  • ZED रेटिंग को भारतीय MSMEs की प्रतिस्पर्धात्मकता तथा गुणवत्ता में वृद्धि करने हेतु प्रारंभ किया गया था।
  • इसकी प्रक्रिया में निरंतर सुधार करके, उनका उद्देश्य परिपक्वता मूल्यांकन प्रतिमान (कांस्य – चांदी – स्वर्ण – हीरा – प्लैटिनम) को आगे बढ़ाना है।
  • रेटिंग प्रत्येक मापदंड पर प्राप्त अंकों का भारित औसत है।
  • प्रदान की गई रेटिंग 4 वर्ष की अवधि के लिए वैध होगी।
  • अवेक्षण लेखा परीक्षा (सर्विलांस ऑडिट) भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया) द्वारा किया जाएगा।

जेड रेटिंग

प्राप्तांक रेटिंग
2.2 – 2.5 ब्रोंज
2.5 – 3.0 सिल्वर
3.0 – 3.5 गोल्ड
3.5 – 4.0 डायमंड
4.0 – 5.0 प्लेटिनम

 

ZED के लाभ

  • ZED में एक राष्ट्रीय आंदोलन बनने की क्षमता है तथा इसका उद्देश्य भारत के MSMEs के लिए वैश्विक प्रतिस्पर्धा हेतु एक रोडमैप प्रदान करना है।
  • ZED न केवल उत्पादकता एवं प्रदर्शन में सुधार करने का प्रयास करेगा; इसमें निर्माताओं की मानसिकता को परिवर्तित करने एवं उन्हें पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक बनाने की क्षमता है।

 

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