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भारत-चिली संबंध- निःशक्तता क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए

भारत-चिली संबंध- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े एवं/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।

भारत-चिली संबंध- निःशक्तता क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए_3.1

 समाचारों में भारत-चिली संबंध

  • हाल ही में, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निःशक्तता क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत तथा चिली के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने को स्वीकृति प्रदान की है।

 

भारत-चिली के मध्य निःशक्तता क्षेत्र में समझौता ज्ञापन

  • निःशक्तता क्षेत्र में सहयोग के क्षेत्रः निःशक्तता क्षेत्र में सहयोग की इच्छा व्यक्त करने वाले देशों के मध्य एक संयुक्त आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए गए, विशेष रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों में:
    • विकलांगता नीति एवं सेवाओं के वितरण पर जानकारी साझा करना।
    • सूचना एवं ज्ञान का आदान-प्रदान।
    • सहायक उपकरण प्रौद्योगिकी में सहयोग।
    • विकलांगता क्षेत्र में पारस्परिक हित की परियोजनाओं का विकास।
    • विकलांगता की प्रारंभिक पहचान  एवं रोकथाम।
    • विशेषज्ञों, शिक्षाविदों तथा अन्य प्रशासनिक कर्मचारियों का आदान-प्रदान।
  • वित्तीयन तंत्र/फंडिंग मैकेनिज्म: भारत चिली समझौता ज्ञापन निःशक्तता क्षेत्र में इसके तहत गतिविधियों के लिए व्यय को पूर्ण करने हेतु वित्तीयन तंत्र के लिए एक तंत्र का प्रावधान करता है।
    • इस तरह की गतिविधियों के लिए व्यय दोनों सरकार द्वारा व्यक्ति व्यक्ति के आधार पर निधियों एवं संसाधनों की उपलब्धता के अधीन पारस्परिक रूप से निर्धारित किया जाएगा।
    • संयुक्त गतिविधियों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा/आवास की लागत का वहन अतिथि देश द्वारा किया जाएगा जबकि बैठकें आयोजित करने की लागत मेजबान देश द्वारा वहन की जाएगी।
  • महत्व: भारत चिली समझौता ज्ञापन विकलांग व्यक्तियों के अधिकारिता विभाग, भारत सरकार एवं चिली सरकार के मध्य विकलांगता क्षेत्र में संयुक्त पहल के माध्यम से सहयोग को प्रोत्साहित करेगा।
    • विकलांगता क्षेत्र में भारत चिली समझौता ज्ञापन भारत तथा चिली के मध्य द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करेगा।

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भारत चिली संबंध के बारे में मुख्य तथ्य 

  • भारत-चिली संबंध के बारे में: भारत-चिली संबंध व्यापक मुद्दों पर विचारों की समानता के आधार पर जोशपूर्ण एवं मैत्रीपूर्ण हैं।
    • वर्ष 2019-20 दोनों देशों के मध्य राजनयिक संबंधों के 70 वें वर्ष को चिह्नित करता है।
    • उच्च स्तरीय यात्राओं के आदान-प्रदान के साथ द्विपक्षीय संबंध विगत कुछ वर्षों में सुदृढ़ हुए हैं, जिसमें 2005  एवं 2009 में चिली के माननीय राष्ट्रपति की दो यात्राएं शामिल हैं।
  • सहयोग के क्षेत्र: भारत एवं चिली ने सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों जैसे खेल, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी, अंटार्कटिका, रक्षा, वायु सेवा, कृषि, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, शिक्षा, बाह्य अंतरिक्ष, भूविज्ञान एवं खनिज संसाधनों को सम्मिलित करने वाले समझौतों / समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं।
  • तकनीकी सहयोग एवं प्रशिक्षण: भारतीय दूतावास के पास वर्तमान में सूचना प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार, प्रबंधन इत्यादि जैसे विविध क्षेत्रों में चिली के नागरिकों को पेशकश करने के लिए वार्षिक 25 आईटीईसी स्लॉट हैं।
  • चिली को भारत का निर्यात: उच्च मूल्य वर्धित मद जैसे वाणिज्यिक वाहन (टेल्को, महिंद्रा), मोटर कार, दोपहिया एवं थोक में औषधि (बल्क फार्मास्यूटिकल्स) ने चिली के बाजार में प्रवेश किया है एवं चिली को शीर्ष 10 भारतीय निर्यात में शामिल हैं।
    • चिली द्वारा आयात की जाने वाली अन्य पारंपरिक वस्तुएं घरेलू सामान, वस्त्र, हस्तशिल्प, वस्त्र, कालीन  एवं हाथ के औजार हैं।
  • चिली से भारत का आयात: चिली से भारत का आयात मुख्य रूप से तांबा, आयोडीन, काष्ठ का रासायनिक गूदा, सांद्र मोलिब्डेनम तथा सेब है।

 

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