अनुरूपता मूल्यांकन योजना: प्रासंगिकता
- जीएस 3: प्रौद्योगिकी मिशन; पशुपालन का अर्थशास्त्र।
अनुरूपता मूल्यांकन योजना: प्रसंग
- हाल ही में, प्रधानमंत्री ने दुग्ध उत्पादों की अनुरूपता मूल्यांकन योजना हेतु समर्पित एक पोर्टल एवं लोगो का विमोचन किया है।
अनुरूपता मूल्यांकन योजना: मुख्य बिंदु
- दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों की विकारी (शीघ्र नष्ट होने वाली) प्रकृति एवं अल्प जीवनावधि (शेल्फ-लाइफ) के साथ-साथ दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों के उत्पादन एवं आपूर्ति में शामिल व्यापक कोल्ड-चेन पर विचार करते हुए यह एक विशिष्ट एवं अपनी तरह की पहली प्रमाणन योजना है।
- इससे पूर्व, संबंधित लोगो बीआईएस-आईएसआई मार्क एवं एनडीडीबी गुणवत्ता चिन्ह एवं कामधेनु गाय की विशेषता वाले एकीकृत लोगो के साथ ‘उत्पाद-खाद्य सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली-प्रक्रिया‘ प्रमाणीकरण एक प्रछत्र के अधीन लाया गया है।
- राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की सहायता से भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा पोर्टल एवं लोगो का विकास किया गया है।
चित्र। अनुरूपता मूल्यांकन योजना का लोगो
अनुरूपता मूल्यांकन योजना: इसकी आवश्यकता क्यों है?
- उत्पाद एवं प्रक्रिया प्रमाणन का कोई एकीकरण नहीं था जिससे डेयरी संयंत्रों के लिए आद्योपान्त प्रमाणन (एंड टू एंड सर्टिफिकेशन) प्राप्त करना कठिन हो रहा था।
- एनडीडीबी सहकारी डेयरियों के लिए ब्रांड पहचान निर्मित करने एवं उपभोक्ता विश्वास में वृद्धि करने में सहायता करने वाली डेयरी मूल्य श्रृंखला में प्रक्रिया मानकों का पालन करने वाली सहकारी समितियों के डेयरी संयंत्रों को ‘गुणवत्ता चिह्न’ प्रदान करता रहा है।
- दूसरी ओर, बीआईएस के पास डेयरी उत्पाद संसाधित्रों (प्रोसेसर्स) सहित निर्माताओं के लिए एक उत्पाद प्रमाणन योजना है जो उत्पाद स्तर पर खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करती है जिससे अनुज्ञप्ति (लाइसेंस) धारक अपने उत्पादों पर ‘आईएसआई मार्क’ का उपयोग कर सकते हैं।
- इसके अतिरिक्त, दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता के प्रति उपभोक्ता जागरूकता का भी अभाव था।
अनुरूपता मूल्यांकन योजना: योजना के लाभ
- प्रमाणन प्रक्रिया को सरल बनाना
- डेयरी उत्पाद की गुणवत्ता के बारे में जनता को आश्वस्त करने हेतु त्वरित पहचानने योग्य लोगो निर्मित करना
- संगठित क्षेत्र में दूध एवं दुग्ध उत्पादों की बिक्री में वृद्धि करना एवं बदले में किसानों की आय बढ़ाना
- डेयरी क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण संस्कृति का विकास करना।
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के बारे में
- राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड अधिनियम, 1987 के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है।
- यह डॉ. वर्गीज कुरियन द्वारा निर्मित किया गया था एवं एनडीडीबी का मुख्यालय आणंद, गुजरात में स्थित है।
- इसे उत्पादक-स्वामित्व वाले एवं नियंत्रित संगठनों को बढ़ावा देने, वित्त एवं समर्थन देने हेतु निर्मित किया गया था।
- एनडीडीबी के कार्यक्रम एवं गतिविधियां किसानों के स्वामित्व वाली संस्थाओं को मजबूत करने एवं ऐसी राष्ट्रीय नीतियों का समर्थन करने का प्रयास करती हैं जो ऐसे संस्थानों के विकास के अनुकूल हों।
- एनडीडीबी के प्रयासों ने दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भरता की देश की आवश्यकता को संबोधित करते हुए लाखों दुग्ध उत्पादकों के लिए डेयरी को एक व्यवहार्य एवं लाभदायक आर्थिक गतिविधि बनाकर भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को रूपांतरित कर दिया है।