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बीज ग्राम योजना: बीज ग्राम कार्यक्रम

बीज ग्राम योजना- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप एवं उनकी अभिकल्पना तथा कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

बीज ग्राम योजना- प्रसंग

  • हाल ही में, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने लोकसभा में बीज ग्राम योजना के विभिन्न अंतर्रोपण विवरण जारी किए।

बीज ग्राम योजना: बीज ग्राम कार्यक्रम_3.1

बीज ग्राम योजना- प्रमुख बिंदु

  • बीज ग्राम योजना के बारे में: सरकार द्वारा वर्ष 2014-15 से बीज ग्राम कार्यक्रम (बीज ग्राम योजना) क्रियान्वित की जा रही है ताकि किसान द्वारा सुरक्षित रखें गये बीजों की गुणवत्ता में सुधार किया जा सके।
  • प्रमुख उद्देश्य: किसान द्वारा सुरक्षित रखे गए बीजों की गुणवत्ता को उन्नत करना, जो फसल उत्पादन के लिए उपयोग किए जाने वाले कुल बीज का लगभग 80-85% है। बीज ग्राम कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य हैं-
    • बीज उत्पादन में वृद्धि,
    • बीज प्रतिस्थापन दर में वृद्धि करना,
    • संकुल (क्लस्टर)/ सघन (कॉम्पैक्ट) क्षेत्र में बीज उत्पादन का आयोजन, वर्तमान स्थानीय किस्मों को नवीन उच्च उपज देने वाली किस्मों के साथ बदलना,
    • गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन के मामले में गांव की आत्मनिर्भरता एवं स्वावलंबन
    • स्थानीय मांग की पूर्ति करना एवं गुणवत्तापूर्ण बीजों की समय पर आपूर्ति करना।
  • वित्त पोषण: बीज ग्राम कार्यक्रम के अन्तर्गत बुनियादी/प्रमाणित बीज वितरण हेतु धान्य फसलों हेतु बीज लागत का 50 प्रतिशत तथा दलहन, तिलहन, चारा एवं हरी खाद फसलों के लिये 60 प्रतिशत प्रति किसान एक एकड़ तक की वित्तीय सहायता उपलब्ध है।

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बीज ग्राम योजना- योजना का क्रियान्वयन

  • क्रियान्वयन: केंद्र सरकार प्रत्येक बुवाई के मौसम (खरीफ एवं रबी) के आरम्भ से पूर्व वर्ष में दो बार क्षेत्रीय बीज समीक्षा बैठक आयोजित करती है।
    • विभिन्न राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के कृषि विभाग, राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय बीज उत्पादन एजेंसियों, बीज प्रमाणन एजेंसियों को प्रत्येक मौसम से पूर्व देश भर में बीज की आवश्यकता एवं उपलब्धता का आकलन करने हेतु आमंत्रित किया जाता है।
    • ऐसा किसानों को समय पर बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु किया जाता है।
  • क्रियान्वयन एजेंसियां: क्षेत्र/इलाके के लिए एक कार्यान्वयन एजेंसी अभिनिर्धारित की जाएगी एवं इसे राज्य सरकार द्वारा अधिकृत किया जाएगा। कार्यान्वयन एजेंसियां ​​होंगी-
    • राज्य के कृषि विभाग,
    • राज्य कृषि विश्वविद्यालय,
    • कृषि विज्ञान केंद्र,
    • राज्य बीज निगम,
    • राष्ट्रीय बीज निगम,
    • भारतीय राज्य फार्म निगम (एसएफसीआई),
    • राज्य बीज प्रमाणन एजेंसियां,
    • बीज प्रमाणन विभाग।
  • बीज ग्राम योजना का अनुश्रवण: बीज ग्राम कार्यक्रम का अनुश्रवण कृषि एवं सहकारिता विभाग के बीज विभाग द्वारा किया जाएगा।
    • कार्यान्वयन एजेंसियों को कृषि एवं सहकारिता विभाग के बीज प्रभाग को त्रैमासिक प्रगति रिपोर्ट भेजनी होगी।
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