सामान्य अध्ययन IV- नैतिकता
टीवी चैनलों पर चर्चाओं/बहस के माध्यम से घृणास्पद भाषणों पर अपनी पीड़ा एवं क्षोभ व्यक्त करते हुए, सर्वोच्च न्यायालय ने “दृश्य मीडिया” को “घृणास्पद भाषण (हेट स्पीच) का मुख्य माध्यम” कहा तथा सरकार से प्रश्न किया कि जब यह सब हो रहा है तो यह “एक मूक दर्शक के रूप में क्यों चुपचाप देख रहा है” ” तथा इसे” एक साधारण मामला “के रूप में मानता है।
पीठ ने रेखांकित किया कि “घृणा टीआरपी को बढ़ाती है, जो लाभ को बढ़ाता है” मूल रूप से मीडिया नैतिकता के विरुद्ध जा रहा है एवं कहा कि यह कुछ दिशा निर्देश निर्मित करने पर विचार करेगा जो तब तक लागू रहेंगे जब तक कि विधायिका इस मामले पर कानून नहीं बनाती।
यह इंगित करते हुए कि “हेट स्पीच विभिन्न रूपों में हो सकती है … एक समुदाय का उपहास करना” एवं दृश्य मीडिया के माध्यम से इसके प्रसार का “विनाशकारी प्रभाव” हो सकते हैं, इस तरह की बहसों को विनियमित करने के इच्छुक न्यायाधीश न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ एवं हृषिकेश रॉय की पीठ ने केंद्र से यह बताने को कहा कि क्या उसने इस विषय पर किसी कानून के निर्माण का प्रस्ताव रखा है।
संयुक्त राष्ट्र संघ की हेट स्पीच पर रणनीति एवं कार्य योजना हेट स्पीच को “भाषण, लेखन या व्यवहार में किसी भी प्रकार के संचार के रूप में परिभाषित करती है, जो किसी व्यक्ति या समूह के संदर्भ में अपमानजनक अथवा भेदभावपूर्ण भाषा का उपयोग करती है, इस आधार पर कि वे कौन हैं अन्य शब्दों में, उनके धर्म, जातीयता, राष्ट्रीयता, नस्ल, रंग, वंश, लिंग अथवा अन्य पहचान कारकों के आधार पर।”
सत्य एवं सटीकता
पत्रकार सदैव ‘सत्य’ की गारंटी नहीं दे सकते, किंतु सही तथ्यों को प्राप्त करना पत्रकारिता का मुख्य सिद्धांत है। सदैव सटीकता के लिए प्रयास करना, हमारे पास मौजूद सभी प्रासंगिक तथ्य प्रदान करना एवं सुनिश्चित करना कि उनकी जाँच की गई है।
स्वतंत्रता
पत्रकारों की स्वतंत्र अभिव्यक्ति चाहिए; विशेष हितों की ओर से औपचारिक अथवा अनौपचारिक रूप से कार्य नहीं करना चाहिए, चाहे वह राजनीतिक हों, व्यावसायिक घरानों के हों अथवा सांस्कृतिक हों।
न्यायसंगति एवं निष्पक्षता
निष्पक्षता सदैव संभव नहीं होती है एवं सदैव वांछनीय नहीं हो सकती है (क्रूरता या अमानवीयता के उदाहरण के लिए), किंतु निष्पक्ष रिपोर्टिंग विश्वास एवं आत्मविश्वास का निर्माण करती है।
मानवता
पत्रकारों को कोई क्षति नहीं करनी चाहिए। जो प्रकाशित अथवा प्रसारित होता है वह हानिकारक हो सकता है, किंतु हमें दूसरों के जीवन पर हमारे शब्दों एवं छवियों के प्रभाव के बारे में जागरूक होना चाहिए।
जवाबदेही
व्यावसायिकता एवं उत्तरदायी पत्रकारिता का एक निश्चित संकेत स्वयं को जवाबदेह ठहराने की क्षमता है।
In the UPSC Exam History has a very important role, it is one of the…
The Bar Council of India generally release the AIBE 19 Notification 2024 on its official…
The Bihar Public Service Commission (BPSC) conducts a highly esteemed State Level Civil Services Examination…
The latest EPFO Personal Assistant Syllabus has been released on the official website of UPSC.…
The Union Public Service Commission (UPSC) has released the ESIC Nursing Officer Syllabus and Exam…
The Delhi Subordinate Services Selection Board (DSSSB) is responsible for conducting the DSSSB Section Officer…