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पर्यावरण मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन 2022

पर्यावरण मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां
    • विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां एवं अंतक्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

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पर्यावरण मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन चर्चा में क्यों है?

  • हाल ही में, 23-24 सितंबर, 2022 को गुजरात के एकता नगर में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रियों का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था।
  • राष्ट्रीय पर्यावरण मंत्रियों के सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा आभासी रूप से किया गया था।

 

पर्यावरण मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन

  • विषय-वस्तु: पर्यावरण मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन छह विषयों के तहत आयोजित किया गया था जिसमें निम्नलिखित टॉपिक्स पर ध्यान केंद्रित किया गया था-
    • जीवन एवं जलवायु परिवर्तन का मुकाबला (उत्सर्जन के शमन एवं जलवायु प्रभावों के अनुकूलन हेतु जलवायु परिवर्तन पर राज्य कार्य योजनाओं को अद्यतन करना);
    • परिवेश (एकीकृत हरित स्वीकृति हेतु एकल बिंदु सिस्टम/ PARIVESH);
    • वानिकी प्रबंधन;
    • प्रदूषण की रोकथाम एवं नियंत्रण;
    • वन्यजीव प्रबंधन;
    • प्लास्टिक तथा अपशिष्ट प्रबंधन।
  • भागीदारी: देश भर के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रियों ने पर्यावरण मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया।
    • राज्यों के वन एवं पर्यावरण मंत्रियों, संबंधित राज्य सचिवों के साथ-साथ पीसीसीएफ के साथ-साथ राज्य पीसीबी / पीसीसी के अध्यक्षों ने भी पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन (एनवायरमेंट फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज/ईएफ एंड सीसी) के मंत्रियों के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया।

 

पर्यावरण मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन के मुख्य परिणाम

  • गुजरात के एकता नगर में दो दिवसीय सम्मेलन के समापन सत्र में तीन प्रतिज्ञाएँ ली गईं:
  • जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौती से निपटने के लिए, प्रधान मंत्री के सक्षम नेतृत्व में, हम पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली को प्रोत्साहित करने का संकल्प लेते हैं।
  • हम वन्य जीवन, वन संरक्षण एवं हरित क्षेत्रों में वृद्धि करने का संकल्प लेते हैं।
  • अपने देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हम संकल्प लेते हैं-
    • काष्ठ एवं संबंधित उत्पादों को संरक्षित करने हेतु,
    • कृषि-वाणिज्य के अवसरों की पहचान करने हेतु,
    • वैज्ञानिक अवसंरचना से संबंधित नीतिगत ढांचे को सक्षम बनाने हेतु एवं
    • किसानों, जनजातीय समूहों तथा स्थानीय समुदायों के रोजगार एवं आय के अवसरों में वृद्धि करने हेतु।

 

परिवेश क्या है?

  • PARIVESH का पूर्ण रूप: PARIVESH का पूर्ण रूप“प्रोएक्टिव एंड रेस्पॉन्सिव फैसिलिटेशन बाय इंटरएक्टिव एंड वर्चुअस एनवायरनमेंट सिंगल विंडो हब” है।
  • पृष्ठभूमि: स्वीकृति प्रदान करने में लगने वाले समय को कम करने के माननीय प्रधानमंत्री के विजन को प्राप्त करने हेतु PARIVESH को अगस्त 2018 में विमोचित किया गया था।
  • परिवेश के बारे में: PARIVESH एक प्रौद्योगिकी संचालित, पेशेवर रूप से प्रबंधित संस्थागत तंत्र है, जो सभी हरित अनुमतियों (ग्रीन क्लीयरेंस) के क्रियान्वयन तथा बाद के अनुपालन प्रबंधन के लिए ‘सिंगल विंडो’ प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करेगा।
  • अधिदेश: PARIVESH का उद्देश्य सत्य का एक ही स्रोत, प्रक्रिया एवं डेटा समक्रमण (सिंक्रनाइज़ेशन) के माध्यम से प्रभावशीलता, पारदर्शी एवं संसूचित निर्णय निर्माण तथा “न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन” को सुदृढ़ करना है।
    • वर्तमान में परिकल्पित परिवेश (PARIVESH) विकास कार्य प्रगति पर है एवं इसे 2022 के अंत तक प्रारंभ करने की योजना है।
  • प्रमुख मॉड्यूल: PARIVESH में परिकल्पित कुछ प्रमुख मॉड्यूल विन्यास योग्य व्यवस्थापक मॉड्यूल, निर्णय समर्थन प्रणाली (DSS), अपने अनुमोदन को जानें (KYA), CAMPA प्रबंधन, हेल्पडेस्क प्रबंधन, विधि ज्ञान कोष, अंकेक्षक प्रबंधन, सत्व लेखा बही (एंटिटी लेजर एवं भुगतान गेटवे हैं।

 

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