Home   »   विभिन्न बसाव प्रतिरूप   »   विभिन्न बसाव प्रतिरूप

विभिन्न बसाव प्रतिरूप

एक बसाव प्रतिरूप क्या है?

  • एक बसाव पैटर्न उस तरीके को संदर्भित करता है जिस तरह से एक ग्रामीण बस्ती में भवनों एवं घरों का वितरण होता है।
  • बसावट प्रतिरूप महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं कि समय के साथ एक समुदाय किस प्रकार विकसित हुआ है।

विभिन्न बसाव प्रतिरूप_3.1

बसाव पैटर्न को प्रभावित करने वाले कारक

  • जल निकाय (परिवहन मार्ग, पीने तथा खेती के लिए जल)
  • समतल भूमि (निर्माण में सुगमता)
  • उपजाऊ मृदा (फसलों के लिए)
  • वन (लकड़ी एवं आवास)

 

बसाव प्रतिरूप के प्रकार 

मुख्य रूप से तीन प्रकार के बसाव प्रतिरूप होते हैं

आकेन्द्रित बस्ती/न्यूक्लियेटेड सेटलमेंट

  • आकेन्द्रित बस्तियां अथवा न्यूक्लियेटेड सेटेलमेंट वे बस्तियां या संकुल बस्तियां हैं जिनमें सभी घर निकट रूप से समूहित होते हैं।
  • यह अधिकांशतः एक केंद्रीय आकृति के आसपास स्थित होता है जैसे धार्मिक स्थल अथवा ग्रामोद्यान।
  • इसके अतिरिक्त, नई नियोजित बस्तियों में प्रायः एक केंद्रीकृत प्रतिरूप पाया जाता है।
  • उदाहरण: इंग्लैंड में लिटिल थेटफोर्ड।

 

रैखिक बस्तियाँ

  • रैखिक बस्तियाँ वे बस्तियाँ हैं जहाँ भवनों का निर्माण रैखिक बिंदु में, प्रायः एक भौगोलिक आकृति जैसे झील, नदी या सड़क के आसपास किया जाता है।
  • रैखिक बसावट को श्रृंखला गांव (चेन विलेज) अथवा रिबन विस्तार के रूप में भी जाना जाता है।
  • रैखिक बस्तियों में आमतौर पर एक लंबी तथा संकीर्ण आकृति पाई जाती है।
  • जहां एक बस्ती मार्ग के अनुदिश बनाई जाती है, मार्ग बस्ती से पूर्व समय का होता है एवं फिर बस्ती परिवहन मार्ग के साथ बढ़ती है।
  • उदाहरण: उत्तरी मालाबार, गंगा-यमुना दोआब में सड़कों के किनारे बसे मछुआरे गाँव।

विभिन्न बसाव प्रतिरूप_4.1

परिक्षिप्त बस्तियाँ

  • परिक्षिप्त बस्तियाँ (स्कैटर्ड सेटेलमेंट) वे बस्तियाँ हैं जहाँ घर एक विस्तृत क्षेत्र में फैले हुए होते हैं।
  • इस प्रकार की बस्तियां प्रायः किसानों के घर होती हैं एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पाई जा सकती हैं।
  • एक परिक्षिप्त बस्ती एक आकेन्द्रित अथवा न्यूक्लियेटेड गाँव के विपरीत होती है।
  • विश्व के ग्रामीण क्षेत्रों में परिक्षिप्त बस्तियाँ आम है।
  • उदाहरण: मेघालय, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश तथा केरल के कुछ हिस्से।

 

कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव अभियान जेंडर संवाद: ग्रामीण विकास मंत्रालय ने तीसरे संस्करण का आयोजन किया  राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय संपादकीय विश्लेषण- अ-निर्देशित प्रक्षेपास्त्र
खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 में संशोधन स्वीकृत दांडी मार्च | राष्ट्रीय नमक सत्याग्रह कृषि में उर्वरक का उपयोग अमेज़ॅन वर्षावन अस्थिर बिंदु तक पहुंच रहे हैं
व्यापार एवं निवेश पर भारत-कनाडा मंत्रिस्तरीय संवाद  फार्मास्युटिकल उद्योगों का सुदृढ़ीकरण: मंत्रालय ने दिशा-निर्देश जारी किए  पारिस्थितिक पिरामिड: अर्थ एवं प्रकार राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम को विशेष प्रयोजन वाहन के रूप में स्थापित किया जाएगा

Sharing is caring!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *