Home   »   India-Canada Comprehensive Economic Partnership Agreement   »   India-Canada Comprehensive Economic Partnership Agreement

व्यापार एवं निवेश पर भारत-कनाडा मंत्रिस्तरीय संवाद 

भारत-कनाडा मंत्रिस्तरीय संवाद- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े एवं/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।

व्यापार एवं निवेश पर भारत-कनाडा मंत्रिस्तरीय संवाद _3.1

समाचारों में व्यापार एवं निवेश पर भारत-कनाडा मंत्रिस्तरीय वार्ता

  • हाल ही में, भारत एवं कनाडा ने व्यापार तथा निवेश ( मिनिस्ट्रियल डायलॉग ऑन ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट/एमडीटीआई) पर पांचवीं मंत्रिस्तरीय वार्ता आयोजित की, जिसकी सह-अध्यक्षता भारतीय वाणिज्य तथा उद्योग मंत्री एवं उनके कनाडाई समकक्ष ने की।

 

व्यापार एवं निवेश पर पांचवें भारत-कनाडा मंत्रिस्तरीय वार्ता में प्रमुख समझौते

  • भारत-कनाडा सीईपीए को अंतिम रूप प्रदान करना: मंत्रियों ने भारत-कनाडा व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (कंप्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट/सीईपीए) के लिए वार्ता को औपचारिक रूप से पुनः प्रारंभ करने पर सहमति व्यक्त की।
  • अंतरिम समझौता: वे एक अंतरिम समझौते या अर्ली प्रोग्रेस ट्रेड एग्रीमेंट (ईपीटीए) पर भी विचार करेंगे जो दोनों देशों को शीघ्र व्यावसायिक लाभ प्रदान कर सकता है। अंतरिम समझौते में सम्मिलित होंगे-
    • वस्तुओं, सेवाओं, उत्पत्ति के नियमों, स्वच्छता तथा  पादप स्वच्छता उपायों, व्यापार के लिए तकनीकी बाधाओं एवं विवाद निपटान में उच्च-स्तरीय प्रतिबद्धताएं, एवं
    • पारस्परिक रूप से सहमत किसी अन्य क्षेत्र को भी सम्मिलित कर सकते हैं।
  • कृषि निर्यात को बढ़ावा देना: दोनों देश दालों में कीट जोखिम प्रबंधन तथा स्वीट कॉर्न, बेबी कॉर्न  एवं केला इत्यादि जैसे भारतीय कृषि वस्तुओं के लिए बाजार अभिगम के लिए कनाडा के सिस्टम दृष्टिकोण की मान्यता के संबंध में गहन कार्य करने पर सहमत हुए।
  • जैविक निर्यात की सुविधा: कनाडा भारतीय जैविक निर्यात उत्पादों की सुविधा के लिए एपीडा (कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण/एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी) को अनुरूपता सत्यापन निकाय (कनफॉरमेटी वेरिफिकेशन बॉडी/सीवीबी) की स्थिति के अनुरोध की शीघ्र जांच करने हेतु सहमत हुआ।
  • लोचशील आपूर्ति श्रृंखला की स्थापना: उन्होंने महत्वपूर्ण क्षेत्रों में लोचशील आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करने के महत्व को स्वीकार किया एवं इस क्षेत्र में सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
  • लोगों से लोगों के मध्य सहयोग: उन्होंने द्विपक्षीय आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने में पेशेवरों एवं कुशल श्रमिकों, छात्रों तथा व्यापार-कर्ता यात्रियों के आवागमन सहित दोनों देशों के मध्य लोगों से लोगों के    सुदृढ़ संबंधों की भूमिका को भी नोट किया।

व्यापार एवं निवेश पर भारत-कनाडा मंत्रिस्तरीय संवाद _4.1

भारत-कनाडा व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) का महत्व

  • भारत-कनाडा व्‍यापक व्‍यापार समझौते से विभिन्‍न क्षेत्रों में संभावनाओं को खोलकर वस्‍तुओं तथा सेवाओं में द्विपक्षीय व्‍यापार का विस्‍तार करने में सहायता प्राप्त होगी।
  • विभिन्न क्षेत्रों में भारत-कनाडा सहयोग भारत एवं एवं कनाडा के मध्य व्यापार तथा निवेश संबंधों की संपूर्ण क्षमता का उपयोग करने में सहायता करेगा।

 

फार्मास्युटिकल उद्योगों का सुदृढ़ीकरण: मंत्रालय ने दिशा-निर्देश जारी किए  पारिस्थितिक पिरामिड: अर्थ एवं प्रकार राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम को विशेष प्रयोजन वाहन के रूप में स्थापित किया जाएगा राष्ट्रीय डिजिटल पर्यटन मिशन
आरएसईटीआई: महिला केंद्रित पाठ्यक्रमों के नए बैच का शुभारंभ  संपादकीय विश्लेषण- पांच राज्यों के चुनाव, उनके संदेश तथा निहितार्थ नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट (एनएबीएफआईडी) यूडीआईएसई+ 2020-21 रिपोर्ट
यूट्रोफिकेशन: परिभाषा, कारण और नियंत्रण स्मार्ट ग्रिड नॉलेज सेंटर तथा इनोवेशन पार्क ‘साहित्योत्सव’ महोत्सव | साहित्य महोत्सव 2022 डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन इन इंडिया

Sharing is caring!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *