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जेंडर संवाद: ग्रामीण विकास मंत्रालय ने तीसरे संस्करण का आयोजन किया 

जेंडर संवाद: प्रासंगिकता

  • जीएस 2: केंद्र एवं राज्यों द्वारा आबादी के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं

जेंडर संवाद: ग्रामीण विकास मंत्रालय ने तीसरे संस्करण का आयोजन किया _3.1

जेंडर संवाद: संदर्भ

  • हाल ही में, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने अमृत महोत्सव के अंतर्गत मंत्रालय के प्रतिष्ठित सप्ताह उत्सव  विषय वस्तु ‘नए भारत की नारी’ के एक भाग के रूप में जेंडर संवाद के तीसरे संस्करण का आयोजन किया है।

 

जेंडर संवाद: प्रमुख बिंदु

  • दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) द्वारा आयोजित पहल में 3000 से अधिक राज्य मिशन कर्मचारियों एवं स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के सदस्यों ने भाग लिया।
  • इस संस्करण की विषय वस्तु महिलाओं के समूह के माध्यम से खाद्य तथा पोषण सुरक्षा को बढ़ावा देना‘ (प्रमोशन ऑफ फूड एंड न्यूट्रिशन सिक्योरिटी फॉर वूमंस कलेक्टिव) थी।
  • जेंडर संवाद, डीएवाई-एनआरएलएम के अंतर्गत एक राष्ट्रीय आभासी पहल है, जिसका उद्देश्य जेंडर लेंस के साथ देश भर में मिशन के अंतःक्षेपों पर व्यापक जागरूकता उत्पन्न करना है।
  • इस कार्यक्रम ने राष्ट्रीय एवं राज्य ग्रामीण आजीविका मिशनों (एसआरएलएम) को एसएचजी महिलाओं की  विचारों को सुनने तथा एसआरएलएम को सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और सीखने में सक्षम बनाया।
  • डीएवाई-एनआरएलएम के अंतर्गत एसएचजी ग्रामीण परिवारों की आय में वृद्धि, उत्पादकता में सुधार तथा पोषक तत्वों से समृद्ध खाद्य फसलों के विविधीकरण एवं एसएचजी सदस्यों के मध्य सामाजिक तथा व्यवहार परिवर्तन संचार (एसबीसीसी) सहित कुपोषण से लड़ने  हेतु अनेक अंतःक्षेपों पर कार्य कर रहे हैं।
  • एसएचजी महिलाएं व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा दे सकती हैं, कम वजन के बच्चों की देखभाल के लिए महिलाओं को सलाह दे सकती हैं, बालिकाओं की शिक्षा को प्रोत्साहित कर सकती हैं, स्वस्थ आहार, सूक्ष्म पोषक तत्वों का सेवन, उचित आयु में विवाह, साथ ही गर्भधारण के मध्य अंतर कर सकती हैं।

 

एनआरएलएम के बारे में 

  • राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक प्रमुख योजना के रूप में  2011 में प्रारंभ किया गया था।
  • इस योजना का उद्देश्य लगभग 9-10 करोड़ ग्रामीण निर्धन परिवारों को चरणबद्ध रूप से स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में संगठित करना तथा उन्हें दीर्घकालिक सहायता प्रदान करना है ताकि वे अपनी आजीविका में विविधता ला सकें, अपनी आय तथा जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकें।
  • नवंबर 2015 में, कार्यक्रम का नाम परिवर्तित कर दीनदयाल अंत्योदय योजना (डीएवाई-एनआरएलएम) कर दिया गया।
  • एनआरएलएम को स्व-प्रबंधित स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) एवं संघबद्ध संस्थानों के माध्यम से देश के 600 जिलों, 6000 प्रखंडों, 2.5 लाख ग्राम पंचायतों तथा 6 लाख गांवों में 7 करोड़ निर्धन ग्रामीण परिवारों को सम्मिलित करने एवं आजीविका समूह को 8-10 वर्ष की अवधि के लिए उनका समर्थन करने का अधिदेश प्राप्त है।
  • इसके अतिरिक्त, गरीबों को उनके अधिकारों, सरकार समर्थित अनुदानों एवं सार्वजनिक सेवाओं, विविध जोखिम तथा सशक्तिकरण के बेहतर सामाजिक संकेतकों तक पहुंच बढ़ाने के लिए सुविधा प्रदान की जाएगी।
  • एनआरएलएम निर्धनों की सहज क्षमताओं का उपयोग करने में विश्वास रखता है एवं देश की वृद्धिशील अर्थव्यवस्था में भाग लेने के लिए उन्हें क्षमताओं (सूचना, ज्ञान, कौशल, उपकरण, वित्त तथा सामूहिकता) के साथ पूरक है।

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आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना

  • भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2017-18 से दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई – एनआरएलएम) के अंतर्गत “आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना” (एजीवाईवाई) नामक एक  नवीन उप-योजना आरंभ की है।
  • कार्यक्रम के अंतर्गत, डीएवाई – एनआरएलएम योजना के मौजूदा प्रावधानों के तहत समुदाय आधारित संगठनों (सीबीओ) को प्रदान किए गए सामुदायिक निवेश कोष (सीआईएफ) का उपयोग सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के संचालन  हेतु एसएचजी सदस्यों की सहायता के लिए किया जाएगा।

 

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