Categories: हिंदी

भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा असम राज्य में राज्य विधानसभा एवं संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन प्रारंभ किया गया

निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन: यूपीएससी के लिए प्रासंगिकता

भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन: विभिन्न राज्य विधानसभाओं एवं संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन भारत के चुनाव आयोग द्वारा आवश्यकतानुसार किया जाता है।

यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 2: संसद एवं राज्य विधानमंडल – संरचना, कार्यकरण, कार्यों का संचालन, शक्तियां तथा विशेषाधिकार एवं इनसे उत्पन्न होने वाले मुद्दे) के लिए राज्य  कहां संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन महत्वपूर्ण है।

निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन चर्चा में क्यों है

  • हाल ही में, भारत के निर्वाचन आयोग ने असम राज्य में विधानसभा एवं संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन  का कार्य प्रारंभ करने का निर्णय लिया है।
  • भारतीय निर्वाचन आयोग विधि एवं न्याय मंत्रालय, भारत सरकार से प्राप्त अनुरोध के अनुसरण में परिसीमन  कार्यों को आयोजित करेगा।

 

निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन – विधिक एवं संवैधानिक प्रावधान

  • पृष्ठभूमि: परिसीमन अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत, असम राज्य में निर्वाचन क्षेत्रों का अंतिम परिसीमन 1976 में तत्कालीन परिसीमन आयोग द्वारा जनगणना के आंकड़ों, 1971 के आधार पर किया गया था।
  • विधिक प्रावधान: भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य विधानसभा एवं संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 8 ए के अनुसार होता है।
  • संवैधानिक प्रावधान: जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 170 के तहत अधिदेशित है, जनगणना के आंकड़े (2001) का उपयोग राज्य में संसदीय एवं विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्समायोजन के उद्देश्य से किया जाएगा।
  • अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए सीटों का आरक्षण: अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटों का आरक्षण भारत के संविधान के अनुच्छेद 330 तथा 332 के अनुसार प्रदान किया जाएगा।

 

निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन की प्रक्रिया

  • निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के उद्देश्य से आयोग अपने स्वयं के दिशानिर्देशों एवं कार्यप्रणाली को डिजाइन करेगा तथा अंतिम रूप देगा।
  • परिसीमन के दौरान आयोग भौतिक सुविधाओं, प्रशासनिक इकाइयों की वर्तमान सीमाओं, संचार की सुविधा, जन सुविधा को ध्यान में रखेगा एवं जहां तक ​​संभव हो, निर्वाचन क्षेत्रों को भौगोलिक रूप से संक्षिप्त क्षेत्रों के रूप में रखा जाएगा।
  • एक बार जब असम राज्य में निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के प्रारूप प्रस्ताव को आयोग द्वारा अंतिम रूप  प्रदान कर दिया जाता है, तो इसे आम जनता से सुझावों/आपत्तियों को आमंत्रित करने के लिए केंद्रीय एवं राज्य राजपत्रों में प्रकाशित किया जाएगा।
  • इस संबंध में, राज्य के दो स्थानीय समाचार पत्रों में एक अधिसूचना भी प्रकाशित की जाएगी जिसमें राज्य में होने वाली सार्वजनिक बैठकों की तिथि एवं स्थान निर्दिष्ट किया जाएगा।

 

भारत का चुनाव आयोग (इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया/ईसीआई)

  • भारतीय निर्वाचन आयोग एक स्वायत्त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में संघ एवं राज्य संबंधी निर्वाचन प्रक्रियाओं को प्रशासित करने हेतु उत्तरदायी है।
  • यह निकाय भारत में लोकसभा, राज्यसभा एवं राज्य विधान सभाओं के चुनावों तथा देश में राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के पदों हेतु निर्वाचन का संचालन करता है।

 

निर्वाचन आयोग से संबंधित संवैधानिक प्रावधान

  • भारतीय संविधान का भाग XV: निर्वाचन से संबंधित है एवं इन मामलों के लिए एक आयोग की स्थापना  का प्रावधान करता है।
  • संविधान का अनुच्छेद 324 से 329: आयोग एवं सदस्य की शक्तियों, कार्य, कार्यकाल, पात्रता इत्यादि से संबंधित है।

 

          भारत के चुनाव आयोग (इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया/ईसीआई) से संबंधित अनुच्छेद

 

324 निर्वाचनों का अधीक्षण, निर्देशन एवं नियंत्रण निर्वाचन आयोग में निहित होना।
325 धर्म, नस्ल, जाति अथवा लिंग के आधार पर कोई भी व्यक्ति किसी विशेष मतदाता सूची में शामिल होने या शामिल होने का दावा करने के लिए अपात्र नहीं होगा।
326 लोक सभा एवं राज्यों की विधान सभाओं के निर्वाचनों का वयस्क मताधिकार के आधार पर होना।
327 विधानसभाओं के निर्वाचन के संबंध में प्रावधान करने की संसद की शक्ति।
328 ऐसे विधानमंडल के निर्वाचन के संबंध में प्रावधान करने के लिए राज्य के विधानमंडल की शक्ति।
329 चुनावी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप पर रोक

 

भारत के निर्वाचन आयोग की संगठनात्मक संरचना

  • भारतीय निर्वाचन आयोग में एक मुख्य चुनाव आयुक्त एवं दो अन्य चुनाव आयुक्त होते हैं।
  • सचिवालय: इसका नई दिल्ली में स्थित एक समर्पित सचिवालय है।
  • राज्य स्तर पर, भारत के निर्वाचन आयोग को मुख्य निर्वाचन अधिकारी (चीफ इलेक्ट्रॉल ऑफिसर/सीईओ) द्वारा सहायता प्रदान की जाती है, जो आम तौर पर एक आईएएस रैंक का अधिकारी होता है।
  • निर्वाचन क्षेत्र के स्तर पर, भारतीय निर्वाचन आयोग राज्य अथवा केंद्र शासित प्रदेश की सरकार के परामर्श से एक रिटर्निंग ऑफिसर एवं असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति करता है, जैसा भी मामला हो।

 

चुनाव आयोग (इलेक्शन कमीशन/EC) की नियुक्ति एवं निष्कासन

  • नियुक्ति: मुख्य निर्वाचन आयुक्त एवं  अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जानी है। इनका कार्यकाल छह वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, तक होता है।
    • वे समान स्थिति का उपभोग करते हैं एवं भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए उपलब्ध वेतन एवं भत्तों को प्राप्त करते हैं।
  • हटाने की प्रक्रिया:
    • मुख्य चुनाव आयुक्त: उसे संसद द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समान हटाने की प्रक्रिया के माध्यम से ही अपने पद से हटाया जा सकता है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त को ‘सिद्ध कदाचार अथवा अक्षमता’ के आधार पर संसद द्वारा अपनाए गए प्रस्ताव के माध्यम से पद से हटाया जा सकता है।
    • पद से हटाने के लिए उपस्थित दो-तिहाई सदस्यों के विशेष बहुमत एवं सदन की कुल क्षमता के 50% से अधिक के समर्थन की आवश्यकता होती है।
    • अन्य चुनाव आयुक्त: उन्हें मुख्य निर्वाचन आयुक्त की सिफारिश पर ही राष्ट्रपति द्वारा पद से हटाया जा सकता है।

 

स्टेशनों के आधुनिकीकरण हेतु भारतीय रेलवे के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना तैयार की गई है प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएनसेफेलाइटिस (PAM) घातक मस्तिष्क भक्षक अमीबा संक्रमण प्रथम बार दक्षिण कोरिया में पाया गया यूपीएससी परीक्षा के लिए दैनिक समसामयिकी 30 दिसंबर 2022 |प्रीलिम्स बिट्स कोविड-19 डेटा साझाकरण में चीन की हिचकिचाहट | द हिंदू संपादकीय विश्लेषण
यूपीएससी के लिए दैनिक समसामयिकी 29 दिसंबर 2022, प्रीलिम्स बिट्स दिल्ली सरकार में सेवाओं पर दिल्ली उच्च न्यायालय का फैसला भारत में कोयला खदानें राज्य-वार संपूर्ण सूची सामान्य जागरूकता श्रीशैलम श्री मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर विकास परियोजना का उद्घाटन राष्ट्रपति मुर्मू ने किया
एक समग्र विरासत संरक्षण योजना- द हिंदू संपादकीय विश्लेषण इंटरनेट पर ‘डार्क पैटर्न’: कैसे कंपनियां अपने यूजर्स को भ्रमित कर रही हैं? यूपीएससी परीक्षा के लिए दैनिक समसामयिकी 28 दिसंबर 2022 |प्रीलिम्स बिट्स सार्स – कोव-2 वंशक्रम चीन में परिसंचरण में है

FAQs

निर्वाचन आयोग से संबंधित संवैधानिक प्रावधान

भारतीय संविधान का भाग XV: निर्वाचन से संबंधित है एवं इन मामलों के लिए एक आयोग की स्थापना  का प्रावधान करता है। 
संविधान का अनुच्छेद 324 से 329: आयोग एवं सदस्य की शक्तियों, कार्य, कार्यकाल, पात्रता इत्यादि से संबंधित है।

manish

Recent Posts

DSSSB JJA PA Syllabus 2024, Check Prelims and Mains Syllabus PDF

The Delhi Subordinate Services Selection Board (DSSSB) has published the DSSSB JJA PA Notification to…

13 hours ago

Neolithic Age- Agriculture, Tools, Pottery and Jewellery

In 1865, Sir John Lubbock introduced the term 'Neolithic Age' to denote the New Stone…

13 hours ago

BPSC Syllabus 2024, Check Prelims and Mains Syllabus

Bihar Public Service Commission's updated syllabus covers numerous topics for the 2024 examination. Related subjects…

15 hours ago

Indian Civil Disobedience Movement: Impacts and Limitations

A significant milestone in India's struggle for independence, the Civil Disobedience Movement exemplifies the power…

16 hours ago

History of Arya Samaj- Principles, Significance, Reform

Established in 1875 by Swami Dayananda Saraswati in Bombay, Arya Samaj is a monotheistic Hindu…

16 hours ago

Types of Volcano, Types of volcanoes with examples

A volcano is a type of landform, specifically a mountain, where molten rock emerges from…

16 hours ago