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यूपीएससी परीक्षा के लिए दैनिक समसामयिकी
यूपीएससी के लिए दैनिक समसामयिकी: यूपीएससी लेख के लिए दैनिक समसामयिकी में दिन के महत्वपूर्ण लेख सम्मिलित होते हैं जो विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं जैसे यूपीएससी, राज्य पीसीएस, एसएससी एवं विभिन्न बैंक परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।
धनु यात्रा 2022-23
धनु यात्रा चर्चा में क्यों है?
- प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने धनु यात्रा के प्रारंभ होने पर सभी को बधाई दी है। जीवंत धनु यात्रा ओडिशा की संस्कृति से जुड़ी है।
धनु यात्रा 2022-23
- धनु यात्रा के बारे में: धनु यात्रा या धनु जात्रा आध्यात्मिक रूप से भगवान कृष्ण को जानने के बारे में है जो कुछ हज़ार वर्ष पूर्व इस धरती पर आए थे।
- धनु यात्रा उत्सव भगवान को पूर्ण महिमा में मनाता एवं चित्रित करता है।
- धनु यात्रा का समय एवं स्थान: धनु यात्रा उड़ीसा के बरगढ़ में दिसंबर या जनवरी के महीने में किसी समय आयोजित की जाती है।
- धनु यात्रा 2022-2023 का आयोजन 28 दिसंबर 2022 से 6 जनवरी 2023 तक आयोजित किया जाएगा।
- प्रमुख कार्यक्रम: धनु यात्रा एक वार्षिक मुक्ताकाश (ओपन-एयर) नाट्य प्रदर्शन है एवं जहाँ यह प्रदर्शन किया जाता है वह थियेटर लगभग 8 किमी के दायरे में फैला हुआ है।
- दिलचस्प बात यह है कि यह विश्व का सबसे बड़ा मुक्ताकाश रंगमंच (ओपन-एयर थिएटर) भी है।
धनु यात्रा 2022-23 की थीम
- धनु यात्रा उत्सव की थीम कृष्ण लीला एवं उनकी मथुरा पर विजय पर आधारित है।
- इस घटना का व्यवस्थापन कंस की बहन देवकी के विवाह के साथ प्रारंभ होता है, उसके बाद कंस का सिहासनारोपण, तत्पश्चात उसके द्वारा पिता सत्ता से हटाना एवं अंत में, कंस वध के साथ समाप्त होने वाली घटनाओं की एक श्रृंखला के पश्चात समाप्त होता है।
- यह वास्तव में एक दृश्य आनंददायक है क्योंकि संपूर्ण कार्यक्रम को दृश्य द्वारा चित्रित किया गया है, जिससे भक्तों को अपने भगवान कृष्ण की लीला का आनंद लेने का अवसर प्राप्त मिलता है।
भारतीय रेलवे के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना
अमृत भारत स्टेशन योजना चर्चा में क्यों है?
- रेल मंत्रालय ने “अमृत भारत स्टेशन” योजना नाम से स्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिए एक नई नीति तैयार की है।
अमृत भारत स्टेशन योजना
- अमृत भारत स्टेशन के बारे में: अमृत भारत स्टेशन योजना में दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ निरंतर आधार पर स्टेशनों के विकास की परिकल्पना की गई है।
- यह स्टेशन की आवश्यकताओं तथा संरक्षण के अनुसार दीर्घकालिक महायोजना (मास्टर प्लान) एवं मास्टर प्लान के तत्वों के कार्यान्वयन पर आधारित है।
- अधिदेश: इस योजना का उद्देश्य रेलवे स्टेशनों के मास्टर प्लान तैयार करना एवं सुविधाओं में वृद्धि करने के लिए चरणों में मास्टर प्लान को लागू करना है।
- कार्यान्वयन मंत्रालय: भारतीय रेलवे के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना रेल मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित की जा रही है।
अमृत भारत स्टेशन योजना के प्रमुख उद्देश्य
- इस योजना का उद्देश्य रेलवे स्टेशनों के मास्टर प्लान तैयार करना एवं मास्टर प्लान को निम्नलिखित हेतु चरणों में लागू करना है-
- न्यूनतम आवश्यक सुविधाओं (मिनिमम एसेंशियल एमेनिटीज/MEA) सहित एवं उससे परे सुविधाओं में वृद्धि करने के लिए
- दीर्घावधि में स्टेशन पर रूफ प्लाजा एवं सिटी सेंटर बनाने का लक्ष्य।
- इस योजना का लक्ष्य निधियों की उपलब्धता एवं परस्पर प्राथमिकता के आधार पर जहां तक संभव हो, हितधारकों की आवश्यकताओं को पूरा करना होगा।
- यह योजना नई सुविधाओं के प्रारंभ के साथ-साथ मौजूदा सुविधाओं के उन्नयन एवं प्रतिस्थापन को पूरा करेगी।
- यह योजना उन स्टेशनों को भी कवर करेगी जहां विस्तृत तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता अध्ययन किए गए हैं या किए जा रहे हैं, लेकिन रूफ प्लाजा के निर्माण का काम अभी तक शुरू नहीं किया गया है।
- यह यह सुनिश्चित करने के लिए है कि मास्टर प्लान की चरणबद्धता को उचित रूप से लागू किया जा रहा है एवं चरणबद्ध योजनाओं में संरचनाओं तथा उपयोगिताओं के स्थानांतरण पर अधिक बल प्रदान किया जा रहा है।
कोयले की गुणवत्ता में अत्यधिक वृद्धि हुई
भारत में कोयले की गुणवत्ता
- भारत में कोयले की गुणवत्ता में अत्यधिक वृद्धि हुई है क्योंकि 2017-18 में 51% की तुलना में 2022-23 (22 नवंबर तक) में ग्रेड अनुरूपता बढ़कर 69% हो गई है।
भारत में कोयले की गुणवत्ता
- कोयला मंत्रालय एवं कोयला कंपनियों ने सभी उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण कोयले की आपूर्ति के उद्देश्य को प्राप्त करने हेतु विभिन्न उपाय किए हैं।
- कोयला कंपनियों को 100% गुणवत्ता संतुष्टि प्राप्त करने का प्रयास करना है।
- कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के स्रोतों से कोयले की आपूर्ति के घोषित ग्रेड के अनुरूप अत्यधिक सुधार हुआ है।
भारत में कोयले की गुणवत्ता में सुधार के लिए उठाए गए कदम
- गुणवत्ता में सुधार के लिए उठाए गए कदम निम्नलिखित हैं-
- कोयला खदानों का आवधिक पुन: उन्नयन,
- उन्नत खनन प्रौद्योगिकी जैसे सरफेस माइनर,
- धुले हुए कोयले की आपूर्ति,
- कोयले की सतह/फेस से रैपिड लोडिंग साइलो तक बेल्ट पर सीधे कोयले की ढुलाई के लिए फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी,
- ऑटो एनालाइजर इत्यादि का व्यवस्थापन।
- घोषित ग्रेड के अनुरूप कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करने का कार्य विभिन्न अधिकारियों/एजेंसियों को सौंपा गया है।
- ग्रेड भिन्नता का प्राथमिक कारण भारतीय कोयले की अंतर्निहित विषम प्रकृति है, जिसका अर्थ है, अलग-अलग बिंदुओं पर एक ही संस्तर के भीतर निकाले गए कोयले का कैलोरी मान भिन्न होता है।
- कोयला ऐप उत्तम (अनलॉकिंग ट्रांसपेरेंसी बाई थर्ड पार्टी असेसमेंट ऑफ माइन्ड कोल) उपभोक्ताओं/आम जनता के लिए कोयले की आपूर्ति के तृतीय पक्ष के सत्यापन को देखने के लिए उपलब्ध है।
- विभिन्न उपभोक्ता अपने कोयले के उपयोग की योजना बनाने में इस ऐप का लाभ उठा रहे हैं।
तमिलनाडु में शहरी सेवाओं में सुधार के लिए एडीबी-भारत ऋण समझौता
एडीबी-भारत ऋण समझौता चर्चा में क्यों है?
- भारत सरकार एवं एशियाई विकास बैंक (एशियन डेवलपमेंट बैंक/एडीबी) ने तमिलनाडु राज्य के तीन शहरों में जलवायु- लोचशील सीवेज संग्रह एवं उपचारण तथा जल निकासी एवं जल आपूर्ति प्रणालियों को विकसित करने के लिए 125 मिलियन डॉलर के ऋण पर हस्ताक्षर किए।
एडीबी-भारत ऋण समझौता
- राज्य के 10 शहरों में सामरिक औद्योगिक गलियारों में प्राथमिक जलापूर्ति, सीवरेज एवं जल निकासी संबंधी आधारिक संरचना के निर्माण के लिए 2018 में एशियाई विकास बैंक द्वारा अनुमोदित कार्यक्रम के लिए 500 मिलियन डॉलर की बहु-किश्त वित्तपोषण सुविधा ( मल्टी ट्रेंच फाइनेंसिंग फैसिलिटी/एमएफएफ) की तीसरी एवं अंतिम किश्त है।
- किश्त 3 ऋण में कोयंबटूर, मदुरै एवं थूथुकुडी शामिल हैं।
- तमिलनाडु शहरी प्रमुख निवेश कार्यक्रम के लिए किश्त 3 ऋण के हस्ताक्षरकर्ता थे-
- वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव रजत कुमार मिश्रा, जिन्होंने भारत सरकार के लिए हस्ताक्षर किए, एवं
- एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के लिए हस्ताक्षर करने वाले एडीबी के इंडिया रेजिडेंट मिशन के प्रभारी अधिकारी हो यून जियोंग।
भारत-एडीबी ऋण समझौते के तहत प्रारंभ की जाने वाली परियोजनाएं
- वित्त पोषण निम्नलिखित परियोजनाओं के साथ कोयंबटूर में दो सीवेज उपचार संयंत्रों के विकास के लिए सहयोग प्रदान करेगा-
- 529 किलोमीटर (किमी) सीवेज संग्रह पाइपलाइन,
- 14 पंप और लिफ्ट स्टेशन की स्थापना तथा
- 14 किमी सीवेज पंपिंग साधन निर्मित करना।
- थूथुकुडी में, एक जलवायु- लोचशील तूफानी जल निकासी प्रणाली विकसित की जाएगी।
- मदुरै में, परियोजना 813 किलोमीटर की नई जल आपूर्ति वितरण पाइपलाइनों को चालू करने में सहायता करेगी जो 163,958 घरों को गैर राजस्व जल को कम करने के लिए स्मार्ट जल सुविधाओं के साथ 115 नए स्थापित जिला मीटर वाले क्षेत्रों से जोड़ेगी।
- कोयंबटूर एवं मदुरै में, दो समस्त महिला स्वयं सहायता समूहों को सीवेज संग्रह प्रणाली, जल संरक्षण, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य तथा आरोग्य के घरेलू कनेक्शन के लाभों पर प्रशिक्षित किया जाएगा।