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ब्रिक्स भ्रष्टाचार विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक 2022

ब्रिक्स भ्रष्टाचार विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • अंतर्राष्ट्रीय संबंध- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े एवं/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।

समाचारों में ब्रिक्स भ्रष्टाचार विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक

  • हाल ही में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने ब्रिक्स भ्रष्टाचार विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक 2022 को संबोधित किया।
  • उन्होंने भ्रष्टाचार के विरुद्ध भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया क्योंकि भारत ने इस संबंध में शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई है।
  • भारत में केंद्रीय सतर्कता आयोग नोडल एजेंसी है जिसे निवारक एवं दंडात्मक उपायों की निगरानी का  कार्य सौंपा गया है।

 

ब्रिक्स भ्रष्टाचार विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक

  • ब्रिक्स भ्रष्टाचार विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक के बारे में: 13 जुलाई को, भ्रष्टाचार विरोध पर ब्रिक्स मंत्रिस्तरीय प्रथम बैठक चीन की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा आयोजित की गई थी।
  • परिणाम: भ्रष्टाचार विरोधी ब्रिक्स मंत्रिस्तरीय बैठक के विज्ञप्ति पर हस्ताक्षर किए गए।
    • सभी ब्रिक्स सदस्य दलों ने भ्रष्टाचार को सुरक्षित पनाहगाह पहल को अस्वीकार करने पर व्यापक सहमति व्यक्त की, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को व्यावहारिक कार्यों के साथ निष्पक्षता एवं न्याय की रक्षा करने का एक स्पष्ट रुख प्रदर्शित किया।
  • भागीदारी: ब्रिक्स भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसियों एवं यूएनओडीसी तथा अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों ने ब्रिक्स भ्रष्टाचार विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लिया।

 

भ्रष्टाचार को कम करने हेतु भारत द्वारा उठाए गए कदम

  • भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018: निम्नलिखित सहित अनेक नए प्रावधान समावेशित करने हेतु –
    • रिश्वत लेने के अतिरिक्त रिश्वत देने के कृत्य को भी अपराधिक बनाना एवं
    • साथ ही व्यक्तियों के साथ-साथ कॉर्पोरेट संस्थाओं द्वारा इस तरह के कार्यों के लिए एक प्रभावी निरोध स्थापित करना।
  • लोकपाल का संचालन: लोकपाल को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत लोक सेवकों के विरुद्ध कथित अपराधों के संबंध में शिकायतों को सीधे प्राप्त करने  तथा उन पर कानूनी कार्यवाही करने  हेतु वैधानिक रूप से अधिदेशित है।
  • भ्रष्टाचार को कम करने हेतु ई-गवर्नेंस उपाय:  सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (इनफॉरमेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी/आईसीटी) उपकरणों के व्यापक उपयोग के माध्यम से ई-गवर्नेंस का प्रभावी कार्यान्वयन जिसने सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार के दायरे को काफी हद तक कम कर दिया है। उदाहरण के लिए-
    • एमसीए 21 (कॉर्पोरेट एवं व्यावसायिक घरानों के लिए ई-उपाय),
    • पूर्णतया स्वचालित आयकर अनुपालन,
    • वाणिज्यिक कर अनुपालन,
    • पासपोर्ट एवं वीजा सेवाएं,
    • डिजी लॉकर,
    • पेंशन,
    • आधार भुगतान ब्रिज (आधार पेमेंट ब्रिज/APB) के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण ( डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर/DBT),
    • सामान्य सेवा केंद्र (कॉमन सर्विस सेंटर/सीएससी) इत्यादि।
  • राष्ट्रीय ई-शासन सेवा वितरण मूल्यांकन ( नेशनल ई गवर्नेंस सर्विसेज डिलीवरी एसेसमेंट/एनईएसडीए) ढांचा: यह नागरिकों के दृष्टिकोण से ई-शासन सेवा वितरण तंत्र की प्रभावशीलता / गुणवत्ता का आकलन करता है।
    • इसे अगस्त 2018 में अवधारणा एवं विमोचित किया गया था।

ब्रिक्स समूह

  • ब्रिक्स के बारे में: ब्रिक्स विश्व की प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं, जैसे ब्राजील, रूस, भारत, चीन  तथा दक्षिण अफ्रीका के समूह के लिए एक संक्षिप्त शब्द है।
  • पृष्ठभूमि: 2001 में, गोल्डमैन सैक्स के जिम ओ’नील ने “बिल्डिंग बेटर ग्लोबल इकोनॉमिक ब्रिक्स” नामक एक शोध पत्र लिखा था, जिसमें बताया गया था कि विश्व में भविष्य की जीडीपी वृद्धि चीन, भारत, रूस  तथा ब्राजील से आएगी।
    • यद्यपि शोध पत्र ने किसी औपचारिक समूह की सिफारिश नहीं की, किंतु इसने कहा कि ब्रिक अर्थव्यवस्थाएं संयुक्त रूप से 2039 से  पूर्व पश्चिमी प्रभुत्व वाली विश्व व्यवस्था को पीछे छोड़ देंगी।
  • ब्रिक्स का गठन: 2006 में, ब्रिक्स देशों के नेताओं ने सेंट पीटर्सबर्ग, रूस में जी-8 (जिसे अब जी-7 कहा जाता है) शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की एवं उस वर्ष ब्रिक को औपचारिक रूप दिया गया।
    • कुछ ही समय बाद, सितंबर 2006 में, ब्रिक विदेश मंत्रियों की पहली बैठक के दौरान समूह को ब्रिक के रूप में औपचारिक रूप प्रदान किया गया, जो न्यूयॉर्क शहर में संयुक्त राष्ट्र महासभा की आम बहस के दौरान हुई थी।
    • पहला औपचारिक शिखर सम्मेलन: 2009 में रूसी संघ में आयोजित हुआ तथा वैश्विक वित्तीय वास्तुकला में सुधार जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया।
    • दिसंबर 2010 में दक्षिण अफ्रीका को BRIC में सम्मिलित होने हेतु आमंत्रित किया गया था, जिसके बाद समूह ने BRICS का संक्षिप्त नाम अपनाया।
    • बाद में दक्षिण अफ्रीका ने 2011 में सान्या, चीन में तीसरे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया।
  • ब्रिक्स का मुख्यालय: BRICS का कोई मुख्यालय नहीं है, बल्कि BRICS के सभी देशों के अपने-अपने देश में BRICS को समर्पित कार्यालय हैं।
  • ब्रिक्स की संरचना: ब्रिक्स संगठन के रूप में अस्तित्व में नहीं है, किंतु यह पांच देशों के सर्वोच्च नेताओं के  मध्य एक वार्षिक शिखर सम्मेलन है।
  • ब्रिक्स की अध्यक्षता: फोरम की अध्यक्षता को संक्षिप्त रूप से बी-आर-आई-सी-एस के अनुसार सदस्यों के  मध्य वार्षिक रूप से क्रमावर्तित किया जाता है।
    • भारत  के पास जनवरी 2021 से ब्रिक्स की अध्यक्षता थी।
    • वर्तमान में ब्रिक्स की अध्यक्षता, चीन के पास है।
  • ब्रिक्स का महत्व: ब्रिक्स के सदस्य देश एक साथ निम्नलिखित का प्रतिनिधित्व करते हैं-
    • वैश्विक जनसंख्या का 41%
    • वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 24% एवं
    • वैश्विक व्यापार का 16%

 

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