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संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या रिपोर्ट 2022

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या रिपोर्ट 2022- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या रिपोर्ट: संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या रिपोर्ट 2022 संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या रिपोर्ट 2022 यूपीएससी मुख्य परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण है (जीएस पेपर 2- अंतर्राष्ट्रीय संबंध- महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, एजेंसियां ​​एवं मंच- उनकी संरचना, अधिदेश।)

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या रिपोर्ट 2022_3.1

समाचारों में संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या रिपोर्ट 2022

  • हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र के जनसंख्या प्रभाग ने संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या रिपोर्ट 2022 जारी की है।
  • संयुक्त राष्ट्र की विश्व जनसंख्या संभावना (वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स/डब्ल्यूपीपी) के 2022 संस्करण के अनुसार, भारत को 2023 में विश्व के सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश के रूप में चीन से आगे निकलने का अनुमान है।

 

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या रिपोर्ट 2022 निष्कर्ष

  • विश्व की बढ़ती जनसंख्या: संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या रिपोर्ट 2022 ने 15 नवंबर, 2022 को विश्व की जनसंख्या 8 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान लगाया।
    • वैश्विक जनसंख्या 2030 में लगभग 5 बिलियन, 2050 में 9.7 बिलियन एवं 2100 में 10.4 बिलियन तक बढ़ने की संभावना है।
    • 2020 में, 1950 के पश्चात प्रथम बार वैश्विक विकास दर 1% प्रति वर्ष से कम हो गई।
  • महाद्वीप-वार जनसंख्या: वर्तमान में, 4.7 अरब के साथ एशिया सर्वाधिक आबादी वाला महाद्वीप है एवं वैश्विक जनसंख्या का 61 प्रतिशत है।
    • 17 प्रतिशत अफ्रीका में निवास करते हैं (3 बिलियन),
    • यूरोप में 10 प्रतिशत (750 मिलियन),
    • लैटिन अमेरिका एवं कैरिबियन में 8 प्रतिशत (650 मिलियन), तथा
    • शेष 5 प्रतिशत उत्तरी अमेरिका (370 मिलियन) एवं ओशिनिया (43 मिलियन) में।
  • क्षेत्रों तथा देशों में जनसंख्या वृद्धि दर:
    • 2050 तक वैश्विक जनसंख्या में अनुमानित वृद्धि का आधे से अधिक मात्र आठ देशों में केंद्रित होगा-
      • कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य,
      • मिस्र,
      • इथियोपिया,
      • भारत,
      • नाइजीरिया,
      • पाकिस्तान,
      • फिलीपींस,  एवं
      • संयुक्त गणराज्य तंजानिया।
    • 46 सर्वाधिक अल्प विकसित देश (लीस्ट डेवलप्ड कंट्रीज/एलडीसी) विश्व के सर्वाधिक तीव्रता से वृद्धि करने वाले देशों में से हैं। 2022 एवं 2050 के मध्य इनमें से अनेक की जनसंख्या दोगुनी होने का अनुमान है-
      • संसाधनों पर अतिरिक्त दबाव डालेंगे एवं
      • संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स/एसडीजी) की प्राप्ति हेतु चुनौतियां प्रस्तुत करेंगे।
    • जनसंख्या काल प्रभावन: वृद्ध व्यक्तियों की जनसंख्या संख्या तथा कुल जनसंख्या के अंश के रूप में दोनों में बढ़ रही है।
      • 65 वर्ष या उससे अधिक आयु की वैश्विक जनसंख्या का हिस्सा 2022 में 10% से बढ़कर 2050 में 16% होने का अनुमान है।
    • कार्यशील आयु की जनसंख्या: प्रजनन क्षमता में निरंतर गिरावट के फलस्वरूप कामकाजी उम्र (25 से 64 वर्ष के मध्य) में जनसंख्या में वृद्धि हुई है, जिससे प्रति व्यक्ति त्वरित आर्थिक विकास का अवसर सृजित हुआ है।
      • आयु वितरण में यह बदलाव त्वरित आर्थिक विकास के लिए एक समयबद्ध अवसर प्रदान करता है जिसे “जनसांख्यिकीय लाभांश” के रूप में जाना जाता है।
    • अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन की भूमिका: अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन का कुछ देशों की जनसंख्या प्रवृत्तियों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ रहा है।
      • 2000 एवं 2020 के मध्य उच्च आय वाले देशों के लिए, जनसंख्या वृद्धि (5 मिलियन का शुद्ध अंतर्वाह) में अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन का योगदान मृत्यु (66.2 मिलियन) पर जन्म के संतुलन से अधिक था।
        • आगामी कुछ दशकों में, उच्च आय वाले देशों में जनसंख्या वृद्धि का एकमात्र कारण प्रवासन होगा।
      • अंतर्राष्ट्रीय प्रवास के प्रमुख कारण:
        • इनमें से अनेक देशों में, बहिर्वाह अस्थायी श्रमिक आंदोलनों के कारण हुआ, जैसे कि पाकिस्तान (-5 मिलियन का शुद्ध प्रवाह), भारत (-3.5 मिलियन), बांग्लादेश (-2.9 मिलियन), नेपाल (-1.6 मिलियन) तथा श्रीलंका (-1.0 मिलियन)।
        • सीरियाई अरब गणराज्य (-6 मिलियन), वेनेजुएला (बोलीवेरियन गणराज्य) (-4.8 मिलियन) एवं म्यांमार (-1.0 मिलियन) सहित अन्य देशों में, असुरक्षा एवं संघर्ष ने इस अवधि के दौरान प्रवासियों के बहिर्वाह को प्रेरित किया।

 

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संयुक्त राष्ट्र की विश्व जनसंख्या संभावनाएं (यूनाइटेड नेशंस वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रोस्पेक्ट्स/यूएनडब्ल्यूपीपी)

  • यूनाइटेड नेशंस वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रोस्पेक्ट्स के बारे में: संयुक्त राष्ट्र का जनसंख्या प्रभाग 1951 से द्विवार्षिक चक्र में डब्ल्यूपीपी प्रकाशित कर रहा है।
  • अधिदेश: यूएनडब्ल्यूपीपी का प्रत्येक संशोधन 1950 से प्रारंभ होने वाले जनसंख्या संकेतकों की एक ऐतिहासिक समय श्रृंखला प्रदान करता है।
    • यह प्रजनन, मृत्यु दर अथवा अंतर्राष्ट्रीय प्रवास में विगत रुझानों के अनुमानों को संशोधित करने हेतु जारी किए गए नवीनतम राष्ट्रीय डेटा को ध्यान में रखते हुए ऐसा करता है।

 

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