Categories: UPSC Current Affairs

भारतीय पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि करने की योजना- चरण- II

भारत में पूंजीगत वस्तु क्षेत्र: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: भारतीय अर्थव्यवस्था एवं नियोजन, संसाधन, वृद्धि, विकास एवं रोजगार से संबंधित मुद्दे।

भारत में पूंजीगत वस्तुएं: संदर्भ

  • हाल ही में, भारी उद्योग मंत्रालय ने वस्तु्य प्रौद्योगिकी विकास एवं सेवाओं की आधारिक संरचना को सहायता प्रदान करने हेतु भारतीय पूंजीगत वस्तु क्षेत्र- चरण- II में प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने की योजना को अधिसूचित किया है।

 

भारत में पूंजीगत वस्तुएं: प्रमुख बिंदु

  • इस योजना में 975 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता एवं 232 करोड़ रुपये के उद्योग अंशदान के साथ 1207 करोड़ रुपये का वित्तीय परिव्यय निर्धारित है।
  • उद्देश्य: प्रथम चरण की प्रायोगिक योजना द्वारा सृजित प्रभाव का विस्तार एवं परिवर्धन करना, जिससे एक सुदृढ़ तथा वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी पूंजीगत वस्तु क्षेत्र के निर्माण के माध्यम से व्यापक प्रेरण प्रदान किया जा सके जो विनिर्माण क्षेत्र में न्यूनतम 25% का अंशदान देता हो।

 

भारतीय पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि करने की योजना चरण 2: योजना के छह घटक

पूंजीगत वस्तु क्षेत्र (कैपिटल गुड्स सेक्टर) के द्वितीय चरण के संवर्धन  हेतु योजना के अंतर्गत छह घटक हैं।

  • प्रौद्योगिकी नवाचार पोर्टल के माध्यम से प्रौद्योगिकियों का अभिनिर्धारण;
  • चार नए उत्‍कृष्‍टता केंद्रों की स्‍थापना एवं वर्तमान उत्‍कृष्‍टता केंद्रों का संवर्धन;
  • पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में कौशल निर्माण को बढ़ावा देना-कौशल स्तर 6 एवं उससे ऊपर के लिए योग्यता पैकेज तैयार करना;
  • चार वस्तु्य अभियांत्रिकी प्रसुविधा केंद्रों ( कॉमन इंजीनियरिंग फैसिलिटी सेंटर्स/सीईएफसी) की स्थापना एवं  वर्तमान सीईएफसी का संवर्धन;
  • वर्तमान परीक्षण तथा प्रमाणन केंद्रों का विस्तार।
  • प्रौद्योगिकी विकास के लिए दस उद्योग त्वरकों की स्थापना।

 

भारत में पूंजीगत वस्तु क्षेत्र

  • पूंजीगत वस्तु क्षेत्र अनेक उद्योगों के लिए आधार का निर्माण करता है एवं इस प्रकार यह विनिर्माण का एक अनिवार्य घटक है।
  • पूंजीगत वस्तु क्षेत्र का कुल बाजार आकार 92 अरब अमेरिकी डॉलर एवं उत्पादन मूल्य 32 अरब अमेरिकी डॉलर है।
  • यह क्षेत्र का भारत के विनिर्माण उत्पादन में 12% तथा सकल घरेलू उत्पाद में 8% का योगदान देता है।
  • रोजगार: पूंजीगत वस्तु उद्योग में 4 मिलियन लोग कार्यरत हैं एवं 2017 तक 2.8 मिलियन लोगों को रोजगार देने का अनुमान है।

भारत में पूंजीगत वस्तु क्षेत्र: मुद्दे

  • यद्यपि आगामी 4-5 वर्षों में इस क्षेत्र को लगभग 7 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने की क्षमता है, किंतु घरेलू एवं वैश्विक मांग की कमी के कारण इस क्षेत्र को वर्तमान में अपर्याप्त उदग्राहण (ऑफ-टेक) का सामना करना पड़ रहा है।

 

आर्थिक सर्वेक्षण एवं मुख्य आर्थिक सलाहकार | आर्थिक सर्वेक्षण एवं मुख्य आर्थिक सलाहकार के बारे में, भूमिकाएं तथा उत्तरदायित्व संपादकीय विश्लेषण: टू द पोल बूथ,  विदाउट नो डोनर नॉलेज स्पॉट-बिल पेलिकन 2021-22 असामान्य रूप से ठंडा एवं वृष्टि बहुल शीतकालीन वर्ष है
जायद फसलें: ग्रीष्मकालीन अभियान 2021-22 के लिए कृषि पर राष्ट्रीय सम्मेलन भारत-इजरायल संबंध | कृषि क्षेत्र में भारत-इजरायल सहयोग वन्य वनस्पतियों एवं जीवों की संकटग्रस्त प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर अभिसमय (सीआईटीईएस) राष्ट्रीय मतदाता दिवस- इतिहास, विषयवस्तु एवं महत्व
भारत में पीपीपी मॉडल राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण पर दृष्टिकोण पत्र संपादकीय विश्लेषण: विद्यालय बंद होने के विनाशकारी प्रभाव
manish

Recent Posts

Majority Types in Indian Parliament With Example, Differences and Effective

The President, the Rajya Sabha (Council of States), and the Lok Sabha (House of the…

2 hours ago

Constitutionality of the Electoral Bond Scheme: Features

The Hon’ble Supreme Court of India in the case of Association for Democratic Reforms &…

2 hours ago

UKPSC Exam Calendar 2024 Out, Check Exam Schedule

The UKPSC Exam Calendar 2024 for a variety of exams was made public by the…

4 hours ago

UKPSC Exam Date 2024, Check Revised UKPSC Prelims Schedule

Uttarakhand Public Service Commission (UKPSC) has released a notice regarding the announcement of a new…

4 hours ago

UPSC EPFO Exam Date 2024 Out, Check Schedule for 323 Posts

The Union Public Service Commission has released the notification to conduct the UPSC EPFO PA…

6 hours ago

JPSC Syllabus 2024, Check Prelims and Mains Exam Pattern

The JPSC Syllabus 2024 is being published by the Jharkhand Public Service Commission. To improve…

6 hours ago