नवीन रामसर स्थल- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 3: पर्यावरण- संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण।
नवीन रामसर स्थल चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, 10 अन्य भारतीय आर्द्रभूमियों को रामसर अभिसमय के भाग के रूप में अंतरराष्ट्रीय महत्व के आर्द्रभूमि (रामसर स्थल) के रूप में नामित किया गया था।
- कुछ दिनों पूर्व, रामसर अभिसमय के भाग के रूप में, पांच नवीन भारतीय आर्द्रभूमि स्थलों को भी अंतरराष्ट्रीय महत्व के आर्द्रभूमि के रूप में मान्यता प्रदान की गई थी।
- अब तक, 12,50,361 हेक्टेयर क्षेत्र को आवरित करने वाली 64 आर्द्रभूमियों को भारत से अंतरराष्ट्रीय महत्व के रामसर स्थलों के रूप में नामित किया गया है।
भारत में नवीन रामसर स्थल- मुख्य विवरण
- भारत में नवीन रामसर स्थल के बारे में: भारत में 10 नए जोड़े गए रामसर स्थलों में शामिल हैं-
- तमिलनाडु में छह
- गोवा में एक,
- ओडिशा में एक,
- मध्य प्रदेश में एक तथा
- कर्नाटक में एक (राज्य में प्रथम रामसर नामित आर्द्रभूमि) .
- महत्व: इन नए भारतीय स्थलों को रामसर साइटों के रूप में नामित करने से आर्द्रभूमि के संरक्षण एवं प्रबंधन तथा उनके संसाधनों के बुद्धिमत्ता पूर्ण उपयोग में सहायता प्राप्त होगी।
| आर्द्रभूमि क्षेत्र का नाम | क्षेत्रफल (हेक्टेयर में) | राज्य |
1 | कुंठनकुलम पक्षी अभ्यारण्य | 72.04 | तमिलनाडु |
2 | सतकोसिया गॉर्ज | 98196.72 | ओडिशा |
3 | नंदा झील | 42.01 | गोवा |
4 | मन्नार की खाड़ी समुद्री जीवमंडल रिजर्व | 52671.88 | तमिलनाडु |
5 | रंगनाथइतुउ बीएस | 517.70 | कर्नाटक |
6 | वेम्बन्नूर आर्द्रभूमि परिसर | 19.75 | तमिलनाडु |
7 | वेलोडे पक्षी अभ्यारण्य | 77.19 | तमिलनाडु |
8 | सिरपुर आर्द्रभूमि | 161 | मध्य प्रदेश |
9 | वेदान्थांगल पक्षी अभ्यारण्य | 40.35 | तमिलनाडु |
10 | उदय मर्थनपुरम पक्षी अभ्यारण्य | 43.77 | तमिलनाडु |
आर्द्रभूमि को रामसर स्थल के रूप में नामित करने हेतु मानदंड
रामसर अभिसमय के अनुसार, एक आर्द्रभूमि को निम्नलिखित मानदंडों के आधार पर अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि (रामसर स्थल) माना जाना चाहिए:
- मानदंड 1: इसमें उपयुक्त जैव-भौगोलिक क्षेत्र के भीतर पाए जाने वाले प्राकृतिक या निकट-प्राकृतिक आर्द्रभूमि प्रकार का एक प्रतिनिधि, दुर्लभ या अद्वितीय उदाहरण शामिल है।
- मानदंड 2: यह संवेदनशील, लुप्तप्राय अथवा गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियों या संकटग्रस्त पारिस्थितिक समुदायों का समर्थन करता है।
- मानदंड 3: यह किसी विशेष जैव-भौगोलिक क्षेत्र की जैविक विविधता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण पौधों एवं/या पशु प्रजातियों की आबादी का समर्थन करता है।
- मानदंड 4: यह पौधों एवं/या पशुओं की प्रजातियों को उनके जीवन चक्र में एक महत्वपूर्ण चरण में समर्थन प्रदान करता है अथवा प्रतिकूल परिस्थितियों के दौरान शरण प्रदान करता है।
- मानदंड 5: यह नियमित रूप से 20,000 या अधिक जल पक्षियों का समर्थन करता है।
- मानदंड 6: यह नियमित रूप से एक प्रजाति या जल पक्षी (वाटर बर्ड) की उप-प्रजाति की आबादी में 1% पक्षियों का समर्थन करता है।
- मानदंड 7: यह स्थानिक (स्वदेशी) मछली उप-प्रजातियों, प्रजातियों या कुलों, जीवन-इतिहास चरणों, प्रजातियों की अंतः क्रिया एवं/या आबादी के एक महत्वपूर्ण अनुपात का समर्थन करता है जो आर्द्रभूमि लाभ एवं/या मूल्यों के प्रतिनिधि हैं तथा इस प्रकार वैश्विक जैविक विविधता में योगदान करते हैं।
- मानदंड 8: यह मछलियों, अंडजनन स्थल (स्पॉनिंग ग्राउंड), संवर्धन स्थल (नर्सरी) एवं/या प्रवास पथ के लिए भोजन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जिस पर या तो आर्द्रभूमि के भीतर या अन्य स्थानों पर मत्स्य भंडार निर्भर करता है।
- मानदंड 9: यह नियमित रूप से एक प्रजाति या आर्द्रभूमि पर निर्भर गैर-एवियन पशु प्रजातियों की उप-प्रजातियों की आबादी में 1 प्रतिशत प्रजातियों का समर्थन करता है।
आर्द्रभूमि क्या हैं?
- डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के अनुसार, आर्द्रभूमि एक ऐसा स्थान है जहां भूमि जल से, या तो लवणीय, स्वच्छ अथवा इन के मध्य में किसी जल से आवरित होती है।
- दलदल एवं तालाब, झील अथवा महासागर का किनारा, नदी के मुहाने पर डेल्टा, निचले इलाके जहां प्रायः बाढ़ आती है – ये सभी आर्द्रभूमियाँ हैं।
रामसर अभिसमय के बारे में
- आर्द्रभूमियों पर रामसर अभिसमय (कन्वेंशन) आधुनिक वैश्विक अंतर-सरकारी पर्यावरण समझौतों में सर्वाधिक पुराना है।
- प्रवासी जल पक्षियों के लिए आर्द्रभूमि पर्यावास की बढ़ती क्षति एवं गिरावट के बारे में चिंतित देशों तथा गैर-सरकारी संगठनों द्वारा 1960 के दशक के दौरान संधि पर वार्ता आयोजित की गई थी।
- इसे 1971 में ईरानी शहर रामसर में अंगीकृत किया गया था एवं यह 1975 में प्रवर्तन में आया था।
- तब से, आर्द्रभूमियों पर अभिसमय को रामसर अभिसमय (रामसर कन्वेंशन) के रूप में जाना जाता है।
- अनुबंध करने वाले पक्षकारों ने कॉप 12 पर 2016-2024 के लिए चौथी रणनीतिक योजना को अपनी स्वीकृति प्रदान की है।
- रामसर कन्वेंशन का व्यापक उद्देश्य संपूर्ण विश्व में आर्द्रभूमियों की क्षति को रोकना है एवं जो शेष बचे हैं, उन्हें बुद्धिमत्ता पूर्ण रूप से उपयोग एवं प्रबंधन के माध्यम से संरक्षित करना है।