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भारत की भौतिक विशेषताएं: द्वीप समूह

द्वीप समूह: प्रासंगिकता

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भारत की भौतिक विशेषताएं

  • भारत की भौतिक विशेषताओं को प्रमुख रूप से 6 भागों में विभाजित किया जा सकता है:
    • उत्तरी एवं उत्तर-पूर्वी पर्वत
    • उत्तरी मैदान
    • प्रायद्वीपीय पठार
    • भारतीय मरुस्थल
    • तटीय मैदान
    • द्वीप समूह।
  • हम पहले ही हिमालय, उत्तरी मैदानों, प्रायद्वीपीय पठारों, भारत के तटीय मैदानों एवं भारतीय मरुस्थल पर व्यापक रूप से विचार कर चुके हैं। इस लेख में, हम द्वीप समूहों पर चर्चा करेंगे।

 

द्वीप समूह

  • भारत में दो प्रमुख द्वीप समूह हैं – एक, बंगाल की खाड़ी में अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह तथा दूसरा, अरब सागर में लक्षद्वीप द्वीप समूह।
  • उपरोक्त दो द्वीप समूहों के अतिरिक्त, भारतीय- गांगेय डेल्टा में द्वीप समूह हैं, जो द्वीप समूहों की तुलना में डेल्टा का हिस्सा अधिक हैं; एवं भारत तथा श्रीलंका के मध्य, जो आदम का पुल अथवा राम सेतु के अवशेष हैं; जलमग्न होने के कारण निर्मित हुए हैं।

 

अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह

  • अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह का निर्माण भारतीय प्लेट एवं बर्मा प्लेट के मध्य टक्कर के कारण हुआ था।
  • वे म्यांमार में अराकान योमा पर्वत श्रेणी का दक्षिण की ओर विस्तार हैं, जो अपने आप में पूर्वांचल पहाड़ियों का विस्तार है।
  • ये मोटे तौर पर 6° उत्तर- 14° उत्तर एवं 92° पूर्व – 94° पूर्व के मध्य अवस्थित हैं।
  • द्वीपिकाओं (टापुओं) के दो प्रमुख समूहों में रिची आर्चीपेलागो (द्वीप समूह) एवं भूलभुलैया (द लबीरिंथ आइलैंड) द्वीप समूह शामिल हैं।

 

अंडमान द्वीप समूह

  • द्वीपों के पूरे समूह को तीन व्यापक श्रेणियों – उत्तरी अंडमान, मध्य अंडमान एवं दक्षिण अंडमान में विभाजित किया गया है।
  • उत्तर एवं दक्षिण अंडमान को एक जल निकाय द्वारा पृथक किया जाता है जिसे 10 डिग्री चैनल कहा जाता है।
  • लघु अंडमान, दक्षिण अंडमान से डंकन मार्ग (पैसेज) द्वारा अलग किया गया है।
  • अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर दक्षिणी अंडमान में स्थित है।

 

निकोबार द्वीप समूह

  • ग्रेट निकोबार, निकोबार द्वीप समूह का सर्वाधिक बृहद द्वीप समूह है। यह इंडोनेशिया में सुमात्रा द्वीप के अत्यंत करीब है।
  • यहाँ, कुछ छोटे द्वीप समूह ज्वालामुखी मूल के हैं। निकोबार द्वीप समूह में स्थित बैरन आईलैंड भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है।

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लक्षद्वीप द्वीपसमूह

  • अरब सागर में तीन प्रकार के द्वीप समूह : अमीनदीवी द्वीप समूह, लक्षद्वीप द्वीप समूह और मिनिकॉय द्वीप समूह हैं।
  • उपरोक्त द्वीपों को सामूहिक रूप से लक्षद्वीप द्वीप समूह के रूप में जाना जाता है।
  • पूरा द्वीप समूह प्रवाल निक्षेपों से निर्मित है।
  • ये द्वीप रीयूनियन हॉटस्पॉट ज्वालामुखीय घटना का हिस्सा हैं।
  • इन द्वीपों में संवहनीय वर्षा होती है एवं इनमें भूमध्यरेखीय प्रकार की वनस्पति पाई जाती है।
  • ये 8° उत्तर-12° उत्तर एवं 71° पूर्व -74° पूर्व देशांतर के मध्य व्यापक रूप से फैले हुए हैं।
  • ये द्वीप समूह केरल तट से 280 किमी-480 किमी की दूरी पर अवस्थित हैं।
  • लगभग 36 द्वीप समूह हैं जिनमें से 11 बसे हुए हैं।
  • मिनिकॉय सर्वाधिक वृहद द्वीप समूह है जिसका क्षेत्रफल 453 वर्ग किमी है।
  • द्वीपों के पूरे समूह को मोटे तौर पर 10 डिग्री चैनल द्वारा विभाजित किया गया है, जिसके उत्तर में अमिनी द्वीप एवं कन्नानोर द्वीप के दक्षिण में है।
  • अधिकांश द्वीपों की उन्नतांश (ऊंचाई) कम है और वे समुद्र तल से पांच मीटर से अधिक ऊपर उत्थित नहीं होते हैं।
  • इस द्वीपसमूह के द्वीपों में पूर्वी समुद्र तट पर असंपिंडित गुटिकाएं, बजरी (शिंगल), गोलाश्मिका (कोबल्स) एवं गोलाश्म (बोल्डर) से युक्त झंझा पुलिन (तूफानी समुद्र तट) हैं।
  • इसके अतिरिक्त, इन द्वीपों की स्थलाकृति समतल है, अतः पहाड़ी, धाराएं, घाटियां इत्यादि जैसी उच्चावच आकृतियाँ अनुपस्थित हैं।

 

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