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अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) को संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त हुआ

आईएसए को संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षक का दर्जा- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, एजेंसियां ​​एवं मंच- उनकी संरचना, अधिदेश।

आईएसए को संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षक का दर्जा -संदर्भ

  • हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) को पर्यवेक्षक का दर्जा प्रदान किया है।
  • छह वर्षों की संक्षिप्त अवधि में, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) एक उदाहरण बन गया है कि कैसे साझेदारी के माध्यम से सकारात्मक वैश्विक जलवायु कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा सकता है।

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आईएसए को संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षक का दर्जा- प्रमुख बिंदु

  • संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षक दर्जा के बारे में: संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षक का दर्जा, संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों द्वारा संबंधित संगठन को पर्यवेक्षक का दर्जा प्रदान करने वाले एक प्रस्ताव को अंगीकृत कर दिया जाता है।
  • आईएसए को संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षक का दर्जा: संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने संकल्प 76/123 को अंगीकृत किया एवं सर्वसम्मति से एक ‘पर्यवेक्षक’ की क्षमता में महासभा के सत्र एवं कार्य में भाग लेने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को आमंत्रित करने का निर्णय लिया।
  • संबद्ध लाभ: अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के लिए संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षक का दर्जा गठबंधन एवं संयुक्त राष्ट्र के मध्य एक सुपरिभाषित सहयोग प्रदान करने में सहायता कर जिससे वैश्विक ऊर्जा वृद्धि एवं विकास को लाभ प्राप्त होगा।

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन- प्रमुख बिंदु

  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की पृष्ठभूमि: अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की  परिकल्पना सौर-संसाधन संपन्न देशों (जो पूर्ण रूप से अथवा आंशिक रूप से कर्क रेखा एवं मकर रेखा के मध्य अवस्थित हैं) के गठबंधन के रूप में की गई थी ताकि उनकी विशेष ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
  • गठन: अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की स्थापना भारत एवं फ्रांस ने पेरिस में 2015 के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के दौरान की थी।
    • मुख्यालय: गुरुग्राम, भारत।
  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के बारे में: आईएसए एक अंतर सरकारी संधि-आधारित संगठन है। इसकी परिकल्पना निम्नलिखित  हेतु एक क्रिया-उन्मुख, सदस्य-संचालित, सहयोगी मंच के रूप में की गई है-
    • ऊर्जा सुरक्षा एवं सतत विकास को बढ़ाने के लिए सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के वर्धित परिनियोजन हेतु, एवं
    • विकासशील सदस्य देशों में ऊर्जा की पहुंच में सुधार करने हेतु।

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अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन- प्रमुख अभिरूचि एवं उद्देश्य

  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का उद्देश्य सौर ऊर्जा अनुप्रयोगों को उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप बढ़ाने के लिए सामूहिक रूप से प्रमुख आम चुनौतियों का समाधान करना है;
  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का लक्ष्य 2030 तक 1000 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक का निवेश अभिनियोजित करना है;
  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का उद्देश्य स्वैच्छिक आधार पर प्रारंभ किए गए कार्यक्रमों एवं गतिविधियों के माध्यम से समन्वित कार्रवाई करना है, जिसका उद्देश्य बेहतर सामंजस्य, मांग, जोखिम एवं संसाधनों का एकत्रीकरण, सौर वित्त, सौर प्रौद्योगिकियों, नवाचार, अनुसंधान एवं विकास, क्षमता निर्माण इत्यादि को प्रोत्साहन प्रदान करना है;
  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का उद्देश्य नवप्रवर्तक वित्तीय तंत्रों को बढ़ावा देकर एवं संस्थानों से वित्त अभिनियोजित कर सदस्य देशों में सौर ऊर्जा में निवेश में वृद्धि करने हेतु वित्त की लागत को कम करना है;
  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का उद्देश्य सदस्य देशों में सौर प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोगों को बढ़ाना है, एवं
  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का उद्देश्य सदस्य देशों के मध्य सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में सहयोगपूर्ण अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) गतिविधियों को सुविधाजनक बनाना है।
  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का उद्देश्य सदस्य देशों के मध्य अनुयोजकता (नेटवर्किंग), सहयोग एवं विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक साझा साइबर प्लेटफॉर्म को प्रोत्साहन प्रदान करना है।
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