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पीआरआई रिपोर्ट के माध्यम से एसडीजी का स्थानीयकरण

पंचायती राज संस्थाओं की रिपोर्ट के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: समावेशी विकास

 

पंचायती राज संस्थाओं की रिपोर्ट के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण: प्रसंग

  • हाल ही में, पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) ने पंचायती राज संस्थाओं की रिपोर्ट के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) का स्थानीयकरण जारी किया है जो एसडीजी को प्राप्त करने की दिशा में कार्य योजना के रूप में काम करेगा।

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पंचायती राज संस्थाओं की रिपोर्ट के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण: पृष्ठभूमि

  • भारत सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) 2030 का एक हस्ताक्षरकर्ता है।
  • राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) योजना ग्राम पंचायत स्तर पर सहभागी स्थानीय योजना के माध्यम से एसडीजी की प्राप्ति के माध्यम से सुशासन के लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों को अधिकार युक्त करने हेतु अधिदेशित है।
  • मई 2021 में, पंचायत स्तर पर एसडीजी के स्थानीयकरण पर मंत्रालय को नीतिगत मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए एमओपीआर द्वारा एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया गया था।
  • विशेषज्ञ समूह ने गहन विचार-विमर्श के पश्चात अक्टूबर 2021 में ग्रामीण भारत में पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) एवं सभी संबंधित हितधारकों को सम्मिलित करते हुए जमीनी स्तर पर एसडीजी के स्थानीयकरण के लिए की जाने वाली रणनीतियों एवं पहलों पर सिफारिशों के साथ एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की।

 

पंचायती राज संस्थाओं की रिपोर्ट के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण: प्रमुख बिंदु

  • पंचायती राज मंत्री ने जीपीडीपी एवं प्रशिक्षण प्रबंधन पोर्टल की प्रगति के अनुश्रवण हेतु जीपीडीपी मॉनिटरिंग डैशबोर्ड का विमोचन किया है।
  • “पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) का स्थानीयकरण” पर रिपोर्ट समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुंचाने हेतु एक रोडमैप के रूप में कार्य करेगी।
  • ज्ञान का उन्नत स्तर एवं उचित योजना ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र प्रगति एवं निर्धनता को समाप्त करने का मार्ग प्रशस्त करेगी।

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पंचायती राज संस्थाओं की रिपोर्ट के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण: सुझाव

  • उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं के 32 लाख निर्वाचित प्रतिनिधियों को एसडीजी को एक चुनौती के रूप में प्राप्त करने पर विचार करने एवं जमीनी स्तर पर एक केंद्रित तथा सम्मिलित रूप से कार्य करना प्रारंभ करने का आह्वान किया है।
  • मनरेगा कार्यों के साथ सुनियोजित एवं समन्वित तरीके से प्रभावी अभिसरण के माध्यम से बहुत कुछ प्राप्त किया जा सकता है।
  • मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यदि पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधि एवं पदाधिकारी कर्नाटक राज्य की विभिन्न ग्राम पंचायतों में पंचायत पुस्तकालयों की भांति समस्त पंचायतों में डिजिटल पुस्तकालय स्थापित करने का संकल्प लेते हैं, तो यह भी एक वास्तविकता बन सकता है एवं इसके लिए मात्र एक दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है।
  • ओदंतुरई ग्राम पंचायत तमिलनाडु विद्युत उत्पादन में आत्मनिर्भर बन गया है।
  • यदि अन्य ग्राम पंचायतों को दृढ संकल्पित किया जाए तो वे भी ऊर्जा उत्पादन या अन्य क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
  • सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, सभी संबंधित विभागों को सम्मिलित प्रयास करने एवं व्यापक मुद्दों तथा रणनीतियों पर कार्य करना प्रारंभ करने की आवश्यकता है, जिसके लिए एक संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है।
  • जमीनी स्तर पर समुदाय की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से एसडीजी प्राप्त करने के लिए सभी हितधारकों को एक साथ लाने के लिए एक संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण एक अनिवार्य एवं महत्वपूर्ण तत्व है।

 

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