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सतत विकास एवं 17 एसडीजी-2

Table of Contents

सतत विकास एवं 17 एसडीजी: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन।

 

यह दो लेखों की श्रृंखला होगी। पिछले लेख में, हमने सतत विकास एवं इसके विकासक्रम की अवधारणा पर चर्चा की थी। इस लेख में, हम संयुक्त राष्ट्र 17 एसडीजी पर चर्चा करेंगे। दोनों लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 के सभी चरणों- प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

 

सतत विकास लक्ष्य क्या हैं?

  • प्रथम बार 2012 में रियो डी जनेरियो में सतत विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में चर्चा की गई, सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी), जिन्हें वैश्विक लक्ष्य भी कहा जाता है, को 2015 में संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी सदस्य राज्यों द्वारा  अंगीकृत किया गया था।
  • उन्हें निर्धनता को समाप्त करने, ग्रह की रक्षा करने एवं 2030 तक सभी व्यक्तियों को शांति एवं समृद्धि का लाभ प्राप्त करने हेतु कार्रवाई के लिए एक सार्वभौमिक आह्वान के रूप में अंगीकृत किया गया था।
  • 2015 में, एक 3-ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। संयुक्त राष्ट्र एसडीजी, कॉप 15 या पेरिस जलवायु सम्मेलन एवं आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए सेंडाई फ्रेमवर्क।

 

यूएनडीपी की भूमिका

  • संयुक्त राष्ट्र की प्रमुख विकास एजेंसी के रूप में, यूएनडीपी लगभग 170 देशों एवं क्षेत्रों में लक्ष्यों को लागू करने में सहायता करने हेतु अच्छी तरह से तैयार है।

 

एसडीजी की पृष्ठभूमि

  • एसडीजी, सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों (एमडीजी) को प्रतिस्थापित करता है, जिसने 2000 में निर्धनता के अपमान से निपटने के लिए वैश्विक प्रयास आरंभ किया था।
  • 15 वर्षों तक, एमडीजी ने अनेक महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रगति की है। इसकी कुछ उपलब्धियां निम्नलिखित हैं।

 

एमडीजी की उपलब्धियां

  • 1 अरब से अधिक व्यक्तियों को अत्यधिक निर्धनता की स्थिति से बाहर निकाला गया है (1990 से)
  • बाल मृत्यु दर में आधे से अधिक की गिरावट आई है (1990 के बाद से)
  • विद्यालय न जाने वाले बच्चों की संख्या में आधे से अधिक की गिरावट आई है (1990 के बाद से)
  • एचआईवी/एड्स के संक्रमण में लगभग 40 प्रतिशत की गिरावट आई है (2000 के बाद से)

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सतत विकास लक्ष्य: संयुक्त राष्ट्र एसडीजी लक्ष्य

  • इसमें 17 एसडीजी लक्ष्य, 169 लक्ष्य एवं 247 संकेतक हैं।

 

एसडीजी 1: निर्धनता को उसके सभी रूपों में प्रत्येक स्थान पर समाप्त करना

महत्वपूर्ण लक्ष्य:

  • 2030 तक, प्रत्येक स्थान पर सभी व्यक्तियों के लिए अत्यधिक निर्धनता का उन्मूलन, वर्तमान में 25 डॉलर प्रतिदिन से कम पर जीवन यापन वाले लोगों के रूप में मापा जाता है।
  • 2030 तक, राष्ट्रीय परिभाषाओं के अनुसार निर्धनता में जीवन यापन करने वाले सभी उम्र के पुरुषों, महिलाओं एवं बच्चों के अनुपात को कम से कम आधा करना।
  • 2030 तक, सुनिश्चित करना कि सभी पुरुषों एवं महिलाओं, विशेष रूप से निर्धन एवं अतिसंवेदनशील व्यक्तियों के पास आर्थिक संसाधनों के साथ-साथ बुनियादी सेवाओं तक पहुंच के समान अधिकार हों।
  • 2030 तक, निर्धनों एवं उन व्यक्तियों जो अति संवेदनशील परिस्थितियों में हैं, उनके लिए प्रतिरोधक क्षमता का निर्माण करें एवं जलवायु से संबंधित चरम घटनाओं तथा अन्य आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यावरणीय आघातों एवं आपदाओं हेतु उनके जोखिम एवं भेद्यता को कम करना।

 

एसडीजी 2: भूख को समाप्त करना, खाद्य सुरक्षा एवं बेहतर पोषण प्राप्त करना तथा धारणीय कृषि को प्रोत्साहन देना

महत्वपूर्ण लक्ष्य

  • 2030 तक, भूख को समाप्त करना एवं सभी व्यक्तियों विशेष रूप से निर्धनों एवं शिशुओं सहित अति संवेदनशील परिस्थितियों में जीवन यापन कर रहे व्यक्तियों तक पूरे वर्ष सुरक्षित, पौष्टिक एवं पर्याप्त भोजन तक पहुंच सुनिश्चित  करना।
  • 2030 तक, 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में वृद्धिरोध (स्टंटिंग) एवं कृशता (वेस्टिंग) पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहमत लक्ष्यों को प्राप्त करने सहित, कुपोषण के सभी रूपों को समाप्त करना एवं किशोर बालिकाओं, गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं तथा वृद्ध व्यक्तियों की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करना।
  • 2030 तक, कृषि उत्पादकता एवं छोटे पैमाने के खाद्य उत्पादकों की आय को दोगुना करना।

 

एसडीजी 3: स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करना एवं सभी आयु में सभी के लिए कल्याण को बढ़ावा  देना

महत्वपूर्ण लक्ष्य

  • 2030 तक, वैश्विक मातृ मृत्यु अनुपात को प्रति 100,000 जीवित जन्मों पर 70 से कम करना।
  • 2030 तक, नवजात शिशुओं एवं 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की रोके जा सकने वाली मौतों को समाप्त करना, सभी देशों का लक्ष्य नवजात मृत्यु दर को कम से कम प्रति 1,000 जीवित जन्मों पर कम से कम 12 एवं पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर को कम से कम 1,000 जीवित जन्मों पर 25 तक कम करना है।
  • 2030 तक, एड्स, तपेदिक, मलेरिया एवं उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों की महामारियों को समाप्त करना एवं हेपेटाइटिस, जल जनित रोगों तथा अन्य संचारी रोगों का मुकाबला करना।
  • 2030 तक, रोकथाम एवं उपचार के माध्यम से गैर-संचारी रोगों के कारण समय से पूर्व होने वाली मृत्यु दर को एक तिहाई कम करना एवं मानसिक स्वास्थ्य तथा कल्याण को बढ़ावा देना।
  • 2020 तक, सड़क यातायात दुर्घटनाओं से होने वाली वैश्विक मौतों एवं अभिघातों (चोटों) की संख्या को आधा करना।
  • वित्तीय जोखिम संरक्षण, गुणवत्तापूर्ण आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक पहुंच एवं सभी के लिए सुरक्षित, प्रभावी, गुणवत्ता तथा किफायती आवश्यक दवाओं एवं टीकों तक पहुंच सहित सार्वभौमिक स्वास्थ्य आच्छादन प्राप्त करना।
  • 2030 तक, हानिकारक रसायनों एवं वायु, जल तथा मृदा के प्रदूषण एवं प्रदूषण से होने वाली मौतों तथा रोगों की संख्या को अधिकतम सीमा तक कम करना।

 

एसडीजी 4: समावेशी एवं समान गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करना एवं सभी के लिए आजीवन सीखने के अवसरों को बढ़ावा देना।

महत्वपूर्ण लक्ष्य

  • 2030 तक, यह सुनिश्चित करना कि सभी बालिकाएं एवं बालक निशुल्क, समान एवं गुणवत्ता युक्त प्राथमिक तथा माध्यमिक शिक्षा पूर्ण करें जिससे प्रासंगिक एवं प्रभावी सीखने के परिणाम प्राप्त हों।
  • 2030 तक, यह सुनिश्चित करना कि सभी बालिकाओं एवं बालकों की गुणवत्ता आरंभिक बाल्यावस्था के विकास, देखभाल एवं पूर्व-प्राथमिक शिक्षा तक पहुंच प्राप्त हो ताकि वे प्राथमिक शिक्षा के लिए तैयार हो सकें।
  • 2030 तक, सभी महिलाओं एवं पुरुषों के लिए विश्वविद्यालय सहित किफायती एवं गुणवत्तापूर्ण तकनीकी, व्यावसायिक तथा तृतीयक शिक्षा तक समान पहुंच सुनिश्चित करना।
  • 2030 तक शिक्षा में लैंगिक असमानताओं को समाप्त करना एवं शिक्षा तथा व्यावसायिक प्रशिक्षण के सभी स्तरों तक समान पहुंच सुनिश्चित करना।

 

एसडीजी 5: लैंगिक समानता हासिल करना एवं सभी महिलाओं एवं बालिकाओं को सशक्त बनाना

महत्वपूर्ण लक्ष्य

  • प्रत्येक स्थान पर सभी महिलाओं एवं बालिकाओं के प्रति सभी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करना।
  • सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों में समस्त महिलाओं एवं बालिकाओं के प्रति सभी प्रकार की हिंसा को समाप्त करना, जिसमें मानव दुर्व्यापार एवं यौन तथा अन्य प्रकार के शोषण सम्मिलित हैं।
  • बच्चों के, शीघ्र एवं बलात विवाह जैसी सभी हानिकारक प्रथाओं को समाप्त करना।
  • सार्वजनिक सेवाओं,  आधारिक संरचना एवं सामाजिक सुरक्षा नीतियों के प्रावधान के माध्यम से अवैतनिक सेवाओं एवं घरेलू कार्य को पहचानना एवं महत्व देना।

 

एसडीजी 6: सभी के लिए जल एवं स्वच्छता की उपलब्धता तथा सतत प्रबंधन सुनिश्चित करना

महत्वपूर्ण लक्ष्य

  • 2030 तक, सभी के लिए सुरक्षित एवं किफायती पेयजल तक सार्वभौमिक एवं न्यायसंगत पहुंच प्राप्त करना।
  • 2030 तक, सभी के लिए पर्याप्त एवं न्यायसंगत स्वच्छता एवं आरोग्य तक पहुंच प्राप्त करना एवं खुले में शौच को समाप्त करना, महिलाओं एवं बालिकाओं तथा अतिसंवेदनशील परिस्थितियों में जीवन यापन कर रहे व्यक्तियोंकी आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान देना।
  • 2030 तक, प्रदूषण को कम करके, हानिकारक रसायनों एवं पदार्थों के डंपिंग को समाप्त करके एवं अनुपचारित अपशिष्ट जल के अनुपात को आधा करके तथा विश्व स्तर पर पुनर्चक्रण एवं सुरक्षित पुन: उपयोग को बढ़ाकर जल की गुणवत्ता में सुधार करना।
  • 2030 तक, सभी क्षेत्रों में जल के उपयोग की दक्षता में पर्याप्त वृद्धि करना एवं जल के अभाव को दूर करने के लिएसतत निकासी एवं स्वच्छ जल की आपूर्ति सुनिश्चित करना तथा जल के अभाव से पीड़ित व्यक्तियों की संख्या को अत्यधिक सीमा तक कम करना।

 

एसडीजी 7: सभी के लिए किफायती, विश्वसनीय, धारणीय एवं आधुनिक ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करना

महत्वपूर्ण लक्ष्य

  • 2030 तक, किफायती, विश्वसनीय एवं आधुनिक ऊर्जा सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करना।
  • 2030 तक, वैश्विक ऊर्जा मिश्रण में नवीकरणीय ऊर्जा के अंश को पर्याप्त मात्रा में बढ़ाना।
  • 2030 तक, ऊर्जा दक्षता में सुधार की वैश्विक दर को दोगुना करना।

 

एसडीजी 8: सभी के लिए निरंतर, समावेशी एवं सतत आर्थिक विकास, पूर्ण तथा उत्पादक रोजगार एवं समुचित कार्य को बढ़ावा देना

महत्वपूर्ण लक्ष्य

  • राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुसार प्रति व्यक्ति आर्थिक विकास को बनाए रखना एवं, विशेष रूप से, अल्पविकसित देशों में प्रतिवर्ष न्यूनतम 7 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि प्राप्त करना।
  • 2030 तक, युवाओं एवं विकलांग व्यक्तियों सहित सभी महिलाओं एवं पुरुषों हेतु पूर्ण एवं उत्पादक रोजगारतथा समुचित कार्य एवं समान मूल्य के कार्य हेतु समान वेतन प्राप्त करना।
  • बलात श्रम को समाप्त करने, आधुनिक दासता एवं मानव दुर्व्यापार को समाप्त करने हेतु तत्काल एवं प्रभावी उपाय करना एवं बाल सैनिकों की भर्ती एवं उपयोग सहित बाल श्रम के सर्वाधिक निकृष्ट रूपों का निषेध एवं उन्मूलन सुनिश्चित करना तथा 2025 तक बाल श्रम के सभी रूपों को समाप्त करना।
  • 2030 तक धारणीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नीतियां तैयार करनाएवं क्रियान्वित करना जो रोजगार के अवसर सृजित करती हैं एवं स्थानीय संस्कृति एवं उत्पादों को बढ़ावा देती हैं।

 

एसडीजी 9: प्रतिस्कंदी आधारिक अवसंरचना का निर्माण, समावेशी एवं सतत औद्योगीकरण को बढ़ावा देना तथा नवाचार को बढ़ावा देना

महत्वपूर्ण लक्ष्य

  • समावेशी एवं सतत औद्योगीकरण को बढ़ावा देना एवं, 2030 तक, राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुरूप, रोजगार एवं सकल घरेलू उत्पाद में उद्योग की हिस्सेदारी में महत्वपूर्ण रूप से वृद्धि करना एवं अल्पविकसित देशों में अपनी हिस्सेदारी को दोगुना करना।

 

एसडीजी 10: देशों के भीतर एवं देशों के मध्य असमानता को कम करना

महत्वपूर्ण लक्ष्य

  • 2030 तक, राष्ट्रीय औसत से अधिक दर पर जनसंख्या के निचले क्रम के 40 प्रतिशत की आय वृद्धि को उत्तरोत्तर प्राप्त करना एवं बनाए रखना।
  • 2030 तक, आयु, लिंग, विकलांगता, नस्ल, जातीयता, मूल, धर्म या आर्थिक अथवा अन्य स्थितियों के बावजूद सभी के सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक समावेश को सशक्त करना एवं बढ़ावा देना।

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एसडीजी 11: शहरों एवं मानव बस्तियों को समावेशी, सुरक्षित,  प्रतिरोधक क्षमता पूर्ण एवं धारणीय बनाना

महत्वपूर्ण लक्ष्य

  • 2030 तक, सभी के लिए पर्याप्त, सुरक्षित एवं किफायती आवास तथा बुनियादी सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चितकरना एवं मलिन बस्तियों का उन्नयन करना।
  • 2030 तक, सभी देशों में समावेशी एवं धारणीय शहरीकरण तथा सहभागी, एकीकृत एवं सतत मानव बसाव योजना एवं प्रबंधन की क्षमता में वृद्धि करना।
  • 2030 तक, शहरों के प्रतिकूल प्रति व्यक्ति पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना, जिसमें वायु गुणवत्ता एवं नगरपालिका तथा अन्य अपशिष्ट प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना शामिल है।

 

एसडीजी 12: सतत उपभोग एवं उत्पादन प्रतिरूप सुनिश्चित करना

महत्वपूर्ण लक्ष्य

  • विकासशील देशों के विकास एवं क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए, विकसित देशों के नेतृत्व में, सतत उपभोग एवं उत्पादन पर कार्यक्रमों के 10-वर्षीय संरचना को क्रियान्वित करना।
  • 2030 तक, खुदरा एवं उपभोक्ता स्तरों पर प्रति व्यक्ति वैश्विक खाद्य अपशिष्ट को आधा करना एवं फसल के पश्चात   की हानि सहित उत्पादन एवं आपूर्ति श्रृंखलाओं के साथ खाद्य नुकसान को कम करना।

 

एसडीजी 13: जलवायु परिवर्तन एवं इसके प्रभावों से निपटने हेतु त्वरित कार्रवाई करना

महत्वपूर्ण लक्ष्य

  • सभी देशों में जलवायु संबंधी खतरों एवं प्राकृतिक आपदाओं के प्रति समुत्थानशक्ति एवं अनुकूलन क्षमता को सुदृढ़ करना।
  • विकासशील देशों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सभी स्रोतों से 2020 तक संयुक्त रूप से वार्षिक 100 अरब डॉलर अभिनियोजित करने के लक्ष्य हेतु जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र संरचना अभिसमय के लिए विकसित देशों के पक्षकारों द्वारा की गई प्रतिबद्धता को लागू करना।

 

एसडीजी 14: सतत विकास के लिए महासागरों, समुद्रों एवं समुद्री संसाधनों का संरक्षण तथा सतत उपयोग

महत्वपूर्ण लक्ष्य

  • 2025 तक, सभी प्रकार के समुद्री प्रदूषण को प्रतिबंधित करना एवं उल्लेखनीय रूप से कम करना, विशेष रूप से भूमि-आधारित गतिविधियों से, जिसमें समुद्री मलबे एवं पोषक प्रदूषण शामिल हैं।
  • 2020 तक, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय विधि के अनुरूप एवं सर्वोत्तम उपलब्ध वैज्ञानिक जानकारी के आधार पर कम से कम 10 प्रतिशत अपतटीय एवं समुद्री क्षेत्रों का संरक्षण करना।
  • 2020 तक, मत्स्य उत्पादन एवं मत्स्यन को प्रभावी रूप से विनियमित करना एवं अति मत्स्यन, अवैध, अ-सूचित एवं अनियंत्रित मत्स्यन एवं विनाशकारी मत्स्यन की प्रथाओं को समाप्त करना तथा विज्ञान-आधारित प्रबंधन योजनाओं को  क्रियान्वित करना, ताकि कम से कम समय में मत्स्य भंडार को कम से कम उस स्तर तक पुनर्स्थापित किया जा सके, जो उनकी जैविक विशेषताओं द्वारा निर्धारित अधिकतम धारणीय उत्पादन कर सके।

 

एसडीजी 15: स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र के सतत उपयोग को सुरक्षित, पुनर्स्थापित एवं प्रोत्साहित करना।

महत्वपूर्ण लक्ष्य

  • 2030 तक, मरुस्थलीकरण का प्रतिरोध करना, मरुस्थलीकरण, सूखे एवं बाढ़ से प्रभावित भूमि सहित, निम्नीकृत भूमि एवं मृदा को पुनर्स्थापित करना तथा भूमि क्षरण- निष्प्रभावी विश्व को प्राप्त करने का प्रयास करना।
  • 2030 तक, सतत विकास के लिए आवश्यक लाभ प्रदान करने की उनकी क्षमता को बढ़ाने के लिए, उनकी जैव विविधता सहित पर्वतीय पारिस्थितिकी प्रणालियों के संरक्षण को सुनिश्चित करना।
  • 2020 तक, स्थलीय एवं अंतर्देशीय स्वच्छ जल (मीठे पानी) के पारिस्थितिकी तंत्र एवं उनकी सेवाओं के संरक्षण, पुनर्स्थापना एवं सतत उपयोग को सुनिश्चित करना।

 

एसडीजी 16: सतत विकास के लिए शांतिपूर्ण और समावेशी समाजों को बढ़ावा देना, सभी के लिए न्याय तक पहुंच प्रदान करना और सभी स्तरों पर प्रभावी, जवाबदेह और समावेशी संस्थानों का निर्माण करना।

महत्वपूर्ण लक्ष्य

  • प्रत्येक स्थान पर सभी प्रकार की हिंसा एवं संबंधित मृत्यु दर को उल्लेखनीय रूप से कम करना।
  • बच्चों के साथ दुर्व्यवहार, शोषण, दुर्व्यापार एवं सभी प्रकार की हिंसा एवं उनकी प्रताड़ना को समाप्त करना।
  • 2030 तक, अवैध वित्तीय एवं हथियारों के प्रवाह को उल्लेखनीय रूप से कम करना, चोरी की गई संपत्ति की वसूली एवं वापसी को सुदृढ़ करना तथा सभी प्रकार के संगठित अपराध का मुकाबला करना।

 

एसडीजी 17:  क्रियान्वयन के साधनों को सुदृढ़ करना एवं सतत विकास हेतु वैश्विक साझेदारी को पुनर्जीवित करना

महत्वपूर्ण लक्ष्य

  • कर एवं अन्य राजस्व संग्रह के लिए घरेलू क्षमता में सुधार करने हेतु विकासशील देशों को अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से घरेलू संसाधन अभिनियोजित करने को सुदृढ़ करना।
  • ऋण वित्तपोषण, ऋण राहत एवं ऋण पुनर्गठन को प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से समन्वित नीतियों के माध्यम से दीर्घकालिक ऋण धारणीयता प्राप्त करने में विकासशील देशों की सहायता करना एवं ऋण संकट को कम करने हेतु अत्यधिक ऋणग्रस्त निर्धन देशों के बाहरी ऋण को हल करना।

 

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