क्रम संख्या |
संविधान संशोधन अधिनियम |
प्रमुख प्रावधान |
1. |
पहला संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1951 |
- सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की उन्नति के लिए विशेष प्रावधान करने हेतु राज्य को अधिकार प्रदान किए गए।
- सम्पदा इत्यादि के अधिग्रहण हेतु प्रावधान करने वाले कानूनों की सुरक्षा हेतु प्रावधान किए गए।
- नौवीं अनुसूची को न्यायिक समीक्षा से भूमि सुधारों एवं इसमें सम्मिलित अन्य विधानों की रक्षा के लिए समाविष्ट किया गया था।
- युक्तियुक्त प्रतिबंध: वाक एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंधों के तीन अन्य आधार समाविष्ट किए गए-
- सार्वजनिक व्यवस्था,
- विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध एवं
- अपराध कारित करने हेतु उकसाना।
- टिप्पणी- इसने प्रतिबंधों को ‘ युक्तियुक्त’ बनाया एवं इस प्रकार, प्रकृति में न्यायसंगत बनाया।
- व्यापार का राष्ट्रीयकरण: यह प्रावधान करता है कि राज्य द्वारा किसी भी व्यापार या व्यवसाय का राज्य व्यापार एवं व्यापार के राष्ट्रीयकरण अथवा व्यापार के अधिकार के उल्लंघन के आधार पर अमान्य नहीं होना चाहिए।
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2. |
दूसरा संविधान संशोधन अधिनियम, 1952 |
- लोकसभा में प्रतिनिधित्व के पैमाने को यह कहते हुए पुन: समायोजित किया गया कि 1 सदस्य 7.5 लाख से अधिक लोगों का प्रतिनिधित्व कर सकता है।
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3. |
चौथा संविधान संशोधन अधिनियम, 1955 |
- न्यायिक समीक्षा को सीमित करना: निजी संपत्ति के अनिवार्य अधिग्रहण के बदले दिए गए क्षतिपूर्ति के पैमाने को न्यायालयों द्वारा समीक्षा से परे बना दिया।
- राज्य को किसी भी व्यापार का राष्ट्रीयकरण करने के लिए अधिकृत किया गया।
- नौवीं अनुसूची में कतिपय अन्य अधिनियमों को समाविष्ट किया गया।
- अनुच्छेद 31 ए (विधानों की सुरक्षा) का दायरा विस्तृत किया गया।
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4. |
सातवां संविधान संशोधन अधिनियम, 1956 |
- दूसरी एवं सातवीं अनुसूची में संशोधन
- राज्यों का पुनर्गठन: इसने राज्यों के चार श्रेणियों में मौजूदा वर्गीकरण को (भाग ए, बी, सी एवं डी राज्यों) समाप्त कर दिया एवं उन्हें 14 राज्यों तथा 6 केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित किया।
- न्यायपालिका:
- उच्च न्यायालयों के क्षेत्राधिकार को केंद्र शासित प्रदेशों के लिए विस्तारित किया गया।
- दो या दो से अधिक राज्यों के लिए एक सामान्य उच्च न्यायालय की स्थापना का प्रावधान किया गया।
- उच्च न्यायालय के अतिरिक्त एवं कार्यवाहक न्यायाधीशों की नियुक्ति का प्रावधान किया गया।
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5. |
नौवां संविधान संशोधन अधिनियम, 1960 |
- भारतीय क्षेत्र में समायोजन: इसने भारत-पाकिस्तान समझौते (1958) के अनुसार बेरूबारी संघ (पश्चिम बंगाल में स्थित) के भारतीय क्षेत्र को पाकिस्तान को अध्यर्पण की सुविधा प्रदान की।
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6. |
दसवां संविधान संशोधन अधिनियम, 1961 |
- इसने दादरा, नगर एवं हवेली को भारतीय संघ में एक केंद्र शासित प्रदेश के रूप में समाविष्ट करने की सुविधा प्रदान की।
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7. |
ग्यारहवां संविधान संशोधन अधिनियम, 1961 |
- राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति का निर्वाचन:
- उपराष्ट्रपति के निर्वाचन की प्रक्रिया में परिवर्तन किया गया: इसमें उपराष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के स्थान पर एक निर्वाचक मंडल का प्रावधान किया गया।
- बशर्ते कि उपयुक्त निर्वाचक मंडल में किसी रिक्ति के आधार पर राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के निर्वाचन को चुनौती नहीं दी जा सकती।
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8. |
बारहवां संविधान संशोधन अधिनियम, 1962 |
- गोवा, दमन एवं दीव को भारतीय संघ में एक केंद्र शासित प्रदेश के रूप में समाविष्ट करने की सुविधा प्रदान की गई।
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9. |
तेरहवां संविधान संशोधन अधिनियम, 1962 |
- नागालैंड को एक राज्य का दर्जा प्रदान किया गया एवं इस हेतु अनुच्छेद 371 ए के तहत विशेष प्रावधान किए गए।
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10. |
चौदहवां संविधान संशोधन अधिनियम, 1962 |
- पुडुचेरी को भारतीय संघ में शामिल किया गया।
- हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, गोवा, दमन एवं दीव तथा पुडुचेरी के केंद्र शासित प्रदेशों के लिए विधायिकाओं एवं मंत्रिपरिषद के सृजन हेतु प्रावधान किए गए।
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