Home   »   International Maritime Organization (IMO)   »   International Maritime Organization (IMO)

समुद्र में असाधारण वीरता के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) पुरस्कार

अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ): यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, एजेंसियां ​​और मंच- उनकी संरचना,अधिदेश।

अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) – संदर्भ

  • हाल ही में, अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) परिषद ने टगबोट ओशन ब्लिस के चालक दल के सदस्यों के साथ भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक एवं मास्टर को समुद्र में असाधारण वीरता का पुरस्कार प्रदान किया।
  • समुद्र में असाधारण वीरता के लिए आईएमओ पुरस्कार एम/टी न्यू डायमंड के बचाव अभियान की दिशा में असाधारण एवं साहसी प्रयासों के लिए प्रदान किया गया था।
    • एम/टी न्यू डायमंड में आग लग गई एवं वह ज्वलनशील नौभार (कार्गो) से लदे, तट की ओर बढ़ रहा था।

समुद्र में असाधारण वीरता के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) पुरस्कार_3.1

अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) – आईएमओ वीरता पुरस्कार के बारे में मुख्य बिंदु

  • आईएमओ वीरता पुरस्कार के बारे में: समुद्र में असाधारण वीरता के लिए आईएमओ पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त असाधारण नाविक कौशल एवं समुद्र में व्यक्तियों द्वारा प्रदर्शित उत्कृष्ट साहस के लिए प्रदान किया जाता है।
    • समुद्र में असाधारण वीरता के लिए आईएमओ पुरस्कार प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) द्वारा प्रदान किया जाता है।
  • उद्देश्य: असाधारण वीरता के लिए आईएमओ पुरस्कार उन व्यक्तियों या समूहों को प्रदान किया जाता है, जो अपने स्वयं के जीवन के जोखिम पर, समुद्र में जीवन को बचाने के प्रयास में या समुद्री पर्यावरण के नुकसान को रोकने अथवा कम करने के प्रयास में असाधारण बहादुरी का कार्य करते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ)- प्रमुख बिंदु

  • पृष्ठभूमि एवं गठन: 1948 में जिनेवा में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ने औपचारिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) की स्थापना हेतु एक अभिसमय को अंगीकृत किया।
    • मूल नाम अंतर-सरकारी समुद्री सलाहकार संगठन, या आईएमसीओ था, किंतु 1982 में इसका नाम बदलकर आईएमओ कर दिया गया।
    • 1958 में आईएमओ अभिसमय परिवर्तन में आया एवं अगले वर्ष पहली बार नए संगठन की बैठक हुई।
  • आईएमओ के बारे में: अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) संयुक्त राष्ट्र का एक विशिष्ट अभिकरण है जो जलपोतों की संरक्षा एवं सुरक्षा तथा जलयानों द्वारा समुद्री एवं वायुमंडलीय प्रदूषण की रोकथाम हेतु उत्तरदायी है।
  • प्रमुख अधिदेश: संयुक्त राष्ट्र के एक विशिष्ट अभिकरण के रूप में,
    • आईएमओ अंतरराष्ट्रीय शिपिंग की संरक्षा, सुरक्षा एवं पर्यावरणीय प्रदर्शन के लिए वैश्विक मानक-निर्धारण प्राधिकरण है।
    • आईएमओ शिपिंग उद्योग के लिए एक नियामक ढांचा निर्मित करने हेतु भी उत्तरदायी है जो निष्पक्ष एवं प्रभावी, सार्वभौमिक रूप से अंगीकृत एवं सार्वभौमिक रूप से क्रियान्वित किया गया हो।

समुद्र में असाधारण वीरता के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) पुरस्कार_4.1

अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) – प्रमुख उद्देश्य

  • अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) के उद्देश्य हैं
    • अंतरराष्ट्रीय व्यापार में लगे नौवहन को प्रभावित करने वाले समस्त प्रकार के तकनीकी मामलों से संबंधित सरकारी विनियमन एवं प्रथाओं के क्षेत्र में सरकारों के मध्य सहयोग हेतु तंत्र (मशीनरी) उपलब्ध कराना;
    • समुद्री सुरक्षा, नौवहन की दक्षता एवं जलपोतों से होने वाले समुद्री प्रदूषण की रोकथाम एवं नियंत्रण से संबंधित मामलों में उच्चतम व्यावहारिक मानकों को सामान्य रूप से अंगीकृत करने को प्रोत्साहित करना एवं सुगम बनाना;
    • आईएमओ को इन उद्देश्यों से संबंधित प्रशासनिक एवं विधिक मामलों से निपटने का भी अधिकार प्राप्त है।

 

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद: सामुद्रिक सुरक्षा वर्धन डॉ. बी. आर. अम्बेडकर: अंतर्राष्ट्रीय अम्बेडकर सभा  अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) को संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त हुआ लोकतंत्र शिखर सम्मेलन: भारत ने लोकतंत्र शिखर सम्मेलन 2021 में भाग लिया
एकुवेरिन अभ्यास संपादकीय विश्लेषण: एलपीजी की ऊंची कीमतें वायु प्रदूषण की लड़ाई को झुलसा रही हैं संपादकीय विश्लेषण- आंगनबाड़ियों को पुनः खोलने की आवश्यकता भारत की भौतिक विशेषताएं: भारतीय मरुस्थल
पीआरआई रिपोर्ट के माध्यम से एसडीजी का स्थानीयकरण पश्चिमी घाट पर कस्तूरीरंगन समिति जलवायु परिवर्तन के लिए पेरिस समझौता विश्व असमानता रिपोर्ट 2022

Sharing is caring!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *