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महासागरीय धाराएँ: गर्म और ठंडी धाराओं की सूची-1

महासागरीय धाराएं यूपीएससी आईएएस परीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण टॉपिक है। इसे यूपीएससी  प्रारंभिक परीक्षा एवं यूपीएससी  मुख्य परीक्षा दोनों में पूछा जा सकता है क्योंकि इस टॉपिक में अवधारणा एवं याद रखने वाला हिस्सा दोनों शामिल हैं। यह 2-लेख की श्रृंखला होगी। इस लेख में, हम महासागरीय धाराओं एवं ठंडी धाराओं की सूची पर चर्चा करेंगे।

महासागरीय धाराएँ क्या हैं?

  • महासागरीय धाराएँ गुरुत्वाकर्षण, पवन (कोरिओलिस प्रभाव),एवं जल के घनत्व द्वारा संचालित समुद्री जल की निरंतर, पूर्वानुमेय, दिशात्मक गति हैं।
  • महासागरों काजल दो दिशाओं में गति करता है: क्षैतिज तथा लंबवत। क्षैतिज गति को धाराओं के रूप में संदर्भित किया जाता है, जबकि ऊर्ध्वाधर परिवर्तनों को उत्प्रवाह (अपवेलिंग) या अधोप्रवाह (डाउनवेलिंग) कहा जाता है (इस पर बाद में चर्चा की जाएगी)।
  • यह अजैविक प्रणाली ऊष्मा के स्थानान्तरण, जैव विविधता में भिन्नता एवं पृथ्वी की जलवायु प्रणाली के लिए उत्तरदायी है।

 

महासागरीय धाराओं को प्रभावित करने वाले बल

  • महासागरीय धाराएं मुख्यतः दो प्रकार की शक्तियों से प्रभावित होती हैं।

 

प्राथमिक बल

  • ये वे बल हैं जो जल की गति को प्रारंभ करती हैं। यथा:
    • सौर ऊर्जा द्वारा ऊष्मन;
    • पवन;
    • गुरुत्वाकर्षण;
    • कोरिओलिस बल।

 

द्वितीयक बल

  • ये वे बल हैं जो धाराओं के प्रवाह को प्रभावित करते हैं
    • तापमान में अंतर;
    • लवणता में अंतर।

 

महासागरीय धाराओं के प्रकार

  • महासागरीय धाराओं को वर्गीकृत किया जा सकता है (i) गहराई के आधार पर; (ii) तापमान के आधार पर।

 

गहराई के आधार पर

  • महासागरीय धाराएं दो प्रकार की होती हैं: सतही धाराएं एवं गंभीर जल धाराएं।

 

सतही धाराएं

  • महासागरों के ऊपरी 400 मीटर को आमतौर पर सतही धाराएं कहा जाता है।
  • वे महासागरों के जल का लगभग 10% भाग निर्मित करते हैं।

 

गंभीर/गहरे जल की धाराएं

  • ये महासागरों के जल का शेष 90%  भाग निर्मित करते हैं।
  • वे घनत्व संचालित बलों एवं गुरुत्वाकर्षण द्वारा महासागरीय द्रोणियों के चारों ओर गमन करते हैं।
  • ये गंभीर जल उच्च अक्षांशों पर गहरे महासागरीय द्रोणियों में निमज्जित हो जाते हैं जहां शीत ताप के कारण उच्च घनत्व पाया जाता है।

 

तापमान के आधार पर

  • महासागरीय धाराओं को ठंडी धाराओं एवं गर्म धाराओं के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।

ठंडी धाराएं

  • ठंडी धाराएं उच्च अक्षांशों से निम्न अक्षांशों तक गमन करती हैं एवं इस प्रकार ठंडे जल को गर्म जल वाले क्षेत्रों में लाती हैं।
  • ये धाराएं आमतौर पर महाद्वीपों के पश्चिमी तट पर निम्न एवं मध्य अक्षांशों (दोनों गोलार्द्धों में दाहिनी ओर) में तथा उत्तरी गोलार्ध में उच्च अक्षांशों में पूर्वी तट पर पाई जाती हैं;
  • कोरिओलिस बल के कारण वे उत्तरी गोलार्ध में दक्षिणावर्त दिशा में एवं दक्षिणी गोलार्ध में घड़ी की विपरीत दिशा में प्रवाहित होती हैं

विश्व के ठंडी महासागरीय धाराओं की सूची नीचे दी गई है।

विश्व के ठंडी महासागरीय धाराओं की सूची

शीत महासागरीय धाराएं क्षेत्र महत्वपूर्ण बिंदु
हम्बोल्ट या पेरू धारा दक्षिण प्रशांत महासागर
  • इसका नाम प्रशिया के प्रकृतिवादी अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट के नाम पर रखा गया है।
  • विश्व के प्रमुख पोषक तत्वों में से एक के रूप में कार्य करता है।
  • दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी तट के साथ चिली के दक्षिणतम सिरे से उत्तरी पेरू की ओर प्रवाहित होती है।
कुरील या ओयाशियो धारा उत्तरी प्रशांत महासागर
  • यह उप-आर्कटिक महासागरीय धारा वामावर्त दिशा में परिचालित होती है।
  • आर्कटिक महासागर में उत्पन्न, पश्चिमी उत्तरी प्रशांत महासागर में बेरिंग सागर से होकर से दक्षिण दिशा में प्रवाहित होती है।
  • यह पोषक तत्वों से समृद्ध धारा है।
  • यह उत्तरी प्रशांत प्रवाह निर्मित करने हेतु जापानी पूर्वी तट से कुरोशियो धारा से   टकराती है।
कैलिफोर्निया धारा प्रशांत महासागर
  • यह उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी तट के साथ दक्षिण की ओर प्रवाहित होने वाली अल्यूटियन धारा का विस्तार है।
  • यह उत्तरी प्रशांत गायरे का एक हिस्सा है।
  • यह सुदृढ़ उत्प्रवाह का क्षेत्र है।
अंटार्कटिक परिध्रुवीय (सर्कम्पोलर)  धारा दक्षिणी महासागर
  • यह विश्व की विशालतम महासागरीय धारा है।
  • इसे वेस्ट विंड ड्रिफ्ट के नाम से भी जाना जाता है।
  • यह दक्षिणावर्त दिशा में अंटार्कटिका के चारों ओर पूर्व से पश्चिम की ओर प्रवाहित होती है।
लैब्राडोर धारा उत्तरी अटलांटिक महासागर
  • यह आर्कटिक महासागर से दक्षिण की ओर प्रवाहित होती है एवं उत्तर की ओर बढ़ती गर्म गल्फ स्ट्रीम से मिलती है।
  • ठंडी लैब्राडोर धारा एवं गर्म गल्फ स्ट्रीम का संयोजन विश्व के सर्वाधिक समृद्ध  मत्स्यन (मछली पकड़ने) के  क्षेत्रों में से एक के निर्माण के लिए जाना जाता है।
कैनरी धारा उत्तरी अटलांटिक महासागर
  • यह पूर्वी सीमा धारा उत्तरी अटलांटिक वृत्ताकार गति (गायरे) का एक भाग है।
  • इसका नाम कैनरी द्वीप समूह के नाम पर रखा गया है।
  • धारा में उत्प्रवाह की उपस्थिति है।
पूर्वी ग्रीनलैंड धारा आर्कटिक महासागर एवं उत्तरी अटलांटिक महासागर
  • फ्रैम स्ट्रेट एवं केप फेयरवेल के मध्य वितरित कम लवणता की धारा
  • यह आर्कटिक को सीधे उत्तरी अटलांटिक से जोड़ता है।
  • आर्कटिक से समुद्री-बर्फ के निर्यात में इसका प्रमुख योगदान है।
बेंगुएला धारा दक्षिण अटलांटिक महासागर
  • दक्षिणी गोलार्ध के पश्चिमी पवन के बहाव की शाखा
  • कम लवणता, उत्प्रवाह की उपस्थिति-   मत्स्यन  हेतु उत्कृष्ट क्षेत्र।
  • दक्षिण अटलांटिक महासागर गायरे का पूर्वी भाग।
फ़ॉकलैंड धारा दक्षिण अटलांटिक महासागर
  • यह अंटार्कटिक परिध्रुवीय धारा (सर्कम्पोलर करंट) की एक शाखा है।
  • इसे माल्विनास धारा के नाम से भी जाना जाता है।
  • इसका नाम फ़ॉकलैंड द्वीप समूह के नाम पर रखा गया है।
  • यह ठंडी धारा ब्राजील की गर्म धारा के साथ मिल जाती है एवं ब्राजील-माल्विनास संगम क्षेत्र निर्मित करती है जो इस क्षेत्र की समशीतोष्ण जलवायु के लिए उत्तरदायी है।
पूर्वोत्तर मानसून धारा उत्तर हिंद महासागर
  • हिंद/भारतीय उत्तर भूमध्यरेखीय धारा भूमध्य रेखा को पार करते हुए दक्षिण-पश्चिम एवं पश्चिम की ओर प्रवाहित होती है।
सोमाली धारा पश्चिम हिंद महासागर
  • अटलांटिक महासागर में गल्फ स्ट्रीम के सदृश
  • मानसून से अत्यधिक प्रभावित है।
  • प्रमुख उत्प्रवाह तंत्र (अपवेलिंग सिस्टम) का क्षेत्र।
पश्चिमी ऑस्ट्रेलियाई धारा दक्षिणी महासागर एवं दक्षिण हिंद महासागर
  • इसे वेस्ट विंड ड्रिफ्ट के नाम से भी जाना जाता है।
  • अंटार्कटिक परिध्रुवीय (सर्कम्पोलर) धारा का हिस्सा
  • यह एक मौसमी धारा है –  ग्रीष्म ऋतु में शक्तिशाली एवं शीत ऋतु में मंद।
दक्षिण हिंद महासागर की धारा दक्षिण हिंद महासागर
  • दक्षिण अटलांटिक धारा के सदृश है ।

 

हम अपने आगामी लेख में अन्य टॉपिक्स के साथ-साथ महासागरीय धाराओं एवं वृत्ताकार गति (गायरे) की अवधारणा के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। हम गर्म महासागरीय धाराओं पर भी चर्चा करेंगे एवं अपने आगामी लेख में आपको गर्म महासागरीय धाराओं की सूची प्रदान करेंगे।

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