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6 जी हेतु प्रौद्योगिकी नवाचार समूह- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां; प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण तथा नवीन तकनीक विकसित करना।
6 जी हेतु प्रौद्योगिकी नवाचार समूह- संदर्भ
- हाल ही में, दूरसंचार विभाग ने छठी पीढ़ी (6 जी) पर एक प्रौद्योगिकी नवाचार समूह का गठन किया है।
5जी तकनीक: वह सब जो आपके लिए जानना आवश्यक है
6 जी हेतु प्रौद्योगिकी नवाचार समूह- प्रमुख बिंदु
- पृष्ठभूमि: भारत 5जी प्रौद्योगिकी के कार्यान्वयन में पिछड़ गया जबकि अन्य विकसित देशों ने आगे कदम बढ़ाया एवं 5जी प्रौद्योगिकी को लागू किया। अब, भारत 6 जी प्रौद्योगिकी विकास में अग्रणी बनने हेतु महत्वाकांक्षी है।
- 6 जी हेतु प्रौद्योगिकी नवाचार समूह के बारे में: 6 जी के लिए इनोवेशन ग्रुप का गठन राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर 6 जी तकनीक की विकास गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है।
- 6 जी नवाचार समूह के अध्यक्ष: समूह की अध्यक्षता डिजिटल संचार के अध्यक्ष एवं सचिव (दूरसंचार) राजारामन करेंगे।
- मूल मंत्रालय: 6 जी के लिए इनोवेशन ग्रुप का गठन दूरसंचार विभाग, संचार एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा किया गया था।
- 6 जी नवाचार समूह के सदस्य: यह सरकार, उद्योग एवं दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, शैक्षणिक तथा अनुसंधान संस्थानों का एक सहयोगात्मक प्रयास होगा। सदस्यों में शामिल हैं-
- अपर सचिव अनीता प्रवीण, सदस्य (प्रौद्योगिकी)
- अशोक कुमार तिवारी, सदस्य (सेना)
- दीपक चतुर्वेदी, कार्यकारी निदेशक- सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट)
- चेन्नई, दिल्ली, कानपुर, मुंबई, हैदराबाद के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) के निदेशकों के अतिरिक्त राजकुमार उपाध्याय, एवं
- भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बैंगलोर के निदेशक, साथ ही
- उद्योग निकाय सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ( सीओएआई) के अध्यक्ष अजय पुरी जो भारती एयरटेल के प्रमुख परिचालन अधिकारी (भारत एवं दक्षिण एशिया) भी हैं।
6 जी हेतु प्रौद्योगिकी नवाचार समूह- प्रमुख उद्देश्य
6 जी हेतु इनोवेशन ग्रुप का गठननिम्नलिखित उद्देश्यों के साथ किया गया है-
- अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों, पूर्व-मानकीकरण, 6 जी प्रौद्योगिकी पर अनुप्रयोगों के विकास के लिए एक रोडमैप तैयार करना।
- भारत को छठी पीढ़ी की प्रौद्योगिकी (सिक्स जेनरेशन टेक्नोलॉजीज) के विकास में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनाना।
- कार्य के क्षेत्र का अभिनिर्धारण करना एवं नवोन्मेष हेतु सामंजस्य स्थापित करना, बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) निर्मित करना, मानकीकरण करना, वैश्विक मानकों में योगदान करना, विनियम बनाना, प्रायोगिक योजनाएं संचालित करना एवं वैश्विक स्तर पर निर्माण, परीक्षण तथा आपूर्ति करना।