Categories: हिंदी

कृषि में डिजिटल प्रौद्योगिकी

कृषि में डिजिटल प्रौद्योगिकी- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 3: भारतीय कृषि– किसानों की सहायता हेतु ई-प्रौद्योगिकी।

कृषि में डिजिटल प्रौद्योगिकी चर्चा में क्यों है?

  • हाल ही में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में देश में डिजिटल कृषि को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न पहलों की जानकारी दी।
  • डिजिटल प्रौद्योगिकियों का कृषि मूल्य प्रणाली में अधिक से अधिक उपयोग हो रहा है एवं किसान अधिक तेजी से अधिक संसूचित हो रहे हैं, क्योंकि उन्हें प्रौद्योगिकी एवं सूचना हेतु तत्पर अभिगम अंतक प्रदान करने के लिए विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं।
  • कुछ महत्वपूर्ण डिजिटल पहलों का उल्लेख नीचे किया गया है-

 

इंडिया डिजिटल इकोसिस्टम ऑफ़ एग्रीकल्चर (IDEA) फ्रेमवर्क

  • भारतीय कृषि का डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र (इंडिया डिजिटल इकोसिस्टम ऑफ़ एग्रीकल्चर/IDEA) संघबद्ध (फ़ेडरेटेड) किसानों के डेटाबेस के लिए आर्किटेक्चर तैयार करेगा।
    • इसके अतिरिक्त, विभाग द्वारा शासित योजनाओं से संबंधित डेटाबेस को एकीकृत किया गया है।
  • यह विचार भारत में कृषि के लिए एक बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने में प्रभावी रूप से योगदान करने हेतु उदीयमान प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाते हुए नवीन कृषि-केंद्रित समाधान निर्मित करने हेतु एक नींव के रूप में कार्य करेगा।
  • यह पारिस्थितिकी तंत्र विशेष रूप से किसानों की आय में वृद्धि करने एवं समग्र रूप से कृषि क्षेत्र की दक्षता में सुधार करने की दिशा में प्रभावी योजना निर्मित करने में सरकार की सहायता करेगा।

 

कृषि में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (एनईजीपी-ए)

  • योजना की व्यवस्था के तहत, आधुनिक तकनीकों का उपयोग करने वाली परियोजना के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को निधियां जारी की जाती हैं जैसे-
    • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/एआई),
    • यांत्रिक अधिगम (मशीन लर्निंग/एमएल),
    • रोबोटिक्स,
    • ड्रोन,
    • आंकड़ा वैश्लेषिकी (डेटा एनालिटिक्स),
    • ब्लॉक चेन इत्यादि।

 

कृषि मशीनीकरण पर उप मिशन (एसएमएएम)

  • कृषि मशीनीकरण पर उप मिशन (सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन/एसएमएएम) अप्रैल, 2014 से लागू किया जा रहा है।
  • कृषि मशीनीकरण पर उप मिशन योजना का उद्देश्य निम्नलिखित के माध्यम से ‘रिचिंग द अनरीच्ड’  को प्राप्त करना है-
    • लघु एवं सीमांत किसानों को केंद्र में लाना तथा कृषि यंत्रीकरण का लाभ प्रदान करना,
    • ‘कस्टम हायरिंग सेंटर’ को प्रोत्साहित करना,
    • उच्च तकनीक एवं उच्च मूल्य वाले कृषि उपकरणों के लिए केंद्र निर्मित करना,
    • विभिन्न कृषि उपकरणों का वितरण,
    • प्रदर्शन एवं क्षमता निर्माण गतिविधियों के माध्यम से हितधारकों के मध्य जागरूकता उत्पन्न करना, एवं
    • संपूर्ण देश में स्थित नामित परीक्षण केंद्रों पर प्रदर्शन-परीक्षण तथा प्रमाणन सुनिश्चित करना।

 

राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM)

  • ई-नाम एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक व्यापार पोर्टल है जो कृषि उत्पादों के लिए एक एकीकृत राष्ट्रीय बाजार निर्मित करने हेतु वर्तमान कृषि उत्पाद बाजार समिति (एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस मार्केट कमेटी/एपीएमसी) मंडियों को नेटवर्क करता है।
  • व्यापारियों, किसानों, किसान उत्पादक संगठनों (फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन/एफपीओ), मंडियों को ई-एनएएम प्लेटफॉर्म के विभिन्न मॉड्यूल जैसे एफपीओ ट्रेडिंग मॉड्यूल, वेयरहाउस आधारित ट्रेडिंग मॉड्यूल के माध्यम से डिजिटल सेवाएं प्रदान की जाती हैं।

 

पीएम किसान योजना

  • पीएम किसान योजना निधि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण मोड के तहत पात्र किसानों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष रूप से हस्तांतरित की जाती है।
    • किसान पोर्टल में किसान कॉर्नर के माध्यम से अपना स्वयं का पंजीकरण कर सकते हैं।
  • योजना की पहुंच को व्यापक बनाने हेतु पीएम किसान मोबाइल ऐप का विमोचन किया गया जहां किसान  निम्नलिखित कार्यों को संपादित कर सकते हैं-
    • अपने आवेदन की स्थिति देख सकते हैं,
    • अपने आधार कार्ड के आधार पर नाम में सुधार या अद्यतन कर सकते हैं एवं
    • अपने बैंक खातों में क्रेडिट के इतिहास की भी जांच कर सकते हैं।

 

कृषि विपणन योजनाओं के लिए एकीकृत योजना (AGMARKNET)

  • एगमार्कनेट का उद्देश्य राज्य, सहकारी एवं निजी क्षेत्र के निवेश  सेवाओं को पश्‍च सिरा सहायिकी (बैकएंड सब्सिडी) सहायता प्रदान करके कृषि विपणन आधारिक संरचना के निर्माण को प्रोत्साहित करना है जो (एगमार्कनेट) पोर्टल के माध्यम से सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
  • एगमार्कनेट पोर्टल एक जी 2 सी ई-गवर्नेंस पोर्टल है जो एकल स्थान से कृषि विपणन संबंधी जानकारी प्रदान करके किसानों, उद्योग, नीति निर्माताओं एवं शैक्षणिक संस्थानों जैसे विभिन्न हितधारकों की आवश्यकताओं को पूरा करता है।
    • यह संपूर्ण देश में विस्तृत कृषि उपज बाजारों में दैनिक आवक एवं वस्तुओं की कीमतों की वेब-आधारित सूचना प्रवाह की सुविधा प्रदान करता है।

 

कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ)

  • देश में कृषि की आधारिक संरचना में सुधार के लिए प्रोत्साहन एवं वित्तीय सहायता के माध्यम से फसलोत्तर प्रबंधन बुनियादी ढांचे तथा सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के लिए व्यवहार्य परियोजनाओं में निवेश के लिए एक मध्यम-दीर्घकालिक ऋण वित्त सुविधा अभिनियोजित करने हेतु।
  • निम्नलिखित लाभार्थियों को फसलोत्तर प्रबंधन अवसंरचना की स्थापना के लिए ब्याज संबंधी आर्थिक सहायता (सबवेंशन) एवं साख प्रत्याभूति (क्रेडिट गारंटी) के रूप में डिजिटल रूप से वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है जैसे-
    • किसान,
    • प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (प्राइमरी एग्रीकल्चरल क्रेडिट सोसायटीज/PACS),
    • किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ),
    • स्वयं सहायता समूह (सेल्फ हेल्प ग्रुप्स/एसएचजी),
    • राज्य एजेंसियां/एपीएमसी।

 

बागवानी पर राष्ट्रीय मिशन- हॉर्टनेट परियोजना

  • यह बागवानी क्षेत्र (बांस एवं नारियल सहित) के समग्र विकास को प्रोत्साहित करता है।
  • हॉर्टनेट परियोजना एमआईडीएच के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु एक वेब सक्षम कार्य प्रवाह-आधारित प्रणाली है।
  • एनएचएम में ई-गवर्नेंस को कार्यान्वित करने हेतु यह एक विशिष्ट हस्तक्षेप है, जहां-कार्यप्रवाह की समस्त प्रक्रियाओं में पूर्ण पारदर्शिता की परिकल्पना की गई है अर्थात-
    • ऑनलाइन आवेदन दाखिल करना,
    • प्रमाणीकरण,
    • प्रक्रमण एवं
    • प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर/डीबीटी) के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में ऑनलाइन भुगतान।

 

मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता पर राष्ट्रीय परियोजना- मृदा स्वास्थ्य कार्ड पोर्टल

  • देश के किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी करना, ताकि उर्वरक पद्धतियों में पोषक तत्वों की कमी को दूर करने हेतु एक आधार प्रदान किया जा सके।
  • मृदा स्वास्थ्य कार्ड पोर्टल उपलब्ध है जहां किसान मिट्टी के नमूनों को ट्रैक कर सकते हैं।

किसान सुविधा मोबाइल अनुप्रयोग का विकास

  • महत्वपूर्ण मापदंडों पर किसानों को सूचना के प्रसार की सुविधा प्रदान करने हेतु अर्थात;
    • मौसम;
    • बाजार मूल्य;
    • पौधों का संरक्षण;
    • आगत व्यवहार कर्ता अथवा इनपुट डीलर (बीज, कीटनाशक, उर्वरक) कृषि संयंत्र अथवा फार्म मशीनरी;
    • मृदा स्वास्थ्य कार्ड;
    • शीत भंडारण केंद्र (कोल्ड स्टोरेज) एवं गोदाम, पशु चिकित्सा केंद्र तथा नैदानिक प्रयोगशाला (डायग्नोस्टिक लैब)।
  • बाजार की सूचना के साथ, किसानों को उत्पाद का विक्रय करने हेतु बाजारों, प्रचलित बाजार कीमतों एवं बाजार में मांग की मात्रा के बारे में बेहतर संसूचित किया जाता है।
  • इस प्रकार, वे उपज का उचित मूल्य एवं सही समय पर विक्रय करने हेतु संसूचित निर्णय ले सकते हैं।

 

भारत-म्यांमार संबंध अभ्यास विनबैक्स 2022 अभ्यास ‘अल नजाह-IV’ संपादकीय विश्लेषण- ब्रिन्गिंग यूरेशिया क्लोज़र
चाबहार बंदरगाह का महत्व चीन-ताइवान संघर्ष संशोधित वितरण क्षेत्र योजना भारतीय ज्ञान प्रणाली मेला
संपादकीय विश्लेषण- वन-मैन रूल अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकारों की प्रथम बैठक न्याय मित्र योजना वन (संरक्षण) नियम, 2022
manish

Recent Posts

JPSC Civil Services Exam Preparation Tips and Best Books

Every year, the Jharkhand Public Service Commission conducts the JPSC Civil Services Examination. This article…

12 hours ago

JPSC Admit Card 2024, Download link at jpsc.gov.in

The JPSC Mains Admit Card 2024 will be available on the Jharkhand Public Service Commission's…

16 hours ago

JPSC Notification 2024, Check JPSC Mains Exam Date

The JPSC Mains exam date has been released on the official website of Jharkhand. The…

17 hours ago

UPSC Prelims 2024, Eligibility Criteria, Syllabus and Exam Pattern

The Union Public Service Commission (UPSC) annually organises the Civil Services Examination which consists of…

18 hours ago

Rajasthan Judiciary Previous Year Question Papers PDF

The implementation of justice throughout the state of Rajasthan is mostly dependent on the Rajasthan…

18 hours ago

HPPSC HPAS Exam Date 2024, Check HPPSC Prelims Exam Schedule

Himachal Pradesh Public Service Commission (HPPSC) has released the HPPSC Exam Date 2024 on the…

18 hours ago