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यूपीएससी परीक्षा के लिए दैनिक समसामयिकी 6 जनवरी | प्रीलिम्स बिट्स

यूपीएससी परीक्षा के लिए दैनिक समसामयिकी

यूपीएससी के लिए दैनिक समसामयिकी: यूपीएससी लेख के लिए दैनिक समसामयिकी में दिन के महत्वपूर्ण लेख  सम्मिलित होते हैं जो विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं जैसे यूपीएससी, राज्य पीसीएस, एसएससी एवं विभिन्न बैंक परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं। 

जल पर अखिल भारतीय वार्षिक राज्य मंत्रियों का सम्मेलन

जल पर अखिल भारतीय वार्षिक राज्य मंत्रियों का सम्मेलन चर्चा में क्यों है?

  • हाल ही में, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो संदेश के माध्यम से जल पर प्रथम अखिल भारतीय वार्षिक राज्य मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित किया।
  • प्रधानमंत्री ने जल सुरक्षा के क्षेत्रों में भारत द्वारा किए गए अभूतपूर्व कार्यों पर प्रकाश डालते हुए देश के जल मंत्रियों के पूर्व अखिल भारतीय सम्मेलन के महत्व पर प्रकाश डाला।

जल पर प्रथम अखिल भारतीय वार्षिक राज्य मंत्रियों का सम्मेलन

  • जल पर प्रथम अखिल भारतीय वार्षिक राज्य मंत्रियों का सम्मेलन के बारे में: सतत विकास एवं मानव विकास के लिए जल संसाधनों के दोहन के तरीकों पर चर्चा के लिए प्रमुख नीति निर्माताओं को एक साथ लाने के लिए जल पर प्रथम अखिल भारतीय वार्षिक राज्य मंत्रियों का सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।
  • थीम: जल पर पहला अखिल भारतीय वार्षिक राज्य मंत्रियों  के सम्मेलन की थीम ‘वाटर विजन @ 2047’ है।
    • जल दृष्टिकोण @ 2047 अमृत काल की आगामी 25 वर्षों की यात्रा का एक महत्वपूर्ण आयाम है।
  • प्रमुख उद्देश्य: 2 दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य है-
    • राज्यों के विभिन्न जल हितधारकों से भारत @ 2047 एवं 5पी विजन के लिए इनपुट एकत्रित करें, जल राज्य का विषय है एवं राज्यों के साथ जुड़ाव तथा
    • साझेदारी में सुधार एवं जल शक्ति मंत्रालय की पहल एवं
    • योजनाओं को साझा करना।
  • भागीदारी: जल पर प्रथम अखिल भारतीय वार्षिक राज्य मंत्रियों के सम्मेलन में सभी राज्यों के जल संसाधन मंत्रियों ने भाग लिया।

जल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पीएम मोदी का ‘5P’ मंत्र

  • भारत @ 2047 योजना के एक भाग के रूप में जल सुरक्षा की चुनौतियों का समाधान करते हुए, प्रधान मंत्री ने ‘5P’ मंत्र की घोषणा की है जिसमें शामिल हैं-
    • राजनीतिक इच्छाशक्ति,
    • सार्वजनिक वित्त पोषण,
    • साझेदारी,
    • जनता की भागीदारी एवं
    • स्थिरता के लिए अनुनय।
  • भारत का जल क्षेत्र उन ऊंचाइयों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा जिन्हें भारत अगले महत्वपूर्ण वर्षों में हासिल करने का प्रयास करता है।

 

पीएमबीजेपी योजना के तहत जन औषधि च्यवनप्राश लॉन्च किया गया

जन औषधि च्यवनप्राश स्पेशल चर्चा में क्यों है?

  • प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) के तहत एक नया उत्पाद जन औषधि स्पेशल च्यवनप्राश नई दिल्ली में लॉन्च किया गया।

जन औषधि च्यवनप्राश स्पेशल

  • जन औषधि च्यवनप्राश स्पेशल के बारे में: जन औषधि च्यवनप्राश स्पेशल एक शक्तिशाली  प्रति ऑक्सीकारक (एंटीऑक्सीडेंट) पेस्ट है, जिसे लगभग 50 जड़ी-बूटियों एवं मसालों के सहक्रियाशील मिश्रण के माध्यम से तैयार किया गया है।
  • उपलब्धता: यह च्यवनप्राश स्पेशल अब देश भर के सभी जन औषधि केंद्रों पर उचित मूल्य पर उपलब्ध होगा।
  • मूल योजना: जन औषधि च्यवनप्राश स्पेशल को प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के तहत लॉन्च किया गया था।

प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP)

  • सभी को सस्ती कीमत पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से, भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के औषधि (फार्मास्यूटिकल्स) विभाग द्वारा 2008 में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) आरंभ की गई थी।
  • प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) की कार्यान्वयन एजेंसी, फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेज ब्यूरो ऑफ इंडिया (पीएमबीआई) ने संपूर्ण भारत में इस योजना को सफलतापूर्वक लागू किया है।
  • वर्तमान में देश में 9000 से अधिक जन औषधि केंद्र खोले जा चुके हैं।
  • इस योजना के सफल कार्यान्वयन से चालू वित्त वर्ष में 869.12 करोड़ की बिक्री पहले ही हो चुकी है एवं इस वित्तीय वर्ष में 1200 करोड़ के लक्ष्य तक पहुंचने का लक्ष्य है।
  • वर्तमान में, ये 9000 केंद्र सुविधा सेनेटरी पैड, जो 1/- रुपये प्रति पैड के हिसाब से बेचे जाते हैं, सहित 1759 से अधिक दवाओं एवं 280 शल्य चिकित्सा संबंधी (सर्जिकल) उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करते हैं।
  • जन औषधि दवाओं की कीमतें आमतौर पर खुले बाजार में उपलब्ध ब्रांडेड दवाओं की कीमतों की तुलना में 50%-90% कम होती हैं।
  • कुल मिलाकर, विगत 8 वर्षों के दौरान, इस प्रशंसनीय योजना के कारण नागरिकों के लिए लगभग 18000 करोड़ रुपये की कुल बचत संभव हो पाई है।

 

वाराणसी कैंट को ईट राइट स्टेशन प्रमाणन

 

ईट राइट स्टेशन प्रमाणपत्र चर्चा में क्यों है?

  • हाल ही में, भारतीय रेलवे के वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन को यात्रियों को उच्च-गुणवत्ता युक्त, पौष्टिक भोजन प्रदान करने के लिए 5-स्टार ‘ईट राइट स्टेशन’ प्रमाणन से सम्मानित किया गया है।

ईट राइट स्टेशन प्रमाणन

  • एफएसएसएआई द्वारा मानक खाद्य भंडारण एवं स्वच्छता व्यवहार का पालन करने वाले रेलवे स्टेशनों को ईट राइट स्टेशन प्रमाणन प्रदान किया जाता है।
  • FSSAI द्वारा ‘ईट राइट स्टेशन’ प्रमाणन उन रेलवे स्टेशनों को प्रदान किया जाता है जो यात्रियों को सुरक्षित एवं पौष्टिक भोजन प्रदान करने में मानदंड स्थापित करते हैं।
  • स्टेशन को 1 से 5 की रेटिंग के साथ एफएसएसएआई-अधिसूचित तृतीय-पक्ष अंकेक्षण एजेंसी के निष्कर्ष पर प्रमाण पत्र से सम्मानित किया जाता है।
  • 5-स्टार रेटिंग यात्रियों को सुरक्षित एवं स्वच्छ भोजन उपलब्ध कराने के लिए स्टेशन द्वारा पूर्ण अनुपालन का संकेत देती है।
  • प्रमाणन ‘ईट राइट इंडिया’ आंदोलन का हिस्सा – FSSAI द्वारा सभी भारतीयों के लिए सुरक्षित, स्वस्थ एवं टिकाऊ भोजन सुनिश्चित करने के लिए देश की खाद्य प्रणाली को रूपांतरित करने हेतु एक बड़े पैमाने पर प्रयास है।
  • सही खाओ (ईट राइट) भारत यह सुनिश्चित करने के लिए कि हमारा भोजन लोगों एवं ग्रह दोनों के लिए उपयुक्त है, विनियामक, क्षमता निर्माण, सहयोगात्मक और सशक्तिकरण दृष्टिकोण का विवेकपूर्ण मिश्रण अपनाता है।
  • स्टार प्रमाणन वाले अन्य रेलवे स्टेशनों में शामिल हैं-
    • आनंद विहार टर्मिनल रेलवे स्टेशन (दिल्ली);
    • छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (मुंबई);
    • मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन, (मुंबई);
    • वडोदरा रेलवे स्टेशन,
    • चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन एवं
    • भोपाल रेलवे स्टेशन।

 

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन

 

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन चर्चा में क्यों है?

  • हाल ही में, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को अपनी स्वीकृति प्रदान की है।

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन

  • राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के बारे में: राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन) 2023 को कम से कम पांच मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) की हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता विकसित करने एवं 2030 तक लगभग 125 गीगावाट (जीडब्ल्यू) की संबद्ध नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ाने के लक्ष्य के साथ प्रारंभ किया गया था।
  • संबद्ध मंत्रालय: नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के समग्र पर्यवेक्षण तथा मार्गदर्शन में राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को क्रियान्वित किया जाएगा।
  • अनुदान: राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के लिए प्रारंभिक परिव्यय 19,744 करोड़ रुपये होगा, जिसमें निम्नलिखित का परिव्यय शामिल है-
    • साइट (SIGHT) कार्यक्रम के लिए 17,490 करोड़ रुपये,
    • प्रायोगिक परियोजनाओं के लिए 1,466 करोड़ रुपये
    • शोध एवं विकास ( रिसर्च एंड डेवलपमेंट/आरएंडडी) के लिए 400 करोड़ रुपये, एवं
    • मिशन के अन्य घटकों के लिए 388 करोड़ रुपये।

 

भारत का रुपया विनिमय निपटान तंत्र क्या है? रूस ने रुपये में विनिमय प्रारंभ किया! भारत ने एशियाई प्रशांत डाक संघ (APPU) का नेतृत्व संभाला आयुर्वेद पेशेवरों के लिए आयुर्वेद में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए ‘स्मार्ट’ कार्यक्रम पुरस्कार एवं पारितोषिक के मध्य अंतर को उदाहरणों के साथ देखें
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FAQs

What is National Green Hydrogen Mission?

National Green Hydrogen Mission 2023 was launched with the goal of developing a green hydrogen production capacity of at least five million metric tonnes (mmt) and an associated renewable energy capacity addition of about 125 gigawatts (GW) by 2030.

What is the 'Eat Right Station' certification?

The 'Eat Right Station' certification is awarded by FSSAI to railway stations that set benchmarks in providing safe and wholesome food to passengers.

Which railway station has been awarded a 5- star 'Eat Right Station' certification?

Recently, Indian Railways’ Varanasi Cantt Railway Station has been awarded a 5- star 'Eat Right Station' certification for providing high-quality, nutritious food to passengers.

manish

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