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वासेनार अरेंजमेंट क्या है? भारत ने एक वर्ष के लिए अध्यक्ष पद ग्रहण किया 

वासेनार व्यवस्था क्या है ?: 01-01-2023 को, भारत ने एक वर्ष के लिए वासेनार व्यवस्था के पूर्ण सत्र की अध्यक्षता ग्रहण की है। निकाय के अध्यक्ष के रूप में, भारत क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा तथा स्थिरता में योगदान करने के वासेनार व्यवस्था लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए अन्य सदस्यों के साथ निकट सहयोग में कार्य करने हेतु तत्पर एवं प्रतिबद्ध है।

यूपीएससी के लिए वासेनार व्यवस्था का क्या महत्व है?: इसमें यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा समसामयिकी एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा के जीएस 2-द्विपक्षीय समूह एवं समझौते, अंतर्राष्ट्रीय संधियाँ तथा समझौते, समूह एवं भारत को शामिल करने वाले एवं / या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते, परमाणु प्रौद्योगिकी शामिल है।

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वासेनार अरेंजमेंट चर्चा में क्यों है?

  • भारत ने एक वर्ष के लिए वासेनार व्यवस्था के पूर्ण सत्र की अध्यक्षता ग्रहण की है।
  • विदेश मंत्री श्री एस. जयशंकर इसी प्रयोजन के लिए ऑस्ट्रिया में हैं।
  • यह 27 वर्षों में ऑस्ट्रिया के लिए विदेश मंत्री स्तर की प्रथम यात्रा है एवं यह ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देश अगले साल 75 साल के राजनयिक संबंधों का उत्सव मनाएंगे।

 

पृष्ठभूमि

  • 30 नवंबर-1 दिसंबर 2022 के दौरान वियना में आयोजित वासेनार व्यवस्था की 26 वीं वार्षिक पूर्ण बैठक में, आयरलैंड के राजदूत इयोन ओलेरी ने भारत के राजदूत जयदीप मजूमदार को अध्यक्षता सौंपी, जो वियना में संयुक्त राष्ट्र एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के स्थायी प्रतिनिधि हैं।

 

वासेनार अरेंजमेंट क्या है?

  • 42 सदस्यीय वासेनार व्यवस्था एक स्वैच्छिक निर्यात नियंत्रण व्यवस्था है जो पारंपरिक हथियारों एवं द्वैध -उपयोग वाले सामानों के हस्तांतरण की निगरानी करती है।
  • वासेनार व्यवस्था को औपचारिक रूप से जुलाई 1996 में स्थापित किया गया था।
  • वासेनार अरेंजमेंट एक बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्था है जो अपने सदस्यों के मध्य सूचना के नियमित आदान-प्रदान के माध्यम से पारंपरिक हथियारों एवं द्वैध उपयोग वाली वस्तुओं एवं प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण में पारदर्शिता तथा व्यापक उत्तरदायित्व को प्रोत्साहित करने हेतु कार्य करती है।
  • व्यवस्था का उद्देश्य ऐसे हस्तांतरणों पर नज़र रखना एवं पारंपरिक हथियारों तथा दोहरे उपयोग वाले सामानों के “अस्थिर संचय” को रोकना है।

 

भारत वासेनार व्यवस्था में कब शामिल हुआ?

  • भारत दिसंबर 2017 में इसके 42वें भागीदार राज्य के रूप में वासेनार व्यवस्था में शामिल हुआ।
  • भारत को शामिल करने का निर्णय समूह की वियना में आयोजित दो दिवसीय पूर्ण बैठक में लिया गया।
  • तब, महत्वपूर्ण तकनीकों को हासिल करने में सहायता करने के अतिरिक्त अप्रसार के क्षेत्र में नई दिल्ली के कद में वृद्धि करने की संभावना थी।

 

वासेनार व्यवस्था का पूर्ण सत्र क्या है?

  • वासेनार अरेंजमेंट का प्लेनरी मुख्य निर्णय लेने वाला निकाय है जो आम सहमति पर कार्य करता है।
  • वासेनार अरेंजमेंट प्लेनरी भाग लेने वाले समस्त राज्यों के प्रतिनिधियों से मिलकर निर्मित है, जो आम तौर पर वर्ष में एक बार, आमतौर पर दिसंबर में मिलते हैं। पूर्ण सत्र की अध्यक्षता भाग लेने वाले राज्यों के मध्य वार्षिक क्रमावर्तन (रोटेशन) के अधीन है।

 

वासेनार व्यवस्था के सदस्य कौन हैं?

  • वासेनार अरेंजमेंट में 42 सदस्य हैं, नवीनतम सदस्य भारत है।
  • चीन के अपवाद के साथ, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अन्य सभी स्थायी सदस्य वासेनार अरेंजमेंट के हस्ताक्षरकर्ता हैं, जिसका मुख्यालय वियना में है।

 

वासेनार व्यवस्था किस प्रकार कार्य करती है?

  • व्यवस्था का लक्ष्य “पारंपरिक हथियारों एवं द्वैध उपयोग वाली वस्तुओं तथा प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण में पारदर्शिता एवं वर्धित उत्तरदायित्व को प्रोत्साहित करना” है।
  • प्रतिभागियों को “यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि इन मदों के स्थानान्तरण सैन्य क्षमताओं के विकास या वृद्धि में योगदान नहीं करते हैं जो लक्ष्य को कमजोर करते हैं”।
  • वासेनार अरेंजमेंट के अनुसार, इसका उद्देश्य आतंकवादियों द्वारा इन वस्तुओं के अधिग्रहण को रोकना भी है।

 

वासेनार नियंत्रण सूचियाँ क्या हैं

  • व्यवस्था उसके अनुसार कार्य करती है जिसे वह वासेनार अरेंजमेंट नियंत्रण सूची कहती है।
  • नियंत्रण प्रतिभागियों द्वारा अनुसमर्थन के अधीन हैं। वासेनार अरेंजमेंट के सदस्य संवेदनशील द्वैध उपयोग वाली वस्तुओं एवं प्रौद्योगिकियों के बारे में सूचनाओं का आदान-प्रदान करने तथा गैर-प्रतिभागियों को नियंत्रित वस्तुओं के ऐसे हस्तांतरण एवं इनकार पर रिपोर्ट करने हेतु सहमत हैं।

 

वासेनार अरेंजमेंट की भारत की अध्यक्षता का क्या महत्व है?

  • भारत के लिए रक्षा एवं अंतरिक्ष क्षेत्र में गतिविधि तथा निवेश में हालिया उछाल को ध्यान में रखते हुए यह महत्वपूर्ण है।
  • चूंकि भारत एक वर्ष के लिए इसकी अध्यक्षता करेगा एवं देश में उदीयमान अंतरिक्ष एवं रक्षा निर्माताओं के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की संभावना वाली प्रक्रियाओं तथा प्रौद्योगिकियों तक पहुंच का लोकतंत्रीकरण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की अपेक्षा है।
  • यह वैश्विक अप्रसार संरचना में भारत को एक जिम्मेदार हितधारक के रूप में स्थापित करने में सहायता करेगा।

 

क्या आपको पता था?

भारत ने 1 दिसंबर, 2022 को औपचारिक रूप से G-20 की अध्यक्षता ग्रहण की एवं इसे 30 नवंबर, 2023 तक संभालेगा।

 

वासेनार अरेंजमेंट के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न

प्र. वासेनार व्यवस्था क्या है?

उत्तर. वासेनार अरेंजमेंट एक बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्था है जो अपने सदस्यों के मध्य सूचना के नियमित आदान-प्रदान के माध्यम से पारंपरिक हथियारों तथा द्वैध उपयोग वाली वस्तुओं एवं प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण में पारदर्शिता एवं वर्धित उत्तरदायित्व को प्रोत्साहित करने हेतु कार्य करती है।

प्र. भारत वासेनार व्यवस्था में कब शामिल हुआ?

उत्तर. भारत दिसंबर 2017 में इसके 42वें भागीदार राज्य के रूप में वासेनार व्यवस्था में शामिल हुआ।

प्र. भारत ने जी-20 की अध्यक्षता कब ग्रहण की?

उत्तर. भारत ने औपचारिक रूप से 1 दिसंबर, 2022 को G-20 की अध्यक्षता ग्रहण की एवं इसे 30 नवंबर, 2023 तक संभालेगा।

प्र. वासेनार व्यवस्था का पूर्ण सत्र क्या है?

उत्तर. – वासेनार अरेंजमेंट का प्लेनरी मुख्य निर्णय लेने वाला निकाय है जो आम सहमति पर काम करता है।

-वासेनार अरेंजमेंट प्लेनरी भाग लेने वाले समस्त राज्यों के प्रतिनिधियों से मिलकर निर्मित है, जो आम तौर पर वर्ष में एक बार, आमतौर पर दिसंबर में मिलते हैं।

-पूर्ण सत्र की अध्यक्षता भाग लेने वाले राज्यों के मध्य वार्षिक क्रमावर्तन (रोटेशन) के अधीन है।

 

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FAQs

What Is Wassenaar Arrangement?

The Wassenaar Arrangement is a multilateral export control regime that works to promote transparency and greater responsibility in transfers of conventional arms and dual-use goods and technologies through regular exchanges of information among its members.

When India Joined The Wassenaar Arrangement?

India joined the Wassenaar Arrangement in December 2017 as its 42nd participating state.

When did India assume Presidency of G-20?

India formally assumed the Presidency of G-20 on December 1, 2022 and will hold it till November 30, 2023.

What is The plenary of the Wassenaar Arrangement?

- The plenary of the Wassenaar Arrangement is the main decision-making body that operates on consensus.
- The WA Plenary is composed of representatives of all Participating States who normally meet once a year, usually in December.
- Chairmanship of the Plenary is subject to annual rotation among Participating States.

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