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यूपीएससी परीक्षा के लिए दैनिक समसामयिकी- 02 दिसंबर 2022 |प्रीलिम्स बिट्स

यूपीएससी के लिए दैनिक समसामयिकी

यूपीएससी के लिए दैनिक समसामयिकी: यूपीएससी लेख के लिए दैनिक समसामयिकी में दिन के महत्वपूर्ण लेख शामिल हैं जो विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं जैसे यूपीएससी, राज्य पीसीएस, एसएससी एवं विभिन्न बैंक परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।

भारत ने जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण की

भारत की जी-20 की अध्यक्षता चर्चा में क्यों है?

  • जैसा कि भारत आज जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण कर रहा है, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस महत्वपूर्ण अवसर पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा करने के लिए एक ब्लॉग लिखा है।

भारत की 2022-23 के लिए जी-20 अध्यक्षता

  • जी-20 अध्यक्षता: जी-20 की अध्यक्षता प्रत्येक वर्ष सदस्यों के मध्य क्रमावर्तित होती रहती है।
  • वर्तमान में जी-20 की अध्यक्षता इंडोनेशिया के पास है।
  • जी-20 की अध्यक्षता 2023: भारत को वर्ष 2023 के लिए जी-20 की अध्यक्षता उत्तराधिकार में प्राप्त होगी। भारत 1 दिसंबर, 2022 से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा।
  • महत्व: जी-20 की अध्यक्षता भारत को अंतर्राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर वैश्विक एजेंडे में योगदान करने का एक  विशिष्ट अवसर प्रदान करता है।
    • अपनी जी-20 अध्यक्षता के दौरान, भारत संपूर्ण देश में विभिन्न स्थानों पर 32 विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 200 बैठकें आयोजित करेगा।

भारत की जी-20 की अध्यक्षता की थीम

  • जी-20 थीम: भारत की जी-20 की अध्यक्षता की थीम “वसुधैव कुटुम्ब-कम” अथवा “वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर” है।
  • जी-20 थीम एक बेहतर भविष्य के लिए, एक सामान्य उद्देश्य के लिए संपूर्ण विश्व को एक साथ लाने की दृष्टि पर भारत के कार्यों का प्रतिनिधित्व करता है।
  • भारत का प्रयास रहेगा कि कोई “प्रथम विश्व अथवा तृतीय विश्व” न हो, बल्कि “केवल एक विश्व” हो।
  • इससे पूर्व भारत ने इसी भावना से काम करते हुए निम्नलिखित का विमोचन किया था-
    • ‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’ ने विश्व में नवीकरणीय ऊर्जा क्रांति का आह्वान किया है।
    • वैश्विक स्वास्थ्य को मजबूत करने के लिए ‘वन वर्ल्ड, वन हेल्थ’ अभियान।

भारत की जी-20 की अध्यक्षता का लोगो

  • भारत की जी-20 अध्यक्षता विश्व में संकट और अराजकता के समय आ रही है।
    • विश्व एक सदी में एक बार घटित होने वाली विघटनकारी महामारी, संघर्षों तथा बहुत सारी आर्थिक अनिश्चितता के बाद के प्रभावों से गुजर रही है।
  • कमल के प्रतीक का अर्थ: जी-20 लोगो में कमल का प्रतीक इस समय में आशा का प्रतिनिधित्व है। परिस्थितियां कितनी भी प्रतिकूल क्यों न हो, कमल फिर भी खिलता है।
    • कमल की सात पंखुड़ियाँ सात महाद्वीपों का प्रतिनिधित्व करती हैं।
    • सात भी संगीत की सार्वभौमिक भाषा में स्वरों की संख्या है।
    • संगीत में, जब सात स्वर एक साथ आते हैं, तो वे एक पूर्ण स्वरैक्य का निर्माण करते हैं। किंतु प्रत्येक स्वर की अपनी  विशेषता होती है।
    • इसी तरह, जी-20 का उद्देश्य विविधता का सम्मान करते हुए विश्व को सद्भाव के अंतर्गत लाना है।
  • भारतीय संस्कृति में ज्ञान एवं समृद्धि दोनों की देवी कमल पर विराजमान हैं। साझा ज्ञान जो हमें अपनी परिस्थितियों से उबरने में सहायता करता है।
  • साझा समृद्धि जो अंतिम व्यक्ति तक पहुंचती है। यही कारण है कि जी-20 के लोगो में पृथ्वी को भी कमल पर  विराजमान किया गया है।

 

दिव्य कला मेला 2022

दिव्य कला मेला 2022 चर्चा में क्यों है?

  • दिव्य कला मेला 2 से 7 दिसंबर, 2022 तक स्वामी विवेकानंद रोड, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा (कर्त्तव्य पथ), इंडिया गेट, नई दिल्ली के समीप आयोजित किया जा रहा है।

दिव्य कला मेला 2022

  • दिव्य कला मेला 2022 के बारे में: दिव्य कला मेला 2022 संपूर्ण देश के दिव्यांग उद्यमियों / कारीगरों के उत्पादों एवं शिल्प कौशल को प्रदर्शित करने वाला एक विशिष्ट कार्यक्रम है।
    • दिव्य कला मेला प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जाएगा एवं यह दिल्ली तक ही सीमित नहीं होगा, बल्कि संपूर्ण देश में आयोजित किया जाएगा।
  • मंत्रालय: दिव्य कला मेला 2022 का आयोजन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।

दिव्य कला मेला 2022 का महत्व

  • दिव्य कला मेला कार्यक्रम आगंतुकों को जम्मू एवं कश्मीर, उत्तर पूर्वी राज्यों, हस्तशिल्प सहित देश के विभिन्न हिस्सों के जीवंत उत्पादों के रूप में एक आकर्षक अनुभव प्रदान करेगा।
    • हथकरघा (हैंडलूम), कढ़ाई के काम एवं डिब्बाबंद खाद्य सामग्री (पैकेज्ड फूड) इत्यादि एक साथ देखने को मिलेंगे।
  • दिव्य कला मेला 2022 सभी के लिए ‘वोकल फॉर लोकल’ बनने का अवसर होगा एवं दिव्यांग शिल्पकारों द्वारा अपने अतिरिक्त दृढ़ संकल्प के साथ निर्मित किए  गए उत्पादों को देखा/खरीदा जा सकता है।

दिव्य कला मेला 2022 के तहत प्रमुख कार्यक्रम

  • लगभग 22 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 200 दिव्यांग कारीगर/कलाकार एवं उद्यमी अपने उत्पादों तथा कौशल का प्रदर्शन करेंगे।
  • निम्नलिखित व्यापक श्रेणी में उत्पाद उपलब्ध होंगे:
    • गृह सज्जा एवं जीवन शैली,
    • वस्त्र,
    • स्टेशनरी एवं पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद,
    • डिब्बाबंद भोजन तथा जैविक उत्पाद,
    • खिलौने एवं उपहार,
    • व्यक्तिगत सहायक उपकरण – आभूषण, क्लच बैग।
  • छह दिवसीय दिव्य कला मेला प्रातः 11 बजे से प्रारंभ होकर रात्रि 8.00 बजे तक खुला रहेगा एवं सांस्कृतिक गतिविधियों की एक श्रृंखला को प्रदर्शित करेगा, जिसमें दिव्यांग कलाकारों एवं जाने-माने पेशेवरों के प्रदर्शन सम्मिलित होंगे।

 

तीन हवाई अड्डों के लिए डिजी यात्रा प्रारंभ

डिजी यात्रा चर्चा में क्यों है?

  • हाल ही में, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, नई दिल्ली से देश के तीन हवाई अड्डों, अर्थात नई दिल्ली, वाराणसी एवं बेंगलुरु के लिए डिजी यात्रा का शुभारंभ किया।

डिजी यात्रा क्या है?

  • डिजी यात्रा के बारे में: चेहरे की पहचान प्रौद्योगिकी (फेशियल रिकग्निशन टेक्नोलॉजी/FRT) के आधार पर हवाई अड्डों पर यात्रियों के संपर्क रहित, निर्बाध प्रक्रिया को प्राप्त करने के लिए डिजी यात्रा की कल्पना की गई है।
  • मंत्रालय: ‘डिजीयात्रा’ नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा समन्वित एक उद्योग-आधारित पहल है।
    • डिजी यात्रा पहल डिजिटल इंडिया विजन के अनुरूप है जिसका उद्देश्य देश को डिजिटल रूप से सशक्त समाज में रूपांतरित करना है।
  • डिजी यात्रा का उद्देश्य: इसका उद्देश्य हवाई अड्डों पर यात्रियों की डिजिटल प्रोसेसिंग सुनिश्चित करना है।
  • डिजी यात्रा के तहत प्रक्रिया: जांच बिंदुओं (चेकपॉइंट्स) पर चेहरे की पहचान प्रणाली के आधार पर यात्रियों को स्वचालित रूप से संसाधित किया जाएगा जैसे-
    • प्रवेश बिंदु की जांच,
    • सुरक्षा जांच में प्रवेश,
    • विमान बोर्डिंग,
    • इसके अतिरिक्त, यह पैक्स एवं डेटा रिकॉल की पहचान करने के लिए चेहरे की पहचान का उपयोग करते हुए सेल्फ-बैग ड्रॉप एवं चेक-इन की सुविधा भी प्रदान करेगा।
  • डिजी यात्रा पहल के स्तंभ: डिजी यात्रा मंच 4 प्रमुख स्तंभों पर निर्मित किया जाएगा, जैसे-
    • संबंधित यात्री,
    • संबंधित हवाई अड्डे,
    • संबंधित उड़ान तथा
    • संबंधित सिस्टम

 

राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली (नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम/NSWS)

नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम (NSWS) हाल ही में चर्चा में क्यों है?

  • हाल ही में, नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम ने अपने प्रारंभ के पश्चात से 44000 से अधिक स्वीकृतियां प्रदान की हैं एवं 28 हजार से अधिक आवेदन प्रक्रियाधीन हैं।
  • राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली (नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम/NSWS) वर्तमान में 16 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में विभिन्न राज्य/केंद्र शासित प्रदेश स्तर की  स्वीकृति के अतिरिक्त 26 केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों से 248 गवर्नमेंट टू बिजनेस G2B निपटारे के लिए आवेदन स्वीकार करता है।

नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम (NSWS) पोर्टल

  • पोर्टल तेजी से निवेशक समुदाय के मध्य लोकप्रिय हो रहा है एवं आज की तारीख में लगभग 3.7 लाख से अधिक विशिष्ट आगंतुक हैं।
  • राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली (नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम/NSWS) के माध्यम से 44,000 से अधिक अनुमोदन प्रदान किए गए हैं एवं 28,000 से अधिक अनुमोदन वर्तमान में प्रक्रियाधीन हैं।
  • पोर्टल उपयोगकर्ता/उद्योग प्रतिक्रिया के आधार पर उत्तरोत्तर बड़ी संख्या में अनुमोदन एवं लाइसेंस प्रदान करेगा।
  • सरकार सभी क्षेत्रों में एक अनुकूल व्यापार तथा निवेश वातावरण निर्मित करने के लिए सुधारों एवं अन्य साहसिक उपायों हेतु प्रतिबद्ध है।
  • केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य तथा सार्वजनिक वितरण एवं कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल द्वारा 22 सितंबर 2021 को समस्त हितधारकों एवं जनता के लिए राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली को सॉफ्ट लॉन्च किया गया था।
  • राष्ट्रीय एकल खिड़की पर को उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड/DPIIT) द्वारा एक निवेश निकासी प्रकोष्ठ (इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस सेल/ICC) के निर्माण की बजट घोषणा के अनुसार निवेशकों, उद्यमियों तथा भारत में व्यवसाय द्वारा आवश्यक अनुमोदन एवं स्वीकृति की पहचान करने तथा प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए निर्मित किया गया था।
  • इस प्रणाली की परिकल्पना विभिन्न मंत्रालयों को सूचना प्रस्तुत करने के दोहराव को कम करने, अनुपालन बोझ को कम करने, क्षेत्र विशेष के सुधारों एवं योजनाओं को प्रोत्साहित करने, परियोजनाओं की निर्माण अवधि को कम करने तथा व्यवसाय को प्रारंभ करने एवं संचालित करने में सुगमता को प्रोत्साहित करने हेतु की गई है।
  • राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली (एनएसडब्ल्यूएस) सभी एकीकृत राज्यों एवं केंद्रीय विभागों के लिए अनुमोदन की पहचान, आवेदन एवं पश्चातवर्ती ट्रैकिंग को सक्षम बनाता है, जिससे यह एक वास्तविक राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली बन जाती है।

 

संयुक्त अभ्यास अग्नि वारियर

अभ्यास अग्नि वारियर हाल ही में चर्चा में क्यों है?

  • हाल ही में, 30 नवंबर 2022 को फील्ड फायरिंग रेंज, देवलाली (महाराष्ट्र) में अग्नि वारियर अभ्यास के 12वें संस्करण का समापन हुआ।
  • संयुक्त अभ्यास अग्नि वारियर 2022 का 12वां संस्करण 13 नवंबर 2022 को प्रारंभ हुआ था।

अभ्यास अग्नि वारियर

  • संयुक्त अभ्यास अग्नि वारियर 2022 के बारे में: संयुक्त अभ्यास अग्नि वारियर 2022 सिंगापुर एवं भारतीय सेना के मध्य एक द्विपक्षीय अभ्यास है।
  • भागीदारी: अग्नि वारियर अभ्यास में संयुक्त योजना प्रक्रिया के हिस्से के रूप में संयुक्त कंप्यूटर युद्ध-खेल में दोनों पक्षों द्वारा भागीदारी भी सम्मिलित थी।
    • अभ्यास के अंतिम चरण के दौरान स्वदेशी रूप से निर्मित आर्टिलरी गन तथा होवित्जर तोपों ने भी भाग लिया।
  • महत्व: अभ्यास अग्नि वारियर 2022 ने अभ्यास एवं प्रक्रियाओं की आपसी समझ बढ़ाने तथा दोनों सेनाओं के मध्य अंतर संचालनीयता में सुधार लाने के अपने उद्देश्य को प्राप्त किया।

अग्नि वारियर 2022 अभ्यास के तहत प्रमुख कार्यक्रम

  • अभ्यास अग्नि वारियर, जिसमें दोनों सेनाओं की तोपख़ाना (आर्टिलरी) शाखा द्वारा संयुक्त मारक क्षमता योजना, निष्पादन एवं आधुनिक पीढ़ी के उपकरणों का उपयोग शामिल है।
  • दोनों पक्षों ने संयुक्त प्रशिक्षण चरण के भाग के रूप में उन्नत प्रौद्योगिकी एवं आर्टिलरी ऑब्जर्वेशन सिमुलेटर का उपयोग किया।
  • आर्टिलरी में आधुनिक रुझानों एवं आर्टिलरी योजना प्रक्रिया के शोधन पर विशेषज्ञ अकादमिक चर्चा आयोजित की गई।

 

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manish

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