हम कैसे कह सकते हैं कि एनपीए एवं अशोध्य ऋण अब सिरदर्द नहीं हैं: सितंबर 2022 में, सभी अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों (शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंक्स/एससीबी) का सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स/जीएनपीए) अनुपात सात वर्ष के निम्नतम स्तर पर था एवं निवल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (नेट नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स/एनएनपीए) अनुपात दस वर्ष के निम्नतम स्तर पर था, भारतीय रिजर्व बैंक के नवीनतम आंकड़ों से पता चला है।
इन दो डेटा बिंदुओं से पता चलता है कि गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों का मुद्दा, जो 2015 में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एक विस्तृत परिसंपत्ति गुणवत्ता समीक्षा के बाद बैंकों के लिए एक प्रमुख सिरदर्द था, अब उतना चिंताजनक नहीं रहा है।
यद्यपि, वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने दिसंबर में राज्यसभा को बताया कि अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) द्वारा विगत पांच वित्तीय वर्षों के दौरान कुल 10.1 लाख करोड़ रुपये का ऋण माफ किया गया। ध्यातव्य है कि अभी तक 1.32 लाख करोड़ रुपए ही वसूले जा सके हैं। प्रत्याहरण (राइट-ऑफ़) के प्रतिशत के रूप में, यह मात्र लगभग 13% आता है।
2021-2022 के केंद्रीय बजट में एक राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी लिमिटेड (नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड/NARCL) की घोषणा की गई थी, जो चरणबद्ध तरीके से लगभग 2 लाख करोड़ रुपए के स्ट्रेस्ड लोन को हल करेगी।
एससीबी के स्लिपेज अनुपात में गिरावट: एनपीए में कमी का एक महत्वपूर्ण कारक एससीबी के स्लिपेज अनुपात में गिरावट है। स्लिपेज अनुपात एक वर्ष में एनपीए के नए संचयन को दर्शाता है। स्लिपेज अनुपात की गणना अवधि के प्रारंभ में नए एनपीए को मानक अग्रिमों से विभाजित करके की जाती है। एससीबी के लिए सितंबर 2022 में स्लिपेज अनुपात लगभग 2% है, जो कम से कम 2015 के बाद से सबसे कम है।
बैंक के बहीखाता से उन्हें प्रत्याहरित किया गया: बैंक स्वेच्छा से स्वस्थ तुलन पत्र (बैलेंस शीट) बनाए रखने के लिए एनपीए को प्रत्याहरित करने का विकल्प चुनते हैं। वित्त वर्ष 23 की पहली छमाही में, जीएनपीए के अनुपात के रूप में ऋण प्रत्याहरण (राइट-ऑफ) लगातार दो वर्षों तक गिरावट के बाद थोड़ा बढ़कर 22.6% हो गया। अतः, घटते स्लिपेज एवं बढ़ते प्रत्याहरण (राइट-ऑफ) दोनों के संयोजन ने अशोध्य ऋणों को कई वर्षों में अपने निम्नतम बिंदु पर ला दिया।
क्षेत्रों में भारी बदलाव: एक अन्य कारक जिसने ऊपर उल्लिखित सभी परिवर्तनों का नेतृत्व किया, वह उन क्षेत्रों में व्यापक परिवर्तन है, जिन्हें बैंकों ने वित्त पोषित किया। 2016 में, सभी बकाया ऋण का 40% उद्योगों को दिया गया, जबकि मात्र 20% खुदरा ऋण के रूप में दिया गया था। हालाँकि, 2022 तक, खुदरा ऋणों की हिस्सेदारी उद्योग ऋण से अधिक हो गई।
रिकवरी तंत्र: उद्योग क्षेत्र में एनपीए को दिवालियापन एवं शोधन अक्षमता संहिता जैसे वसूली तंत्र के संयोजन से एवं उद्योगों को कम नए ऋण जारी करके भी नीचे लाया गया है। दूसरी ओर, खुदरा क्षेत्र में अशोध्य ऋण नाममात्र ही होते हैं।
प्र. एनएआरसीएल क्या है?
उत्तर. 2021-2022 के केंद्रीय बजट में एक राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी लिमिटेड (नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड/NARCL) की घोषणा की गई थी, जो चरणबद्ध तरीके से लगभग 2 लाख करोड़ रुपए के स्ट्रेस्ड लोन को हल करेगी।
प्र. अशोध्य ऋण क्या है?
उत्तर. – अशोध्य ऋण (बैड लोन) वह होता है जिसे एक निश्चित अवधि के लिए ‘चुकाया’ नहीं गया है।
– ऋण चुकाने का अर्थ है ब्याज एवं मूलधन के एक छोटे से हिस्से का भुगतान – बैंक एवं ऋणग्राही के मध्य समझौते के आधार पर – ताकि समय के साथ, आप मूलधन के साथ-साथ अवधि में अर्जित ब्याज का भी भुगतान कर सकें।
A National Asset Reconstruction Company Ltd. (NARCL) was announced in the Union Budget for 2021-2022 to resolve stressed loans amounting to about ₹2 lakh crore in phases.
- A bad loan is that which has not been ‘serviced’ for a certain period.
- Servicing a loan is paying back the interest and a small part of the principal — depending on the agreement between bank and borrower — to begin with so that over time, you pay back the principal as well as the interest accrued in the duration.
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