Home   »   WTO Ministerial Conference   »   WTO Ministerial Conference 2022

संपादकीय विश्लेषण- एमसी12 ओवर,  इट्स ‘गेन्स’ फॉर द डेवलप्ड वर्ल्ड

डब्ल्यूटीओ मंत्रिस्तरीय सम्मेलन 2022- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े एवं/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।

संपादकीय विश्लेषण- एमसी12 ओवर,  इट्स 'गेन्स' फॉर द डेवलप्ड वर्ल्ड_3.1

डब्ल्यूटीओ मंत्रिस्तरीय सम्मेलन 2022 चर्चा में क्यों है?

  • यह आलेख विश्व व्यापार संगठन (वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन/डब्ल्यूटीओ) के हाल ही में संपन्न 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (मिनिस्टीरियल कॉन्फ्रेंस/एमसी12) में प्रमुख लाभ एवं हानि पर चर्चा करता है। 
  • यहां तक ​​कि विश्व व्यापार संगठन की मंत्रिस्तरीय बैठक के परिणामों की एक सरसरी जांच भी हमें इसमें कोई संदेह नहीं छोड़ती है कि यूरोपीय संघ (यूरोपियन यूनियन/ईयू) तथा कुछ अन्य विकसित देश भारी विजेता हैं, जबकि भारत स्वयं को हारने वाले पक्ष में पाता है।

 

डब्ल्यूटीओ मंत्रिस्तरीय सम्मेलन 2022-  कोविड-19 एवं ट्रिप्स छूट

  • तथाकथित ट्रिप्स छूट पर विश्व व्यापार संगठन के मंत्रिस्तरीय परिणाम यूरोपीय संघ के लिए सर्वाधिक लाभ का प्रतिनिधित्व करते हैं। 
  • विकासशील देशों का रुख: अक्टूबर 2020 में, भारत एवं दक्षिण अफ्रीका ने पेटेंट, कॉपीराइट, औद्योगिक डिजाइन तथा व्यापार रहस्य जैसे बौद्धिक संपदा अधिकारों के संरक्षण को अस्थायी रूप से निलंबित करने का प्रस्ताव रखा। 
  • ऐसा इसलिए किया गया ताकि संकट से उबरने एवं कोविड-19 महामारी से लड़ने में सहायता करने हेतु टीकों के उत्पादन, चिकित्सा विज्ञान एवं निदान में तेजी लाई जा सके। 
  • प्रस्ताव को विश्व व्यापार संगठन में लगभग 100 देशों का समर्थन प्राप्त हुआ। 
  • विकसित देशों का रुख: जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम, जापान, स्विट्जरलैंड एवं संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस मुद्दे पर वैश्विक मत के विपरीत पक्ष पर स्वयं को पाया। 
  • जून-जुलाई 2021 में, एक छलपूर्ण कदम में, यू.एस. ने प्रस्ताव को अपना समर्थन दिया, किंतु इसे टीकों तक सीमित कर दिया। 
  • इस प्रक्रिया में, उसने बर्नी सैंडर्स एवं एलिजाबेथ वॉरेन सहित अपने घरेलू घटकों के साथ शांति की प्राप्ति की। 
  • अन्य विकसित देशों, विशेष रूप से जर्मनी एवं ब्रिटेन ने स्वयं को अपने नागरिक समाज संगठनों तथा प्रमुख राय निर्माताओं के क्रोध के प्राप्ति बिंदु पर पाया।

 

 

डब्ल्यूटीओ मंत्रिस्तरीय सम्मेलन 2022- यूरोपीय संघ को प्राप्त लाभ

  • यूरोपीय संघ का प्रति प्रस्ताव: इसने भारत एवं दक्षिण अफ्रीका द्वारा किए गए प्रस्ताव को कमजोर करने के लिए एक प्रति-प्रस्ताव बनाया। 
  • इस प्रति प्रस्ताव ने पेटेंट नियमों में अनिवार्य लाइसेंसिंग के कुछ प्रक्रियात्मक पहलुओं में एक कॉस्मेटिक सरलीकरण प्रदान किया। 
  • पूर्णतः अपारदर्शी प्रक्रिया में, मार्च 2022 तक, भारत एवं दक्षिण अफ्रीका को यूरोपीय संघ के प्रस्ताव को स्वीकार करने हेतु बाध्य किया गया। 
  • एमसी 12 परिणाम: MC12 में अंतिम परिणाम विश्व व्यापार संगठन की नियम पुस्तिका में पूर्व से उपस्थित बातों में अत्यल्प बिंदुओं को जोड़ता है। 
  • विकासशील देशों के लिए मामलों को बदतर बनाने के लिए, यह कठोर शर्तों को जोड़ता है जो विश्व व्यापार संगठन की नियम पुस्तिका में नहीं हैं। 
  • ट्रिप्स छूट के परिणाम ने यूरोपीय संघ को एक छवि बचाने वाला प्रावधान किया है, क्योंकि यह अब अपने नागरिक समाज संगठनों की आंखों में देख सकता है एवं आत्मविश्वास से कह सकता है कि उसने  विश्व को कोविड-19 से सुरक्षित करने हेतु अपना दायित्व पूरा किया है। 
  • अंतिम परिणाम लगभग अव्यावहारिक; यूरोपीय संघ के लिए एक बड़ी जनसंपर्क विजय है। 
  • यूरोपीय संघ की दो मोर्चों पर विजय: यूरोपीय संघ ने दो अन्य क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण लाभ अर्जित किया है – विश्व व्यापार संगठन में सुधार तथा पर्यावरण के मुद्दे। 
  • विश्व व्यापार संगठन में सुधार के नाम पर, यूरोपीय संघ ने विश्व व्यापार संगठन के संस्थागत ढांचे में मूलभूत परिवर्तन करने की मांग की। 
  • इसने विश्व व्यापार संगठन की प्रक्रियाओं में निजी क्षेत्र को औपचारिक भूमिका देने की भी मांग की तथा इसने इन दोनों उद्देश्यों को मंत्रिस्तरीय परिणाम में प्राप्त किया है। 
  • यूरोपीय संघ ने विश्व व्यापार संगठन में व्यापार एवं पर्यावरण से संबंधित मुद्दों पर वार्ता करने हेतु एक खिड़की बनाने में भी  सफलता प्राप्त की है, जो अनेक विकासशील देशों के लिए चिंता का विषय है।

 

विश्व व्यापार संगठन मंत्रिस्तरीय सम्मेलन 2022- भारत की विफलता 

  • सार्वजनिक स्टॉक होल्डिंग के स्थायी समाधान को सुरक्षित करने में विफलता: 80 से अधिक विकासशील देशों के समर्थन के बावजूद, इस मुद्दे को मंत्रिस्तरीय परिणाम में कहीं भी उल्लेख नहीं मिला है। 
  • इसके स्थान पर, विश्व व्यापार संगठन के सदस्य इस बात पर सहमत होकर भारत के हितों से ध्यान हटाने में सफल रहे हैं कि खाद्य सुरक्षा बहुआयामी है, जिसके लिए व्यापक समाधान की आवश्यकता है। 
  • अन्य विफलताएं: भारत स्वयं के अनेक अन्य उद्देश्यों में भी विफल रहा है, जैसे इलेक्ट्रॉनिक प्रसारण पर कर आरोपित कर राजस्व बढ़ाने का अधिकार प्राप्त करना। 
  • मत्स्य पालन सब्सिडी के क्षेत्र में, मछली पकड़ने एवं रिपोर्टिंग के अनुश्रवण हेतु उपयुक्त नियामक तंत्र स्थापित करने के लिए दो वर्ष का समय प्राप्त होता है। अन्यथा, पारंपरिक मछुआरों को सब्सिडी प्रतिबंधित कर दी जाएगी। 
  • यद्यपि इसने स्वयं के मत्स्यन बेड़े को बढ़ाने के लिए सब्सिडी प्रदान करने के लिए एक अस्थायी राहत प्राप्त की है, किंतु भविष्य की वार्ताओं में इस मुद्दे पर एक कठिन लड़ाई लड़नी होगी। 
  • इसके अतिरिक्त, ट्रिप्स छूट के परिणाम इसके प्रस्तावों के समान नहीं हैं।

संपादकीय विश्लेषण- एमसी12 ओवर,  इट्स 'गेन्स' फॉर द डेवलप्ड वर्ल्ड_4.1

निष्कर्ष

  • कुल मिलाकर विश्व व्यापार संगठन में भारत के लिए आगे की राह कठिन है। भारत के वार्ताकारों को एमसी12 में गतिशीलता से सबक सीखने एवं दिशा में सुधार करने हेतु आत्म परीक्षण करने की आवश्यकता है।

 

केंद्र ने भारत के संबंध विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2022 के निष्कर्ष निष्कर्ष को खारिज किया भारत की प्राकृतिक वनस्पति राष्ट्रीय संस्कृति कोष (एनसीएफ) किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में प्रगति
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर संपादकीय विश्लेषण- इंडियाज क्लाइमेट इंपरेटिव ‘स्प्रिंट चैलेंजेज’: भारतीय नौसेना में स्वदेशी प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना ग्रेट इंडियन बस्टर्ड
श्रीलंका में आपातकालीन शासन गोपाल गणेश आगरकर- भारतीय समाज सुधारक, शिक्षाविद एवं विचारक बिल्ट ऑपरेट ट्रांसफर मॉडल संपादकीय विश्लेषण: सतर्कता का समय

Sharing is caring!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *