Categories: हिंदी

एक देश एक उर्वरक योजना

वन नेशन वन फर्टिलाइजर स्कीम- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • सामान्य अध्ययन III- अर्थव्यवस्था पर उदारीकरण के प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर उनके प्रभाव।

वन नेशन वन फर्टिलाइजर स्कीम चर्चा में क्यों है?

  • रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय “प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना” (पीएमबीजेपी) नामक उर्वरक सब्सिडी योजना के तहत उर्वरकों एवं लोगो के लिए एकल ब्रांड की शुरुआत करके वन नेशन वन फर्टिलाइजर (ओएनओएफ) को लागू करेगा।

 

वन नेशन वन फर्टिलाइजर (ONOF)

  • यूरिया, डीएपी, एमओपी एवं एनपीके इत्यादि के लिए एकल ब्रांड नाम क्रमशः भारत यूरिया, भारत डीएपी, भारत एमओपी एवं भारत एनपीके इत्यादि सभी उर्वरक कंपनियों, राज्य व्यापार संस्थाओं (स्टेट ट्रेडिंग एंटिटीज/एसटीई) एवं उर्वरक विपणन संस्थाओं ( फर्टिलाइजर मार्केटिंग एंटिटीज/एफएमई) के लिए होंगे।
  • साथ ही, उर्वरक सब्सिडी योजना को प्रदर्शित करने वाला एक लोगो, जिसका नाम प्रधानमंत्री भारतीय जनुर्वरक परियोजना है, का उपयोग उर्वरक की बोरियों पर किया जाएगा।
  • इस योजना के तहत, कंपनियों को अपने बैग के एक तिहाई स्थान पर ही अपना नाम, ब्रांड, लोगो एवं उत्पाद  से संबंधित अन्य प्रासंगिक जानकारी प्रदर्शित करने की अनुमति है।
  • शेष दो-तिहाई स्थान पर “भारत” ब्रांड तथा प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना लोगो  प्रदर्शित करना होगा।

 

इस योजना को प्रारंभ करने के लिए सरकार का क्या तर्क है?

कंपनियों द्वारा विपणन किए जा रहे सब्सिडी वाले सभी उर्वरकों के लिए एकल ‘भारत’ ब्रांड पेश करने के लिए सरकार के तर्क इस प्रकार हैं:

  • यूरिया का अधिकतम खुदरा मूल्य वर्तमान में सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है, जो कंपनियों को उनके द्वारा वहन किए गए विनिर्माण अथवा आयात की उच्च लागत के लिए क्षतिपूर्ति प्रदान करता है।
  • गैर-यूरिया उर्वरकों  के अधिकतम खुदरा मूल्य (मैक्सिमम रिटेल प्राइस/एमआरपी) वास्तविक रुप से नियंत्रण मुक्त कर दी गई है।
  • किंतु कंपनियां सब्सिडी का लाभ नहीं उठा सकती हैं यदि वे सरकार द्वारा अनौपचारिक रूप से इंगित  अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक पर विक्रय करते हैं।
  • सीधे शब्दों में कहें, कुछ 26 उर्वरक (यूरिया सहित) हैं, जिन पर सरकार सब्सिडी वहन करती है तथा एमआरपी भी प्रभावी ढंग से निर्धारित करती है।
  • कंपनियां किस कीमत पर बेच सकती हैं, सब्सिडी देने तथा निर्धारित करने के अतिरिक्त, सरकार यह भी  निर्धारित करती है कि वे कहां बेच सकती हैं।
  • यह उर्वरक (संचलन) नियंत्रण आदेश, 1973 के माध्यम से किया जाता है।
  • इसके तहत उर्वरक विभाग निर्माताओं तथा आयातकों के परामर्श से सब्सिडी वाले सभी उर्वरकों पर एक सहमत मासिक आपूर्ति योजना तैयार करता है।
  • यह आपूर्ति योजना आगामी माह के लिए प्रत्येक माह की 25 तारीख से पहले जारी की जाती है, साथ ही विभाग दूरस्थ क्षेत्रों सहित आवश्यकता के अनुसार उर्वरक उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से संचलन का अनुश्रवण भी करता है।
  • सरकार उर्वरक सब्सिडी पर भारी रकम खर्च कर रही है (2022-23 में बिल 200,000 करोड़ रुपये को पार कर सकता है)।
  • यह निर्धारित करके कि कंपनियां कहां एवं किस कीमत पर बेच सकती हैं, स्वाभाविक तौर पर वह क्रेडिट लेना चाहती है एवं उस संदेश को किसानों तक पहुंचाना चाहती है।

योजना की संभावित कमियां

  • यह उर्वरक कंपनियों को विपणन एवं ब्रांड प्रचार गतिविधियों को प्रारंभ करने से हतोत्साहित कर सकता है।
  • उन्हें अब सरकार के लिए अनुबंध निर्माताओं एवं आयातकों तक सीमित कर दिया जाएगा। किसी भी कंपनी की क्षमता अंतत: दशकों से निर्मित उसके ब्रांड एवं किसानों का विश्वास है।
  • वर्तमान में, उर्वरकों के किसी भी बैग या बैच के आवश्यक मानकों को पूरा नहीं करने की स्थिति में, दोष कंपनी पर डाला जाता है। किंतु अब, यह दोष पूर्ण रूप से सरकार को दिया जा सकता है।
  • राजनीतिक रूप से, यह योजना सत्तारूढ़ दल को लाभ पहुंचाने के स्थान पर विपरीत प्रभाव डाल सकती है।

 

अर्थ गंगा मॉडल जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप जी 20 की भारत की अध्यक्षता – भारत के विकास के लिए अवसर सतत जल प्रबंधन के लिए बांध सुरक्षा विधेयक
वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल विदेशी निवेश नियम बेनामी कानून राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार- 2022
संपादकीय विश्लेषण- हेडिंग द जी20 एंड न्यू डेल्हीज चॉइसेज टोमेटो फ्लू- कारण, लक्षण, रोकथाम एवं उपचार स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2022 भारत की स्वदेशी रूप से विकसित पहली हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस लॉन्च की गई
manish

Recent Posts

India Mountain Passes: State Wise, Facts and Highest Pass

India Mountain Passes as a crucial route through mountainous terrain, acting as a gateway to…

49 mins ago

Himalayas Longitudinal Division- Insight, Facts, Explanation

The Himalayas Longitudinal Division encompasses three main divisions: the Kashmir/Punjab/Himachal Himalayas, the Kumaun Himalayas, and…

2 hours ago

India’s Varied Rock Systems: Archaean, Purana, Dravidian, and Aryan Explained

The subcontinent's geological past can be derived from the dynamic and complex process of classifying…

3 hours ago

National Council for Transgender Persons- Function, Composition

Established under the Transgender Persons Protection of Rights Act 2019 by the Ministry of Social…

6 hours ago

What is Article 370 of the Indian Constitution?, History

Last year on December 11, the Supreme Court ruled on the 2019 amendment to Article…

6 hours ago

Chhattisgarh Judiciary Previous Year Question Papers PDF

Accessing previous year question papers from the Chhattisgarh Judiciary provides invaluable insights and preparation opportunities…

7 hours ago