उत्तर पूर्वी अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एनईएसएसी) – यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां; प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण तथा नवीन तकनीक विकसित करना।
उत्तर पूर्वी अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एनईएसएसी) चर्चा में क्यों है?
- केंद्र सरकार ने बताया कि पूर्वोत्तर अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (नॉर्थ ईस्टर्न स्पेस एप्लीकेशंस सेंटर/एनईएसएसी), शिलांग 2024 तक आठ पूर्वोत्तर राज्यों में 110 परियोजनाओं को निष्पादित करेगा।
- एनईएसएसी ने आठ राज्यों के नोडल विभागों द्वारा कार्य योजना (प्लान ऑफ एक्शन/पीओए) तैयार करने का समन्वय किया है।
- ये परियोजनाएं कृषि, जल संसाधन, वानिकी एवं पारिस्थितिकी, योजना तथा विकास, यूएवी सुदूर संवेदन (रिमोट सेंसिंग) तथा आपदा प्रबंधन सहायता के क्षेत्र में हैं, जिसमें पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ( मिनिस्ट्री ऑफ डेवलपमेंट ऑफ नॉर्थ ईस्टर्न रीजन/MoDONER), विज्ञान विभाग तथा राज्य सरकारों से संयुक्त वित्त पोषण है।
उत्तर पूर्वी अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एनईएसएसी)
- उत्तर पूर्वी अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एनईएसएसी) के बारे में: पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी आगत एवं सेवाएं प्रदान करने के लिए 2000 में उत्तर पूर्वी अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एनईएसएसी) की स्थापना की गई थी।
- स्थापना: उत्तर पूर्वी अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एनईएसएसी) की स्थापना अंतरिक्ष विभाग द्वारा उत्तर पूर्वी परिषद (नॉर्थ ईस्टर्न काउंसिल/एनईसी) के साथ संयुक्त रूप से की गई थी।
- NESAC मेघालय सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1983 के तहत पंजीकृत एक सोसायटी है।
- अधिदेश: एनईएसएसी के पास अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहायता प्रदान करके भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) के समग्र विकास में उत्प्रेरक भूमिका अदा करने हेतु उच्च प्रौद्योगिकी अवसंरचना समर्थन विकसित करने का अधिदेश है।
उत्तर पूर्वी अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एनईएसएसी) के उद्देश्य
- क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों के विकास/प्रबंधन एवं आधारभूत संरचना योजना से संबंधित क्रियाकलापों का समर्थन करने के लिए एक क्रियाशील सुदूर संवेदन (रिमोट सेंसिंग) तथा भौगोलिक सूचना प्रणाली सहायता प्राप्त प्राकृतिक संसाधन सूचना आधार प्रदान करना।
- शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, आपदा प्रबंधन सहायता एवं विकासात्मक संचार में क्षेत्र में क्रियाशील उपग्रह संचार अनुप्रयोग सेवाएं प्रदान करना।
- अंतरिक्ष एवं वायुमंडलीय विज्ञान क्षेत्र में अनुसंधान करना तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के साथ एक यंत्र विन्यास केंद्र (इंस्ट्रूमेंटेशन हब) एवं नेटवर्किंग स्थापित करना।
- आपदा प्रबंधन के लिए सभी संभव अंतरिक्ष आधारित सहायता की एकल खिड़की वितरण को सक्षम करना।
- भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्षमता निर्माण के लिए क्षेत्रीय स्तर की आधारिक अवसंरचना की स्थापना करना।
उत्तर पूर्वी अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एनईएसएसी) – प्रमुख उपलब्धियां
उत्तर पूर्वी अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एनईएसएसी) ने उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लिए निम्नलिखित प्रमुख मील के पत्थर विकसित एवं प्राप्त किए हैं जिनमें सम्मिलित हैं-
- उत्तर पूर्वी स्थानिक आंकड़ा कोष ( नॉर्थ ईस्टर्न स्पतियल डेटा रिपोजिटरी/एनईएसडीआर) का कार्यान्वयन
- रेशम उत्पादन एवं बागवानी के विकास के लिए संभावित क्षेत्रों की पहचान,
- सुदूर संवेदन आधारित वन कार्य योजना एवं नदी एटलस,
- पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय द्वारा प्रायोजित परियोजनाओं का अनुश्रवण एवं वन अधिकारों के रिकॉर्ड (रिकॉर्ड ऑफ फॉरेस्ट राइट्स/RoFR) के सर्वेक्षण के लिए भू-स्थानिक प्रणाली,
- असम के लिए बाढ़ पूर्व चेतावनी प्रणाली (FLEWS), एवं
- बिम्सटेक क्षेत्र के पेशेवरों सहित प्रशिक्षण तथा क्षमता निर्माण गृह मंत्रालय के सुझाव के अनुसार पूर्वोत्तर राज्यों के मध्य सीमा विवादों को निपटाने में सहायता के लिए उपग्रह मानचित्रण (सैटेलाइट इमेजिंग) आधारित इनपुट।