Table of Contents
‘मादक द्रव्यों की तस्करी एवं राष्ट्रीय सुरक्षा’- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां-
- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
‘मादक द्रव्यों की तस्करी एवं राष्ट्रीय सुरक्षा’ चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा मादक द्रव्यों की तस्करी एवं राष्ट्रीय सुरक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन चंडीगढ़ में आयोजित किया गया था।
मादक द्रव्यों की तस्करी एवं राष्ट्रीय सुरक्षा
- मादक द्रव्यों की तस्करी एवं राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में: मादक द्रव्यों की तस्करी एवं राष्ट्रीय सुरक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन मादक द्रव्यों का अवैध व्यापार एवं इसके प्रभाव, विशेष रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा पर जागरूकता उत्पन्न करने के लिए किया जाता है।
- अध्यक्ष: केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में ‘मादक द्रव्यों की तस्करी एवं राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया।
- नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) पुरस्कार: यह केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा सर्वश्रेष्ठ तीन प्रदर्शन के लिए प्रदान किया गया था –
- एनएमबीए राज्य अर्थात मध्य प्रदेश पहले स्थान पर, जम्मू कश्मीर दूसरे स्थान पर एवं गुजरात तीसरे स्थान पर तथा
- एनएमबीए जिले प्रथम स्थान पर दतिया, थौबल द्वितीय एवं चंडीगढ़ तीसरे स्थान पर हैं।
नवचेतना मॉड्यूल विमोचित
- नवचेतना (विद्यालय जाने वाले बच्चों के लिए जीवन कौशल एवं मादक द्रव्यों की शिक्षा पर एक नवीन चेतना) के कक्षा 6 से 8 एवं कक्षा 9 से 11 तक के दो मॉड्यूल विमोचित किए गए।
- नवचेतना मूल रूप से एक शिक्षक प्रशिक्षण मॉड्यूल है एवं भारत में विद्यालयों में छात्रों के मध्य जीवन कौशल तथा मादक द्रव्यों पर जागरूकता एवं शिक्षा में वृद्धि करेगा।
- नवचेतना की पहुंच एवं प्रभाव को और सुदृढ़ करते हुए, प्रशिक्षण सामग्री का भारत की 12 क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किया जा रहा है।
- शिक्षक सहायता सहायता के रूप में, प्रत्येक मॉड्यूल दीक्षा (DIKSHA) पोर्टल (शिक्षा मंत्रालय का डिजिटल शैक्षिक मंच) पर अपलोड किए जाने वाले वीडियो के रूप में उपलब्ध होगा।
- मंत्रालय ने एक वर्ष में नवचेतना मॉड्यूल के माध्यम से 10 लाख शिक्षकों एवं 2.4 करोड़ छात्रों के मध्य जागरूकता के सृजन का लक्ष्य रखा है।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी)- प्रमुख बिंदु
- नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के बारे में: एनसीबी का गठन सरकार द्वारा 1986 में स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट), 1985 के प्रावधानों के अनुसार किया गया था।
- मुख्यालय: नई दिल्ली।
- मूल मंत्रालय: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो गृह मंत्रालय के समग्र पर्यवेक्षण में कार्य करता है।
- नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का अधिदेश: केंद्र सरकार के पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण के अधीन, केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट) के तहत ऐसे मामलों के संबंध में आवश्यक कदम उठाने हेतु गठित।
- संवैधानिक आधार: स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थों पर राष्ट्रीय नीति भारतीय संविधान के अनुच्छेद 47 में निहित निर्देशक सिद्धांतों पर आधारित है।
- अनुच्छेद 47: यह राज्य को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मादक द्रव्यों के औषधीय प्रयोजनों को छोड़कर, उपभोग पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास करने का निर्देश देता है।
- अंतर्राष्ट्रीय दायित्व: भारत विभिन्न अंतरराष्ट्रीय अभिसमयों एवं प्रोटोकॉल का एक हस्ताक्षरकर्ता है, जो विभिन्न मादक द्रव्यों से संबंधित मुद्दों के प्रभावी कार्यान्वयन को अधिदेशित करता है। वे हैं-
- स्वापक औषधियों (नारकोटिक ड्रग्स) पर अभिसमय 1961, 1972 के प्रोटोकॉल द्वारा संशोधित,
- मन:प्रभावी पदार्थों पर अभिसमय, 1971 एवं
- स्वापक औषधियों तथा मन:प्रभावी पदार्थों के अवैध व्यापार के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र अभिसमय, 1988।